30/09/2023
खोज खबर हाडोती आँचल

रूस ने यूक्रेन के दो प्रांत स्वतंत्र देश घोषित किए:पुतिन ने ​यूक्रेन को बताया अमेरिका की कठपुतली; यूक्रेनी राष्ट्रपति का पलटवार, कहा- हम डरते नहीं हैं

पूर्वी यूरोप में यूक्रेन और रूस के बीच की तनातनी अब तक के सबसे मुश्किल दौर में पहुंच गई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के विद्रोहियों के कब्जे वाले लुहांस्क और डोनेट्स्क प्रांत को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दे दी है। पुतिन ने टेलीविजन संबोधन में यूक्रेन सरकार, नाटो फोर्सेस और अमेरिकी सरकार पर जमकर निशाना साधा।

रूसी राष्ट्रपति ने दो टूक लहजे में कहा कि यूक्रेन अमेरिका की कॉलोनी बन चुका है, जहां कठपुतली सरकार चल रही है। पुतिन के इस बयान पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हम डरते नहीं हैं। जेलेंस्की को अभी भी पश्चिमी देशों के समर्थन की उम्मीद है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को अभी भी पश्चिमी देशों के समर्थन की उम्मीद है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को अभी भी पश्चिमी देशों के समर्थन की उम्मीद है।

जंग के मुहाने पर पहुंचे पूर्वी यूरोप के हालात समझने से पहले ये जान लेते हैं कि लुहांस्क और डोनेट्स्क की अहमियत क्या है..

  • यूक्रेन की पूर्वी हिस्से में मौजूद लुहांस्क और डोनेट्स्क रूस की सीमा से सटे हुए हैं। इन दोनों ही स्टेट में रूसी मूल की बड़ी आबादी रहती है। लुहांस्क और डोनेट्स्क पर 2014 से रूस समर्थित विद्रोहियों का कब्जा है। तभी से ये दोनों प्रांत खुद को स्वतंत्र गणतंत्र कहते हैं। हालांकि, यूक्रेन इन्हें मान्यता नहीं देता है।
  • भौगोलिक रूप से देखें, तो दोनों राज्य डोनबास इलाके में आते हैं। इंटरनेशनल रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां जारी संघर्ष में अब तक करीब 15 हजार लोगों की जान जा चुकी है। यूक्रेन हमेशा से रूस पर इस संघर्ष को हवा देने का आरोप लगाता रहा है, जबकि रूस इससे इनकार करता है।
  • रूस ने इस बार भले ही आधिकारिक तौर पर लुहांस्क और डोनेट्स्क अब मान्यता दी हो, लेकिन उस पर चोरी छिपे वहां के विद्रोहियों को मदद पहुंचाने की बात यूक्रेन कहता रहा है। इस मदद में हथियार, वैक्सीन, रूसी पासपोर्ट और कोरोना वैक्सीन शामिल है। यूक्रेन से संघर्ष शुरू होने के बाद इन दोनों स्टेट के विद्रोहियों ने रूस से मदद मांगी थी। आरोप है कि रूस ने चोरी छिपे इनकी मदद की भी थी।

​​​​​​​यूक्रेन तुरंत सैन्य कार्रवाई बंद कर दे
पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा- यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो यह रूस के लिए सीधा खतरा होगा। हम यूक्रेन से मांग करते हैं कि वो तुरंत सैन्य कार्रवाई बंद कर दे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जो भी खून खराबा होगा उसकी जिम्मेदारी कीव में बैठी सरकार की होगी। आज यूक्रेन न सिर्फ रूस के साथ अपने साझा अतीत को खारिज कर रहा है, बल्कि रूस को कमजोर करने के नाटो एजेंडे में मददगार साबित हो रहा है।

यूक्रेन संकट की असल वजह नाटो का विस्तार

व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन को कम्युनिस्ट शासन के तहत रूस ने बनाया था, लेकिन आज कट्टरपंथी इसकी आजादी का श्रेय लेते हैं।
व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि यूक्रेन को कम्युनिस्ट शासन के तहत रूस ने बनाया था, लेकिन आज कट्टरपंथी इसकी आजादी का श्रेय लेते हैं।

