महाराष्ट्र में शिवसेना की मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शुरू हुआ सियासी घमासान अब भी जारी है। शिवसेना के बागी विधायकों के तेवर ने उद्धव ठाकरे से सीएम की गद्दी छीन ली। आरोप लगाए गए कि महाविकास अघाड़ी सरकार चलाने वाली एनसीपी ने भगवा खेमे को खत्म करने का प्लान बनाया था। अब यह खबर सामने आई है कि अगर रामदास कदम और दिवाकर राव कैबिनेट में होते तो अजित पवार को खुला मैदान नहीं मिलता। कोरोना के चलते उद्धव ठाकरे 2 साल से घर में थे। इस दौरान अजीत पवार ने प्रशासन पर अच्छी पकड़ बना ली। उन्होंने एनसीपी को बढ़ाने की पूरी कोशिश की।
विधायक रामदास कदम ने एक इंटरव्यू में कहा कि बालासाहेब के विचारों को किसने धोखा दिया? आदित्य ठाकरे को इस पर विचार करना चाहिए। आपकी उम्र क्या है? आपने अपने विधानसभा क्षेत्र में क्या किया? शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हमारा कोई भी विधायक मातोश्री, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे के खिलाफ बयान नहीं देगा। शिंदे खेमे के विधायक यह बात समझते हैं।