24/09/2023
अपराध देश

कंझावला केस: कार के साथ घिसटती रही लड़की के साथ उस रात क्या हुआ था? – ग्राउंड रिपोर्ट

कंझावला केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने मंगलवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर बताया कि इस मामले में एक नई जानकारी सामने आई है.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क़ानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने पीसी में बताया कि ”पीड़ित युवती के साथ एक और लड़की थी. एक्सीडेंट में उसे कोई चोट नहीं आई थी. हादसे के बाद वो उठकर चली गई थी.”

उन्होंने बताया, “अब हमारे पास घटना की प्रत्यक्षदर्शी है जो पुलिस से सहयोग कर रही है. सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान रिकॉर्ड किया जा रहा है. ये एक अहम बात है.”

स्पेशल सीपी हुड्डा ने दावा किया, “ये अभियुक्तों को सज़ा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगा. इस मामले में जांच जारी है. जल्दी ही दिल्ली पुलिस जांच पूरी कर लेगी. अपराधियों को सख़्त सज़ा दिलाई जाएगी.”

मृतक युवती का पोस्टमार्टम दिल्ली के मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज में किया जा रहा है. लेकिन पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में फ़िलहाल कोई जानकारी नहीं दी है.

रात 8 बज कर 29 मिनट पर 29 सेकंड के फ़ोन कॉल पर मां ने बेटी से पूछा कि ‘कब तक घर आओगी’ तो बेटी ने जवाब दिया कि ‘देर हो जाएगी’.

इसके बाद मां की बेटी से कोई बात नहीं हुई. अगली सुबह एक महिला पुलिसकर्मी ने कॉल किया और बताया कि ‘आपकी स्कूटी का एक्सीडेंट हो गया है, थाने आ जाइए’.

कंझावला की घटना में जान गंवाने वाली लड़की की मां रास्ते में ही थीं कि उन्हें पुलिस की गाड़ी लेने आई, पहले उन्हें घटना की जगह और फिर सुल्तानपुरी पुलिस थाने ले जाया गया.

लड़की की मां कहती हैं, “मुझे नहीं बताया गया कि मेरी बेटी के साथ क्या हुआ है. मैं पुलिस से गुहार लगाती रही, लेकिन मेरी बेटी को मुझे नहीं दिखाया गया.”

उनकी 20 साल की बेटी की 31 दिसंबर की रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. वो घर में अकेली कमाने वाली थीं. घटना के दो दिन बाद भी अभी ये पूरी तरह साफ नहीं हो सका है कि उसके साथ उस रात क्या हुआ था.

लड़की की मौत की जांच कर रही दिल्ली पुलिस इसे हिट-एंड-रन का मामला मान रही है.

पुलिस के मुताबिक़, सुल्तानपुरी के कृष्ण विहार इलाक़े में स्कूटी सवार एक लड़की का कार से एक्सीडेंट हुआ, उनका शरीर कार में ही फंसा रह गया और 12 किलोमीटर तक घिसटता रहा. इस हादसे में उनके शरीर का एक हिस्सा घिस गया था.

नए साल की पहली सुबह यानी 1 जनवरी को लड़की का शव दिल्ली के जौंती गांव इलाक़े में नग्नावस्था में मिला था. ऐसी आशंका है कि उनके कपड़े भी घिसकर फट गए होंगे.

दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में 22 गज में बने मकान में बदहवास बैठी मृतका की मां ने घटना के बाद से कुछ नहीं खाया है.

लड़की की मां कहती हैं, “हमारे पास दस रुपये भी नहीं हैं. बेटी का अंतिम संस्कार कराने के भी पैसे नहीं हैं. मेरी बेटी ही घर की अकेली कमाने वाली थी.”

उनके पति की भी आठ साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वो मानती हैं कि उनकी हत्या हुई थी, लेकिन पुलिस ने उसे आत्महत्या का मामला बताया था.

पति की मौत के बाद वो अकेले ही अपने छह बच्चों को पाल रही थीं. लेकिन दो साल पहले वो गंभीर रूप से बीमार हो गईं.

इसके बाद उनकी बेटी ने परिवार चलाने की ज़िम्मेदारी संभाल ली. घर की तंगहाली की वजह से मृतका की मां ने अपनी दो बेटियों की शादी भी कम उम्र में ही कर दी थी.

वो कहती हैं, “मेरी बेटी बहुत हंसमुख थी. उसे रील्स बनाना पसंद था, वो बहुत ख़ुश रहती थी.”

परिवार के मुताबिक़, लड़की इवेंट में वेलकम गर्ल का काम किया करती थी. वो शादियों में मेहमानों का स्वागत करने जाया करती थी.

लड़की की मां कहती हैं, “वो रोज़ाना 500 रुपये कमाती थी, उसी से हमारा परिवार चल रहा था.”

हालांकि वो या उनके परिवार में किसी को भी ये जानकारी नहीं है कि वो किस इवेंट कंपनी में काम करती थी. परिवार को ये भी नहीं पता था कि 31 दिसंबर की रात वो कहां गई थी.

