24/09/2023
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जानिए हिन्दू पूजा-आरती और शुभ अवसरों पर शंख बजाने के 8 महत्त्वपूर्ण कारण

आपने देखा होगा कि जब भी विधिवत पूजा होती है या कोई महत्वपूर्ण हिन्दू संस्कार होते हैं, तो शंख जरूर बजाया जाता है. अनेक लोग इसे सुख-सौभाग्य की वृद्धि के लिए अपने घर में भी स्थापित करते हैं. आइए जानते हैं, हिन्दू पूजा और शुभ अवसरों पर शंख-घोष करने के पीछे क्या-क्या कारण बताए जाते हैं.

  1. समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त हुए 14 रत्नों में से एक दिव्य रत्न शंख भी था. इसलिए वह और उसकी ध्वनि शुभदायी है.
  2. ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लिखित है कि शंख, चंद्रमा और सूर्य के समान पूज्य है, क्योंकि इसके मध्य में वरुण, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा और अग्र भाग में देवी गंगा और वाग्देवी सरस्वती का प्रतिष्ठित हैं.
  3. हिन्दू मान्यता के अनुसार, शंख बजाने से ॐ की मूल ध्वनि का उच्चारण होता है. भगवान ने सृष्टि की रचना के बाद सबसे पहले ॐ शब्द का ही ब्रह्मनाद किया था. इसलिए हर शुभ अवसर और नवीन कार्य पर शंख-ध्वनि की जाती है.
  4. भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले पाञ्चजन्य शंख बजाया था जो एक महान परिवर्तन के लिए था.  इसलिए शंख को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी माना जाता है.
  5. हिन्दू परंपरा में जीवन के चार पुरुषार्थ हैं- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष. जिसमें शंख धर्म का प्रतीक है.
  6. शंख बजाने का एक वैज्ञानिक कारण यह बताया जाता है कि शंख की ऊर्जामयी ध्वनि से जो तरंग निकलती है, वह नकारात्मक उर्जा का हनन कर देती है.
  7. पूजा के समय शंख बजाने का मनोवैज्ञानिक कारण यह बताया जाता है कि आसपास का शोर जो भक्तों के मन और मस्तिष्क को भटका रहा होता है, वह शंख की तीव्र ध्वनि से दब जाता है और लोग एकाग्र होकर प्रभु के ध्यान और पूजा के प्रति समर्पित हो जाते हैं.
  8. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विकास से जुड़ा एक कारण यह भी दिया जाता है कि पहले लोग गांवों में रहते थे, जहां एक मन्दिर होता था. जब पूजा और आरती होती थी तो समय शंख की ध्वनि पूरे गांव में सुनाई दे जाती थी और लोगों को पूजा व आरती के बारे में पता चल जाता था और यह संदेश मिल जाता था कि वे कुछ समय के लिए अपना काम छोड़ कर प्रभु का सुमिरन कर लें.

I’m thinking I’m back you want a war or you want to just give me a gun everything’s got a price rusty, I guess. You stabbed price rusty, the Devil in the back how good to see you again.

Steve Jobs

 

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