देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर में कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे भारतीय पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया, ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के खिलाफ दंगा भड़काने समेत कई धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज़ की है।
महिला पहलवानों के लिए कल का दिन काफी हताशा और निराशा का रहा था। जब उन्होंने नए संसद भवन की ओर महिला महापंचायत आयोजित करने के लिए कदम बढ़ाए तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक लिया। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि महिला पहलवानों और उनके समर्थकों ने पुलिस के गलत बर्ताव किया। हालांकि इस संबंध में जो फोटो और वीडियो आए हैं, वो अपने आप में सबूत हैं। जंतर मंतर पर इस घटनाक्रम को कवर कर रहे किसी भी फोटो जर्नलिस्ट, यूट्यूबर के पास ऐसा कोई फोटो या वीडियो नहीं है, जिसमें पहलवान हिंसक हुए हों। लेकिन दिल्ली पुलिस ने बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसान
पहलवानों के समर्थन में कई किसान संगठन और खाप पंचायतें भी हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की और दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आह्वान किया.
राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखा, “पहलवान बेटियों को जबरन सड़क पर घसीटने वाली केंद्र सरकार संसदीय मर्यादाओं की दुहाई देकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है, लेकिन बेटियों की चीख़ आज हुक्मरानों को नहीं सुनाई दी. हमारी बेटियों को हिरासत से छोड़ने और न्याय मिलने तक किसान गाजीपुर बॉर्डर पर डटे रहेंगे.”
हालांकि बाद में उन्होंने दिल्ली बॉर्डर से किसानों की वापसी का एलान किया और कहा कि आगामी पंचायत में पहलवानों का मुद्दा शामिल होगा.