अपनी बेटी के साथ आख़िरी बातचीत को याद करते हुए उन्होंने बताया, “उसने बस यही कहा था कि आने में देर हो जाएगी, ये नहीं बताया था कि इवेंट कहां है.”

सोमवार को दिल्ली के सुल्तानपुरी पुलिस थाने के बाहर बड़ी तादाद में स्थानीय लोगों ने पुलिस के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारी पीड़िता और उसके परिवार के लिए इंसाफ़ की मांग कर रहे थे.

लड़की की दर्दनाक मौत ने इस इलाक़े में सभी को झकझोर दिया है. प्रदर्शन में शामिल होने आई एक महिला ओमवती ने कहा, “हमें लग रहा है पुलिस अपराधियों को बचा रही है. अपराधियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए.”

प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की और थाने के बाहर लगे एक अभियुक्त के पोस्टर भी फाड़ दिए.

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ़्तार किया है. ये सभी मंगोलपुरी के रहने वाले हैं.

पुलिस के मुताबिक़, कार को दीपक खन्ना नाम का युवक चला रहा था जबकि उसमें अमित खन्ना, मनोज मित्तल, मिथुन और कृष्णा भी बैठे हुए थे.

पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर कार की पहचान की गई और अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया गया.

दीपक खन्ना पेशे से ड्राइवर हैं. अमित खन्ना एक बैंक के लिए काम करत हैं. कृष्णा स्पेन के सांस्कृतिक केंद्र में काम करते हैं.

मिथुन हेयर ड्रेसर हैं और मनोज मित्तल सुल्तानपुरी केपी ब्लॉक में राशन की दुकान चलाते हैं.

स्थानीय लोगों के मुताबिक़, मनोज मित्तल भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं. सुल्तानपुरी और मंगोलपुरी में उन्हें बधाई देते हुए पोस्टर भी लगाए गए हैं.

सुल्तानपुरी थाने के बाहर भी मनोज मित्तल के होर्डिंग लगे थे जिन्हें आक्रोशित भीड़ ने फाड़ दिया.

सभी पांचों अभियुक्त मंगोलपुरी के रहने वाले हैं. मृतका भी इसी इलाक़े में रहती थी. उनके घर और अभियुक्तों के घर के बीच डेढ़-दो किलोमीटर का फ़ासला है.

इस घटना से जुड़े कई चश्मदीद भी सामने आए हैं जो पुलिस के कामकाज के तरीके पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.

सुल्तानपुरी इलाक़े के ही रहने वाले डिलेवरी ब्वॉय विकास मेहरा ने 31 दिसंबर की रात कार के नीचे लड़की के शव को देखने का दावा किया है.

विकास मेहरा कहते हैं, “रात दो सवा दो बजे का वक्त होगा, मैंने कंजावला रोड की तरफ़ से आ रहा था. आगे पुलिस चौकी देखकर अचानक एक कार तेजी से मुड़ी और मैं टकराते-टकराते बचा, उसकी कार के नीचे मुझे एक लड़की का सिर नज़र आया.”

विकास दावा करते हैं, “मैंने इस बारे में पुलिस चौकी पर जानकारी दी, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मुझे यह कह कर टरका दिया कि तुझे चोट नहीं लगी ना, गाड़ी को हम देख लेंगे, तू घर जा.”

विकास के पिता ये दावा करते हैं कि पुलिस ने उनके बेटे को मीडिया से बात न करने की चेतावनी दी थी.

एक और चश्मदीद दीपक ने भी कार के नीचे लड़की को देखने का दावा किया है.

दीपक दिल्ली के लाडपुर गांव में रहते हैं और दूध का काम करते हैं. दीपक बताते हैं, “रात तीन बजकर 18 मिनट पर मैंने अपनी दुकान खोली थी. ठीक उसी समय धीमी रफ़्तार से बलेनो कार आ रही थी.

कार से ऐसी आवाज आ रही थी जैसे टायर फटने के बाद आती है. कंजावला की तरफ़ से आ रही वो गाड़ी कुतुबगढ़ की तरफ़ धीरे-धीरे जा रही थी. मैंने देखा उसके अगले टायर के नीचे बॉडी फंसी थी.”

दीपक बताते हैं कि उन्होंने तुरंत 112 नंबर पर फ़ोन किया और पुलिस को जानकारी दी.

दीपक बताते हैं, “रात तीन बजकर तीस मिनट पर वही गाड़ी आगे से घूमकर दोबारा आई. मैंने फिर से पुलिस को फ़ोन करके बताया कि अब ये गाड़ी वापस कंझावला की तरफ़ जा रही है. गाड़ी की लोकेशन बताने के लिए मैं स्कूटी से उसके पीछे लग गया. वो ना ही तेज़ चल रही थी और ना ही रुक रही थी.”

