हरयाणा के नूंह में खनन माफिया खिलाफ कार्रवाई करने गए DSP सुरेंद्र सिंह की डंपर से कुचलकर मौत मामले में कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं. कहा जा रहा है कि सुरेंद्र सिंह के साथ 3 लोग और थे, तो सवाल ये है कि अगर सुरेंद्र मांजू के साथ 3 लोग थे तो वो क्या कर रहे थे? और इतनी बड़ी वारदात में कहां चूक हुई?
दरअसल, मंगलवार को DSP सुरेंद्र सिंह खनन माफिया की गुंडागर्दी की भेंट चढ़ गए. पुलिस ने बताया कि तावडू के DSP सुरेंद्र सिंह सूचना के आधार पर गांव पचगांव के पहाड़ी में अवैध खनन के खिलाफ रेड मारने गए थे.
वारदात के वक्त DSP सुरेंद्र सिंह अपनी सरकारी गाड़ी के पास खड़े थे. डंपर की टक्कर से वह नीचे गिर गए और डंपर उनको रौंदता हुआ ऊपर से निकल गया. सुरेंद्र सिंह ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. वारदात के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. ADGP डॉ. एम रवि किरण ने बताया कि, डीएसपी औचक निरीक्षण करने गए थे, बैकअप फोर्स बुलाने का समय नहीं मिला.
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हरियाणा के DGP पीके अग्रवाल ने बताया कि वारदात के वक्त DSP सुरेंद्र सिंह समेत चार पुलिसकर्मी थे. एक गनमैन, एक ड्राइवर और एक रीडर मौके पर मौजूद थे. बैकअप बुलाने का मौका नहीं मिला. हालांकि, इस घटना में DSP के गनमैन और ड्राइवर सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
DGP पीके अग्रवाल ने बताया कि आरोपियों की छानबीन की जा रही है. इसी क्रम में पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया. ये पूछे जाने पर कि क्या वो मुख्य आरोपी है? इस पर उन्होंने बताया कि नहीं वो मुख्य आरोपी नहीं. जो भी आरोपी हैं उन्हें चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही वो पुलिस की गिरफ्त में होंगे साथ वारदात में शामिल किए गए डंपर को भी बरामद कर लिया जाएगा.