बकौल पुतिन- यूक्रेन परमाणु हथियार बनाने की योजना भी बना रहा है, अगर ऐसा होता है तो वर्ल्ड ऑर्डर में बड़ा बदलाव होगा। हाल ही के वक्त में पश्चिमी देशों से यूक्रेन को बड़े पैमाने पर हथियार की सप्लाई की गई है। पुतिन का आरोप है कि यूक्रेन संकट की असल वजह नाटो का विस्तार है, इससे आपसी भरोसे को नुकसान हुआ है। पश्चिमी देशों का असली मकसद रूस के डेवलपमेंट को रोकना है।

यूक्रेन को रूस ने कम्युनिस्ट शासन के तहत बनाया था
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा- ‘यूक्रेन को रूस ने कम्युनिस्ट शासन के तहत बनाया था, लेकिन आज कट्टरपंथी इसकी आजादी का श्रेय लेते हैं, जबकि उनका इससे कोई लेना देना ही नहीं है। सोवियत यूनियन के पतन के बाद धोखे और बेईमानी के बावजूद रूसी लोगों ने यूक्रेन समेत कई देशों को मान्यता दी। हमने यूक्रेन का कर्ज पूरी तरह चुका दिया, लेकिन उन्होंने संपत्ति वापसी के समझौतों का पालन नहीं किया।’

रूस की कार्रवाई से फ्रांस और जर्मनी नाराज

पुतिन ने लुहांस्क और डोनेट्स्क के अलगाववादी नेताओं के साथ डिक्री पर हस्‍ताक्षर किए।
पुतिन ने लुहांस्क और डोनेट्स्क के अलगाववादी नेताओं के साथ डिक्री पर हस्‍ताक्षर किए।

रूस के सरकारी टीवी चैनल पर पुतिन ने अलगाववादी नेताओं के साथ डिक्री पर हस्‍ताक्षर किए। इसके बारे में जर्मनी और फ्रांस को भी जानकारी दी गई, दोनों देशों ने इस फैसले पर निराशा जाहिर की। यूक्रेनी अधिकारियों को डर है कि अब अलगाववादी नेता रूस से सैन्य मदद का अनुरोध कर सकते हैं, जिससे इन इलाकों में रूसी सैन्य कार्रवाई का रास्ता आसान हो जाएगा।

इससे पहले पुतिन ने मॉस्को में क्रेमलिन सिक्योरिटी काउंसिल (रूस की सर्वोच्च सुरक्षा परिषद) की अनशेड्यूल्ड इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। इसमें पुतिन ने साफतौर पर कह दिया था कि तनाव खत्म करने के लिए अब किसी भी तरह के पीस प्लान की गुंजाइश नहीं है।

रूस के खिलाफ एक्शन लेंगे जो बाइडेन

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही एक आदेश जारी करेंगे, जो अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेट्स्क में इन्वेस्टमेंट से रोकेगा।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही एक आदेश जारी करेंगे, जो अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेट्स्क में इन्वेस्टमेंट से रोकेगा।

रूस के इस एलान पर अमेरिका ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही एक आदेश जारी करेंगे, जो अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेट्स्क क्षेत्र में इनवेस्टमेंट से रोकेगा। अमेरिका के अलावा EU और ब्रिटेन भी पाबंदियां लगाने की बात कह रहे हैं।

Related posts

संसद में ‘पठान’! TMC सांसद ओ’ब्रायन बोले-शाहरुख़ की फिल्म ने वो किया जो कोई पार्टी नहीं कर पाई

Such Tak

राजस्थान: भाजपा विधानसभा टिकिटों में मुसलमानों की बढ़ाएगी भागीदारी, लगने लगा है हार का डर

Such Tak

भारत जोड़ो यात्रा: आज RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन जुड़े, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भारत-चीन सीमा विवाद पर दिया बयान

Such Tak