दीपक दावा करते हैं कि वो फ़ोन पर पुलिस को गाड़ी के बारे में बताते रहे, लेकिन कोई पुलिसकर्मी नहीं आया. दीपक कहते हैं, “मुझसे कहा गया कि पुलिस आगे बैरीकेडिंग लगाकर गाड़ी को रोक लेगी.”

दीपक के मुताबिक़, गाड़ी ने लाडपुर और जौंती गांव के बीच दो चक्कर काटे. दूसरी बार जब गाड़ी वापस मुड़कर कंझावला की तरफ़ आई तो उसके नीचे बॉडी नहीं थी.

दीपक कहते हैं, “दूसरे चक्कर पर हमने अपनी पिक-अप कार से गाड़ी का पीछा किया और कंझावला की तरफ़ खड़ी पीसीआर को उसके बारे में जानकारी दी, लेकिन पीसीआर ने गाड़ी को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया.”

लड़की का शव सुबह काम पर जा रहे लोगों को जौंती गांव के पास बीच सड़क पर पड़ा दिखा था. उसके कपड़े पूरी तरह फट चुके थे. बस पैंट का ही कुछ हिस्सा बचा था.

एफ़आईआर के मुताबिक़, ये घटना रात क़रीब दो बजे कृष्ण विहार के शनिबाज़ार रोड पर हुई. ये इलाक़ा सुल्तानपुरी पुलिस थाने के एक किलोमीटर के दायरे में ही है.

पुलिस ने यहीं से स्कूटी बरामद करने का दावा एफ़आईआर में किया है.

मौके पर मौजूद एक चश्मदीद ने बीबीसी को बताया, “साढ़े चार-पौने पांच बजे मेरी मां ने कुछ खटपट की आवाज़ सुनी तो खिड़की खोलकर देखी. मैं भी जाग गया. पुलिसकर्मी स्कूटी को यहां से लेकर जा रहे थे. स्कूटी का हैंडल टूटा हुआ था.”

चश्मदीद के मुताबिक़, स्कूटी उनके घर के ठीक पीछे गली में खड़ी थी. ये गली शनिबाज़ार मार्ग से ही निकलती है.

बीबीसी ने कृष्णा विहार के शनिबाज़ार इलाक़े के सीसीटीवी फ़ुटेज देखे हैं जिनमें हादसे में शामिल रही बलेनो कार रात 1 बजकर 53 मिनट पर दिखाई देती है.

इन सीसीटीवी में स्कूटी भी दिखाई देती है. हालांकि इस धुंधली सीसीटीवी फ़ुटेज के आधार पर ये पुष्टि नहीं की जा सकती कि ये स्कूटी वही है जिस पर पीड़िता सवार थी.

इसी रोड पर रहने वाले अंकुर शर्मा कहते हैं कि यहां किसी को भी इस हादसे के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

अंकुर शर्मा कहते हैं, “सुबह साढ़े चार पांच बजे स्कूटी देखी गई है. रात 1 बजकर 54 मिनट पर वो संदिग्ध गाड़ी हमारी गली में भी पाई गई है. हमें लगता है उस लड़की के साथ कुछ ग़लत हुआ है, उसे न्याय मिलना चाहिए.”

कृष्ण विहार से जौंती गांव पूरे 14 किलोमीटर दूर है. यहां से जौंती तक जाने में 35 मिनट का समय लगता है. हमने कृष्ण विहार से जौंती गांव तक कार से आ-जा कर देखा, दोनों तरफ़ से ठीक पैंतीस मिनट का समय लगा.

ऐसे में सवाल उठता है कि जो गाड़ी रात 1 बजकर 54 मिनट पर कृष्ण विहार में दिख रही है, अगर उसे चलाने वाले हादसे के बाद डर की वजह से भाग रहे थे तो उसे जौंती गांव तक पहुंचने में डेढ़ घंटा क्यों लगा?

पुलिस के मुताबिक़, हिरासत में लिए जाने के बाद अभियुक्तों ने स्वीकार किया था कि कृष्णा विहार में हादसा हो जाने के बाद वो डर की वजह से कंजावला की तरफ़ भाग गए थे.

संदिग्ध परिस्थितियों में जान गंवाने वाली लड़की के परिजनों और प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हो सकता है लड़की की रेप के बाद हत्या की गई हो.

लड़की की मां कहती हैं, “पुलिस ने हमें भरोसा दिया है कि हर पहलू की जांच की जाएगी और अगर पोस्टमॉर्टम में कुछ और सामने आता है तो वो धाराएं भी जोड़ दी जाएंगी.”

वो कहती हैं, “पुलिस ने कहा है कि अगर जांच में ये सामने आता है कि रेप हुआ है तो रेप और हत्या की धाराएं भी जोड़ी जाएंगी.”

पुलिस ने अभी तक इस मामले में ग़ैर इरादतन हत्या और लापरवाही से गाड़ी चलाने की धाराएं लगाई हैं.

एफ़एसएल की टीम ने भी घटनास्थल और हादसे में शामिल वाहनों की जांच की है और फ़ोरेंसिक सबूत जुटाए हैं.

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