30/09/2023
देश राजनीति

UP के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा नेता मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. उनके पुत्र और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बात की जानकारी दी| मुलायम सिंह यादव कई दिनों से मेदांता अस्पताल की ‘क्रिटिकल केयर यूनिट’ (सीसीयू) में भर्ती थे जहां विशेषज्ञों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी. उनकी उम्र 82 साल थी.

22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव देश के कद्दावर नेताओं में से एक थे. वह तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री रह चुके थे |   वे 10 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद चुने गए |

 

लोहिया और चरण सिंह की छत्रछाया में शुरू की राजनीति

नेताजी के नाम से जाने जाने वाले मुलायम सिंह ने ही समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. वह वर्तमान में लोकसभा में मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीन कार्यकालों तक सेवा दी और भारत सरकार के रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया है.

उनका जन्म 22 नवंबर 1939 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ था. यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन डिग्री हैं. यादव 15 साल की उम्र में समाजवादी राम मनोहर लोहिया से प्रेरित हो कर राजनीति में शामिल हो गए थे. वो लोहिया के समानता- सामाजिक न्याय के मुद्दों, जाति और अल्पसंख्यक से जुड़े विचारों से काफी प्रभावित थे.

यादव पहली बार 1967 में उत्तर प्रदेश की विधान सभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे. वहां उन्होंने आठ बार सेवा दी. प्रसिद्ध समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया ही उन्हें राजनीति में लेकर आए.

सियासी अखाड़े के बड़े खिलाड़ी, जिन्होंने कई सरकारें बनाईं और बिगाड़ीं

कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव की जवानी के दिनों में अगर उनका हाथ अपने प्रतिद्वंदी की कमर तक पहुँच जाता था, तो चाहे वो कितना ही लंबा या तगड़ा हो, उसकी मजाल नहीं थी कि वो अपने-आप को उनकी गिरफ़्त से छुड़ा ले.

आज भी उनके गाँव के लोग उनके ‘चर्खा दाँव’ को नहीं भूले हैं, जब वो बिना अपने हाथों का इस्तेमाल किए हुए पहलवान को चारों ख़ाने चित कर देते थे.

प्रधानमंत्री पद से चूके

मुलायम सिंह यादव 1996 में यूनाइटेड फ़्रंट की सरकार में रक्षा मंत्री बने. प्रधानमंत्री के पद से देवेगौड़ा के इस्तीफ़ा देने के बाद वो भारत के प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए.

शेखर गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस के 22 सितंबर, 2012 के अंक में‘मुलायम इज़ द मोस्ट पॉलिटिकल’ लेख में लिखा, “नेतृत्व के लिए हुए आंतरिक मतदान में मुलायम सिंह यादव ने जीके मूपनार को 120-20 के अंतर से हरा दिया था.”

“लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी दो यादवों लालू और शरद ने उनकी राह में रोड़े अटकाए और इसमें चंद्रबाबू नायडू ने भी उनका साथ दिया, जिसकी वजह से मुलायम को प्रधानमंत्री का पद नहीं मिल सका. अगर उन्हें वो पद मिला होता तो वो गुजराल से कहीं अधिक समय तक गठबंधन को बचाए रखते.”

UP में तीन दिन का राजकीय शोक

मुलायम सिंह के निधन की जानकारी मिलते ही पूरे यूपी में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मुलायम सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

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