श्रीलंका में आर्थिक हालात से त्रस्त जनता के विरोध के कारण राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर ही भाग खड़े हुए। इस बीच श्रीलंका के पीएम ने हालात काबू में करने के लिए पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई और स्थिति पर चर्चा करने लगे। इसी दौरान जनता के गुस्से का शिकार विक्रमसिंघे को भी झेलना पड़ा।
श्रीलंका में त्रस्त आर्थिक हालात के कारण स्थिति अब हाथ से निकल चुकी है। उग्र प्रदर्शनकारी अब बड़े पदों पर बैठे नेताओं को निशाना बना रहे हैं। पहले राष्ट्रपति भवन को घेर राष्ट्रपति को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया अब पीएम के आवास को ही आग के हवाले कर दिया है। ये घटना पीएम रानिल विक्रमासिंघे द्वारा इस्तीफे की घोषणा और सर्वदलीय सरकार के लिए प्रस्ताव की पेशकश के बाद सामने आ रही है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उग्र प्रदर्शनकारियों ने पीएम रानिल विक्रमासिंघे के घर को ही आग लगा दी। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए भरसक प्रयास किये लेकिन वो विफल साबित हुए। न आँसू गैस के गोले से और न ही पानी की तेज बौछार के बाद भी प्रदर्शनकारी रुके। यहाँ तक कि वहाँ मौजूद पत्रकार भी प्रदर्शनकारियों की हिंसा का शिकार हुए।
श्रीलंका के पीएम के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा, “प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास में सेंध लगाई और फिर उसमें आग लगा दी।”
बता दें कि ये घटना तब हुई जब विक्रमसिंघे ने गोटाबाया राजपक्षे और कुछ विपक्षी नेताओं द्वारा देश छोड़ने के बाद आपात बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने सभी से सर्वदलीय सरकार बनाने पर चर्चा की। इसके साथ ही अपने इस्तीफे की भी पेशकश की।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि “आज इस देश में हमारे पास ईंधन संकट है, भोजन की कमी है, हमारे यहां विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख हैं और हमारे पास IMF के साथ चर्चा करने के लिए कई मामले हैं। ऐसे में यदि ये सरकार गिरती है तो दूसरी सरकार सामान्तर होनी चाहिए।”
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