आगरा, जागरण टीम। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर वाहन के नंबर के साथ ही प्लेट का नंबर दर्ज होता है। साथ ही एक होलोग्राम लगा होता है, जिसमें इंजन, चेसिस नंबर दर्ज होता है। इसको रीड कर वाहन की समस्त डिटेल जानी जा सकती है।
ये है मुख्य फीचर्स
– हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट में साधारण बोल्ट की जगह पर स्नैप-आन लाक लगा होता है। इसको पेचकस, प्लास से खोला नहीं जा सकता। अगर कोशिश की जाती है, तो प्लेट टूट जाती है। ऐसे में वाहन चोरी होने या नंबर प्लेट बदल अपराध करने वालों पर लगाम लगेगी। दोबारा लगवाने के लिए वाहन संबंधी सभी कागज उपलब्ध कराने होंगे।
– इन नंबर प्लेट पर आईएनडी लिखा होता है साथ ही क्रोमियम प्लेटेड नंबर और इंबॉस होने के कारण इस नंबर प्लेट को रात के वक्त भी वाहनों पर कैमरे के माध्यम से नजर रखना आसान है।
– पहले वाहन चोर गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ छेड़छाड़ कर देते थे। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर ऐसा करना संभव नहीं होगा।
– हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लेजर डिटेक्टर कैमरा लगा होगा, जिससे किसी भी वाहन के बारे में कभी भी आसानी से पता चल सकता है।
– हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के साथ ही इंजन, चेसिस नंबर सहित तमाम यूनिक जानकारियां भी नेशनल डाटाबेस में उपलब्ध हो जाएंगी। पूरे देश के वाहनों का एक सेंट्रलाइज्ड रिकॉर्ड हो जाता है।
– अक्सर देखा गया है कि भीषण हादसे में गाड़ियां पूरी तरह से जलकर नष्ट हाे जाती हैं। ऐसे में वाहन और उसके स्वामी की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट के साथ ऐसा नहीं होगा, बुरी तरह जले वाहन पर भी प्लेट पर उभरे हुए अंकों के जरिए रजिस्ट्रेशन नंबर का पता लगाया जा सकता है।
– प्लेट की खासियत होती है इसका सात अंकों का यूनिक लेजर कोड, ये हर वाहन के नंबर प्लेट पर अलग-अलग होता है।