दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक़, मोहम्मद अंसार की उम्र 35 साल है. पिता का नाम अलाउद्दीन है. वो चौथी क्लास तक पढ़ा है और जहांगीरपुरी बी ब्लॉक में रहता है. शनिवार को हनुमान जयंती के मौके पर शोभायात्रा के समय दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई उस समय वो मौके पर मौजूद था.
ग़ौरतलब है कि हिंसा की वारदात उस वक़्त हुई जब शोभा यात्रा सी ब्लाक से जी ब्लॉक की तरफ़ जा रही थी, जबकि अंसार बी ब्लॉक का रहने वाला है.
जहांगीरपुरी बी ब्लॉक में मोहम्मद अंसार का चार मंजिला मकान है. सबसे नीचे के फ़्लोर पर वो परिवार के साथ रहता है, ऊपर के बाकी तीन फ़्लोर पर किराएदार रहते हैं. मंगलवार को उसके घर पर ताला लगा था. पूछने पर मालूम चला कि पत्नी थाने गई है. बच्चे अपने रिश्तेदार के घर हैं. अंसार की तीन बेटियां और दो बेटे हैं. पूरा परिवार कुछ साल पहले ही बी-ब्लॉक में रहने आया.
इससे पहले जहांगीरपुरी के सी-ब्लॉक में ही वो रहते थे. ये तमाम जानकारी अंसार के पड़ोसियों से मिली.
अंसार के मकान के दोनों तरफ़ हिंदू परिवार रहते हैं. उन घरों के बाहर लक्ष्मी गणेश और हनुमान की फोटो, इस बात की गवाही देते है. अंसार के बारे में पूछने पर गली के कुछ लोगों ने अपने दरवाज़े बंद कर लिए तो कुछ ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया.
शेख़ बबलू जहांगीरपुरी में 45 साल से रहते हैं. शनिवार की घटना के वो चश्मदीद भी हैं- ऐसा वो दावा करते हैं. मोहम्मद अंसार को भी वो जन्म से जानते हैं और सी ब्लॉक में उनके पड़ोसी होने का दावा करते हैं.
बीबीसी से बातचीत में शेख़ बबलू कहते हैं, “बच्चों की परवरिश ठीक से हो इस वजह से सी-ब्लॉक का मोहल्ला उन्होंने छोड़ा. पढ़ाई लिखाई ज़्यादा नहीं की है. वो कबाड़ का बिजनेस करते हैं. रोज़ लगने वाले फुटपाथ बाज़ार में उनकी मोबाइल की दुकान भी चलती है. सी-ब्लॉक फुटपाथ बाज़ार के वो प्रेसिडेंट भी हैं.”