स्वच्छता सर्वेक्षण रैंक होती है प्रभावित
शहर से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए समीपवर्ती नियाणा में 7 करोड़ की लागत से प्रस्तावित कचरा निस्तारण केंद्र 12 साल के लंबे इंतजार के बाद भी शुरू नहीं हो पा रहा है। कचरा निस्तारण केंद्र शुरू नहीं होने से प्रतिदिन निकलने वाला 45 से 50 टन कचरा नगर परिषद की ओर से शहर के एंट्री मार्गो पर ही डाला जा रहा है। संवेदक कंपनी की ओर से काम शुरू करने पर पिछले दिनों नगर परिषद ने फर्म को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। लंबा समय बीतने के बावजूद उच्च स्तर से टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। हाल ही में राज्य स्तर से प्रदेश के 19 जिलों में कचरा निस्तारण केंद्रों के लिए स्वीकृति जारी कर दी है, लेकिन इस सूची में भी बारां को बजट नहीं मिल सका है। जिला मुख्यालय पर करीब 7 करोड़ रुपए की लागत से कचरा निस्तारण केंद्र प्रस्तावित है।
इसके लिए नगर परिषद ने साल 2011 में नियाणा गांव में कचरा निस्तारण केंद्र का कार्य शुरू किया था। भवन बनने के बाद काफी समय एनवाॅयरमेंट एनओसी लेने में बर्बाद हो गया। इसके बाद इसे संचालित करने के लिए एक निजी कंपनी को टेंडर दिया था, लेकिन उसने भी कार्य नहीं किया। पिछले दिनों आयुक्त बृजेश रॉय ने ज्वाइनिंग के कुछ दिन बाद नोटिस देने के बाद भी जब कार्य शुरू नहीं हुआ तो नगर परिषद ने कंपनी को ब्लैक लिस्ट करते हुए धरोहर राशि करीब साढ़े 5 लाख रुपए जब्त किए हैं।
फर्म ने अधूरा छाेड़ दिया था काम, फिर भी मिली स्वीकृति
सरकार की ओर से चयनित 19 निकायों की सूची में बारां को शामिल नहीं किया है। इस सूची में बूंदी को शामिल किया है। सूत्रों ने बताया कि बूंदी में भी पूर्व में प्रस्तावित कचरा निस्तारण केंद्र का टेंडर जिस कंपनी को दिया था। उसी के पास बारां के नियाणा स्थित कचरा निस्तारण केंद्र का कार्य था, लेकिन कंपनी की ओर से दोनों जगहों पर ही कार्य शुरू नहीं किया गया था। सूत्रों का कहना है कि कचरा निस्तारण केंद्र के लिए लंबे समय तक जिम्मेदारों की ओर से अनदेखी की गई। इसी के चलते बारां में कचरा निस्तारण प्लांट को लेकर फिर से बजट स्वीकृति नहीं मिल सकी है।