रविवार शाम जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में वामपंथी छात्र संगठन आइसा और हिंदूवादी छात्र संगठन एबीवीपी ने एक दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए
छात्र संगठनों के बीच ये झगड़ा तौर पर यूनिवर्सिटी मेस में मांसाहारी खाने को लेकर हुआ है. वामपंथी छात्र संगठनों का आरोप है कि एबीवीपी के कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के कावेरी हॉस्टल की मेस में मांसाहारी भोजन का विरोध कर रहे थे.
लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि छात्र रामनवमी की पूजा कर रहे थे जिस पर वामपंथी छात्रों ने हमला किया
उधर वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) की तरफ़ से एक ट्वीट में दावा किया गया कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया जिसमें कई छात्र घायल हुए हैं. छात्रों के बीच हुई झड़पों के बाद पुलिस भी पहुंच गई. छात्र संगठनों ने बताया है कि उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी.
JNU में Abvp की गुंडागर्दी के खिलाफ जेएनयू के सैंकड़ों स्टूडेंट्स का मार्च । वसंत कुंज पुलिस स्टेशन दिल्ली का घेराव जारी हैं।
खाने- पहनने की आजादी पर हमला नहीं चलेगा।
संघी गुंडे पर दिल्ली पुलिस को करवाई करना होगा।#SOSJNU #JNU #FoodFascism #aisa pic.twitter.com/VfMI2YDKER
— AISA (@AISA_tweets) April 10, 2022
पुलिस ने ये भी बताया है कि एबीवीपी के छात्रों की ओर से भी ये सूचित किया गया है कि वे सोमवार सुबह शिकायत दर्ज करेंगे. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि शिकायतों के आधार पर ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली पुलिस के हवाले से जानकारी दी है कि इस मामले में जेएनयू छात्रसंघ, एसएफ़आई, डीएसएफ़ और आइसा के छात्रों के समूह ने सोमवार सुबह एबीवीपी के अज्ञात छात्रों के ख़िलाफ़ शिकायत दी है. शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 321,341, 509, 506 और 34 के तहत एफ़आईआर दर्ज की है
वहीं जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया है कि एबीवीपी के छात्रों ने जेएनयू में रहने वाले छात्रों को मांसाहारी भोजन करने से रोकने की कोशिश की. उन्होंने दावा किया है कि एबीवीपी ने हॉस्टल के मेस सेक्रेट्री पर भी हमला किया है.
आइशी घोष ने सवाल किया, “एबीवीपी के गुंडे हमें ये बताने वाले कौन हैं कि हम क्या खाएंगे और क्या नहीं खाएंगे?”
उन्होंने ट्विटर पर सवाल पूछा, “जेएनयू के प्रशासन ने छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी इंतज़ाम क्यों नहीं किए?”
मधुरिमा नाम की एक छात्रा के मुताबिक रविवार के दिन हॉस्टल में छात्रों को मांसाहारी खाना मिलता है और छात्र ये तय कर सकते हैं कि उन्हें क्या खाना है और क्या नहीं.
Leftists, Communists have attacked ABVP activists and common students of JNU. ABVP Activist Ravi Raj severely injured this Naxali attack #CommunistViolenceDownDown pic.twitter.com/d3Z0rq8Z9z
— ABVP JNU (@abvpjnu) April 10, 2022
मधुरिमा कहती हैं, “एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने हॉस्टल में मीट सप्लाई को रोक दिया और वहां के मेस सचिव से मारपीट की.” मधुरिमा के मुताबिक, “पहले एबीवीपी और छात्रों के बीच दोपहर में मारपीट हुई और फिर वो शाम को आठ बजे के क़रीब दोबारा आए और छात्रों को बुरी तरह मारा पीटा.”
मधुरिमा ये दावा करती हैं कि इस हमले में उन्हें भी चोट आई है.
लेकिन एबीवीपी से जुड़ी एक छात्रा दिव्या ने बयान जारी करके कहा है कि छात्र रामनवमी की पूजा कर रहे थे जिस पर वामपंथी छात्रों ने हमला किया. दिव्या ने दावा किया, “हम कावेरी हॉस्टल में रामनवमी की पूजा में गए थे. मैं आज उपवास पर थी. अचानक कुछ वामपंथियों ने हम पर हमला किया. मेरे हाथ में चोट आई है. मुझे पता भी नहीं है कि ये हमला क्यों हुआ है.”
ABVP hooligans stopped residents inside JNU from having non Veg food
ABVP also assaulted the mess secretary of the Hostel.
Unite against the hooliganism unleashed by ABVP inside campus premises.https://t.co/3MpRE9zXn4 pic.twitter.com/Fy3HU7qg8J
— Aishe (ঐশী) (@aishe_ghosh) April 10, 2022
मांसाहार को लेकर विवाद
विवार को राम नवमी का पर्व था . हिंदू धर्म मानने वाले लोग बड़ी संख्या में व्रत रखते हैं और मांसाहारी भोजन से परहेज़ करते हैं. कुछ लोग लहसुन और प्याज़ का सेवन नहीं करते हैं.
इस साल नवरात्र के दौरान दक्षिण दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर के मेयरों ने मांसाहार पर रोक की घोषणा की थी. हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि मेयरों को खानपान पर इस तरह की रोक लगाने का अधिकार नहीं है.
दिल्ली के बहुत से इलाक़ों में इन नौ दिनों के दौरान मांस की दुकानें बंद रहीं. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्र संगठन पहले भी कई बार भिड़ चुके हैं. इस बार छात्र संगठनों के बीच टकराव की वजह मांसाहार बना है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी भारत में उच्च शिक्षा का एक उत्कृष्ट केंद्र है. इस यूनिवर्सिटी में वामपंथी और दक्षिणपंथी विचारधारा के छात्रों के बीच टकराव होता रहा है.
जेएनयू में अभी कैसा है माहौल?
रात दस बजे तक यूनिवर्सिटी का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था. हालांकि अब कैंपस में पुलिस भी मौजूद था. एक तरफ दक्षिणपंथी विचारधारा के छात्र एकजुट हो रहे थे तो दूसरी तरफ़ वामपंथी छात्र विरोध में मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं.”
रविवार को एबीवीपी ने कावेरी और पेरियार हॉस्टल के बीच रामनवमी की पूजा रखी थी. आरोप है कि इस दौरान वामपंथी छात्र संगठनों ने नारेबाज़ी की.
हिंदूवादी छात्र संगठन का ये आरोप है कि रामनवमी की पूजा के दौरान वामपंथी छात्र संगठनों ने नारेबाज़ी की और दावा किया कि जेएनयू का हिंदूकरण हो रहा है. रमज़ान के महीने में अगर जेएनयू में इफ़्तार हो सकती हो तो रामनवमी की पूजा क्यों नहीं.
वामपंथी विचारधारा के छात्रों ने दावा किया है कि एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की. उनका कहना था कि एबीवीपी जेएनयू कैंपस में हिंदू विचारधारा को थोपने की कोशिश कर रहा है.
जेएनयू के दरवाज़ों को बंद कर दिया गया था और यहां माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था. एबीवीपी के छात्र जमा थे. एबीवीपी के छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में राम का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
दूसरी तरफ़ साबरमती हॉस्टल के बाहर वामपंथी विचारधारा के छात्र जुटे. और विरोध में मार्च निकाला.