पंजाबी मूल के कनाडाई सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की बैंकूवर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना गुरुवार देर रात की है। वे अपनी कार में सवार होकर जा रहे थे तभी उनकी हत्या की गई है। रास्ते में बाइक सवार युवकों ने उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया। उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। सबूत मिटाने के लिए उन्होंने कार को जला दिया। साल 1985 के एयर इंडिया बम धमाकों में उनका नाम सामने आया था। लेकिन बाद में 2005 में उन्हें उस मामले में बरी कर दिया गया। यह अभी तक पता नहीं चल सका है।

हत्या के कारणों का पता नहीं
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि रिपुदमन को गोलियां काफी नजदीक से मारी गईं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्यारे एक कार में आए थे। कार को कुछ दूरी पर खड़ी कर फिर बाइक पर सवार हुए थे। हत्या करने के बाद आरोपियों ने कार को आग के हवाले कर दिया। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले में जांच में जुटी हुई है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि रिपुदमन को गोलियां काफी नजदीक से मारी गईं। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्यारे एक कार में आए थे। कार को कुछ दूरी पर खड़ी कर फिर बाइक पर सवार हुए थे। हत्या करने के बाद आरोपियों ने कार को आग के हवाले कर दिया। फिलहाल हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले में जांच में जुटी हुई है।
ब्लास्ट में 331 लोगों की चली गई थी जान
आपको बता दें कि एयर इंडिया की फ्लाइट 22 जून, 1985 को कनाडा से दिल्ली के रवाना हुई थी। आयरिश एयर स्पेस में विस्फोट होने से 22 क्रू मेंबर सहित 331 यात्रियों की जान चली गई थी। कनाडा में रहने वाले सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक को इस मामले में आरोपी माना गया। घटना के 20 साल बाद उन्हें निर्दोष पाया गया और 2005 में बरी कर दिया गया।
आपको बता दें कि एयर इंडिया की फ्लाइट 22 जून, 1985 को कनाडा से दिल्ली के रवाना हुई थी। आयरिश एयर स्पेस में विस्फोट होने से 22 क्रू मेंबर सहित 331 यात्रियों की जान चली गई थी। कनाडा में रहने वाले सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक को इस मामले में आरोपी माना गया। घटना के 20 साल बाद उन्हें निर्दोष पाया गया और 2005 में बरी कर दिया गया।
एक दशक तक थे इंडियन ब्लैक लिस्ट
रिपुदमन सिंह कनाडा के एक सफल कारोबारी के साथ-साथ सिख संस्थाओं के प्रतिनिधि भी थे। वे करीब एक दशक तक इंडियन ब्लैक लिस्ट में शामिल थे। उन्हें 2020 में सिंगल एंट्री वीजा मिला। इसके बाद हाल ही में 2022 में मल्टीपल वीजा दिया गया। रिपुदमन मई के महीने में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र की तीर्थ यात्रा की थी। वह खालिस्तान की विचारधारा से दूर होकर भारत सरकार के प्रति कनाडा के कट्टरपंथियों में अलख जगा रहे थे।
रिपुदमन सिंह कनाडा के एक सफल कारोबारी के साथ-साथ सिख संस्थाओं के प्रतिनिधि भी थे। वे करीब एक दशक तक इंडियन ब्लैक लिस्ट में शामिल थे। उन्हें 2020 में सिंगल एंट्री वीजा मिला। इसके बाद हाल ही में 2022 में मल्टीपल वीजा दिया गया। रिपुदमन मई के महीने में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र की तीर्थ यात्रा की थी। वह खालिस्तान की विचारधारा से दूर होकर भारत सरकार के प्रति कनाडा के कट्टरपंथियों में अलख जगा रहे थे।