BCCI ने कम से कम अगले पांच साल तक ऐसी कोई सीरीज़ होने की संभावना भी खत्म कर दी.
IND-PAK के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज साल 2012-13 में खेली गई थी. भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट का मुकाबला सबसे रोमांचक होता है. जब भी दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं, फैंस को भरपूर रोमांच और मनोरंजन मिलता है. लेकिन फैंस को इस महामुकाबले के लिए अक्सर लंबा इंतजार करना पड़ता हैं.
भारत और पाकिस्तान ने पिछले एक दशक में एक भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली हैं. अब बीसीसीआई के 2023-27 तक के फ्यूचर टूर प्रोग्राम (FTP) में यह स्पष्ट हो गया कि 2027 तक दोनों टीमों के बीच कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं होगी. बीसीसीआई ने सभी राज्य संघों को 2023-27 तक का फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम (FTP) भेजा है, जिसमें पाकिस्तान के कॉलम को खाली रखा गया है.
पिछले एक दशक से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं
जब भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज खेली गयी थी. उस वक्त तक जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ियों का डेब्यू तक नहीं हुआ था.
दोनों टीमों के बीच लगभग पिछले एक दशक से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई है. दोनों टीमों के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज साल 2012-13 में हुई थी, जब पाकिस्तान की टीम भारत के दौरे पर आई थी. जहां, भारत और पाकिस्तान के बीच दो टी20 और तीन वनडे मैच खेले गए थे. वनडे सीरीज में 2-1 से पाकिस्तान की जीत हुई थी. वहीं, टी20 सीरीज 1-1 के बराबरी पर रहा था.
पिछले FTP के मुकाबले इस बार कम मैच खेलेगा भारत
भारतीय टीम पिछले FTP के मुकाबले इस बार द्विपक्षीय सीरीज के तहत कम मैच खेलेगी. टीम ने पिछले FTP में द्विपक्षीय सीरीज के अंदर 163 मुकाबले खेले थे, जो कि इस बार घटकर 141 रह गए हैं. हर साल हो रहे आईसीसी इवेंट और आईपीएल के विंडो बढ़ाएं जाने के कारण द्विपक्षीय सीरीज के मैचों को कम किया गया हैं.
भारत-पाक मुकाबले को लेकर रोहित शर्मा ने दिया बड़ा बयान, कहा – बार-बार बात करने का कोई फायदा नहीं
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा है कि वह भारत -पाकिस्तान क्रिकेट मैच का महत्व जानते हैं और इस मुकाबले को लेकर क्रिकेट की दुनिया में पैदा की जा रही ‘हाइप’ पर लगातार बात कर खुद को और अपनी टीम को अनावश्यक दबाव में नहीं डालेंगे।
रोहित 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। उन्होंने कहा कि खेल इतना बदल चुका है कि कई बार उन्हें भी आश्चर्य होता है। कप्तान ने कहा, “मेरा मतलब है कि 2007 के बाद से लम्बा सफर गुजर चुका है। जब मुझे विश्व कप के लिए चुना गया था तब मैंने खुद से और टीम से कोई उम्मीद नहीं की थी। मैं केवल टूर्नामेंट का आनंद लेना चाहता था, टूर्नामेंट खेलना चाहता था क्योंकि यह मेरा पहला विश्व कप था। मुझे कोई समझ नहीं थी कि विश्व कप का हिस्सा होना क्या होता है और यह कितना बड़ा होता है जब तक हमने विश्व कप नहीं जीत लिया।”
उन्होंने कहा, “तब से अब तक काफी लम्बा सफर गुजर चुका है। तब से खेल काफी बदल चुका है। आप देख सकते हैं कि 2007 के मुकाबले क्रिकेट अब कैसे खेला जाता है। तह 140, 150 का स्कोर अच्छा स्कोर माना जाता था लेकिन अब टीमें इसे 14-15 ओवर में बनाने की कोशिशें करती हैं।”
रोहित ने कहा, “टीमें अब परिणाम के बारे में सोचने के बजाये ज्यादा खतरा उठाती हैं जो इस फॉर्मेट के लिए अच्छा है।” उन्होंने कहा, “यह 2007 से 2022 तक खेल की मेरी समझ है। काफी कुछ बदल चुका है लेकिन इतने वर्षों में खेल में बदलाव देखना अच्छा है।”
द्विपक्षीय सीरीज के मैच कम पर आईपीएल और आईसीसी टूर्नामेंट का दबाव
द्विपक्षीय सीरीज में भारत के मैचों की संख्या पिछले पांच साल की तुलना में कम हुई है। 2018-2022 के बीच भारत ने द्विपक्षीय सीरीज में 163 मैच खेले थे। वहीं, आने वाले पांच साल में भारत द्विपक्षीय सीरीज में 141 मैच ही खेलेगा। 22 मैच कम होने से खिलाड़ियों पर वर्कलोड का दबाव थोड़ा कम होगा। हालांकि, हर साल आईसीसी का कम से कम एक टूर्नामेंट है। इस वजह से भी द्विपक्षीय सीरीज के मैच कम रखे गए हैं। इसके अलावा आईपीएल के लिए भी हर साल 75-80 दिन का समय रखा गया है। खिलाड़ियों को इस लीग में भी खेलना होगा।