30/05/2023
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अंजनशलाका महोत्सव में दी पुत्र जन्म की बधाई, गुरुजनों ने किया नामकरण

गुणवर्धन शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर तीर्थ ट्रस्ट, संचालित श्री जय त्रिभुवन विमल विहार तीर्थ धाम पर आयोजित प्राण प्रतिष्ठा महामहोत्सव के छठे दिवस पर सुप्रभातम समय में समस्त ढोल-नगाडे, शहनाई एवं नृत्य कलाकारों की अलग-अलग नृत्य व धुनदार मधुरमय संगीत से प्रभु भक्ति के अदभुत वातावरण में तल्लीन करके सभी को मग्न मोहित करते हुए की गई।

प्राण प्रतिष्ठा महा महोत्सव के महा संयोजक प्रकाशचन्द्र के संघवी सिरोड़ी वाला एवं ट्रस्ट मण्डल के पदस्थों ने बताया कि आयोजन प्रेरक  राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं तीर्थ अध्यक्ष श्रीमती उर्मिलाजी जैन भाया, जिला प्रमुख बारां ने परम पूज्य निश्रा दाता पूज्य प्रतिष्ठाचार्य श्री राजशेखर सूरीश्वरजी, श्री वीररत्न सूरीश्वरजी,  श्री रत्नाकरसूरीश्वरजी, श्री विश्वरत्नसागरजी, श्री पद्मभूषणसूरीश्वरजी, श्री निपुणरत्नसूरीश्वरजी महाराजा के पवित्र सानिध्य में धर्माचार्य संजयभाई पाइपवाला व कल्पेशभाई पंडित, सिरोड़ीवाला के विशिष्ठ विधिविधान के मंत्रोच्चार से संगीत सम्राट निराला संगीताचार्य, नरेंद्रभाई वाणीगोताजी, मुंबई के द्वारा हाड़ौती गौरव, देवलोक समा, कल्पवृक्ष संगमरमर श्वेत पाषाण में नवनिर्मित जिनालय में शास्त्रानुसार सर्व देव-देवी महापूजन व हवन विधि की गई।

श्री वानारसी नगर के राजदरबार में साजन माजन के साथ प्रवेश किया गया। राजदरबार में जन्म कल्याणक के शेष कार्यक्रम की सभा भरी गई। प्रियवन्दा दासी द्वारा राज राजेश्वर श्री अश्वसेन महाराजा को पुत्र जन्म की बधाई दी गई, तत्पश्चात् महारानी श्रीमति वामादेवी ने अपने सुपुत्र को लेकर राज दरबार में प्रवेश किया।
खुषी के समाचार सुनकर सामंत देश के महाराजा राजराजेश्वर श्री अपराजित महाराज महारानी के साथ मंगल घड़ी में वानारसी नगरी के राज दरबार पधारे एवं हर्षोल्लास के साथ एक-दूसरे के गले लगकर पुत्र जन्म की बधाई अर्पण की, जिससे पूरे राजदरबार व वानारसी नगरी में खुषी की लहर छा गई।

भुआ भूरोसा खिलौना, स्वर्ण आभूषण, रजत रमकडे, मेवा मिठाई लेकर गाजे-बाजे के साथ आगमन हुआ। पंडितजी को बुलाकर कुंडली बनवाकर पुत्र की राशि तुला आयी, भुआ ने राशि के मुताबिक पाश्र्व वकुमार के नाम से नामकरण किया गया। पाठशाला गमन, पाश्र्व कुमार का विधान संपन्न हुआ। महाराजा द्वारा पूरे राजदरबार व वारानसी नगरी में बच्चों को स्कूल बेग व प्रजाजनों को पेन व रजत मुद्रा बाटकर खुषी व्यक्त की। तीनों समय का श्री संघ स्वामी वात्सल्य रसवन्ती भोजन एवं अनेको आगंतुक हजारो आमजनो का प्रीतिभोज रखा गया। सात्विक एवम् जयना पूर्वक स्वादिष्ट भोजन की खुले मुँह से वानगियो की सराहना की। रात्रि में वानारसी नगरी में संगीत सम्राट निराला नरेंद्रभाई वाणीगोता द्वारा प्रभु भक्ति का भव्य अलग-अलग कलाकारों द्वारा संगीत के माध्यम से भक्ति करवाई गई। भारत भर से पधारे धर्मप्रेमीयो ने तीर्थ परिसर की व विशिष्ठ आयोजन वानारसी नगरी में अध्य्यंतन मंडप, सजावट, रोशनी एवम् नव निर्मित जिनालय की भूरि भूरि अनुमोदना की।

पूज्य प्रतिष्ठाचार्य श्री 24 मई को दीक्षा कल्याणक का भव्यतम वर्षिदान वरघोड़ा सुबह की नाश्ता नवकारसी करके सुबह 7-30 बजे चढ़ेगा एवं 25 मई को भगवान की प्रतिष्ठा सुबह 7-00 बजे सुसंपन्न होगी। सभी धर्म प्रेमियों को इसमें पधारने का आमन्त्रण दिया गया।

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