01/12/2023
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राजस्थान में बदला सियासी माहौल: वसुन्धरा के गढ़ पहुंचे पायलट

सचिन पायलट का हाड़ौती में शक्ति प्रदर्शन, कोटा में शाही स्वागत; पायलट जिंदाबाद के लगे नारे

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आज हाड़ौती दौरे के तह कोटा पहुंचे। कोटा रेलवे स्टेशन पर सचिन पायलट का उनके समर्थकों ने शाही स्वागत किया। इस दौरान सचिन पायलट जिंदाबाद के जमकर नारे लगे। सचिन पायलट आज ट्रेन से जयपुर से दोपहर 2:45 बजे कोटा पहुंचे।  फिर सीधे स्टेशन से ही झालावाड़ के लिए रवाना हो गए। कोटा स्टेशन से लेकर झालावाड़ तक करीब दो दर्जन नेताओं ने कई जगह उनका स्वागत किया है। पायलट के हाड़ौती से सभी करीबी नेता समर्थकों के साथ कोटा पहुंच गए थे। यह एक तरह से पायलट का शक्ति प्रदर्शन था जिसके जरिए उन्होंने गहलोत गुट और बीजेपी को उसके गढ़ हाड़ौती में चुनौती दी है।

राजस्थान में सियासी माहौल अब तेजी से बदलने लगा है। शक्ति-प्रदर्शन के बहाने नेता फ्रंट फुट पर आकर यह दिखाने में जुट गए हैं कि उनमें कितना दम है। यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता लगातार दौरे कर भीड़ जुटा रहे हैं।

बीते दिनों ये देखने को मिला कि सचिन पायलट और सतीश पूनिया अचानक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़ का दौरा करने पहुंचे। वहीं राजे बीकानेर पहुंचीं और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी के मैनेजमेंट में शक्ति-प्रदर्शन कर सियासी मैसेज दिया।

आखिर राजस्थान में चल क्या रहा है? कौनसा गुट किस पर हावी हो रहा है? कौन आलाकमान को क्या मैसेज देना चाह रहा है…?

चुनाव से पहले ही राजस्थान देशभर में सियासत का केन्द्र बन गया है। उसकी बड़ी वजह राजस्थान में दोनों ही पार्टियों में नेतृत्व के संघर्ष की लड़ाई। इसी लड़ाई ने 15 दिन पहले कांग्रेस में फिर से सियासी ड्रामा हुआ। फिर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता मैदान में उतरे और शक्ति-प्रदर्शन शुरू कर दिया।

नेता हाईकमान को ताकत दिखाने के साथ ग्राउंड पर भी अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गए हैं। ऐसे में जानते हैं दोनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं के दौरे और उनके शक्ति-प्रदर्शन के मायने क्या है?

 

2023 के चुनावों से पहले सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान को याद दिलाई राजस्थान की जीत में अपनी भूमिका

पायलट ने सोमवार को कहा कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता सामूहिक रूप से काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी किसानों, युवाओं और गरीबों के समर्थन से विजयी हुई थी.

उन्होंने कोटा में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘जब मैं कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था, तब मैंने और तमाम कार्यकर्ताओं ने कड़ा संघर्ष किया था. हाड़ौती में हमने क्षेत्र के किसानों और गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी. हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि हमारे जो भी कार्यकर्ता और पदाधिकारी हैं, वे आम जनता, किसानों, युवाओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरे उतरें. हम साथ काम कर रहे हैं. हम सभी का लक्ष्य 2023 में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाना है.

अहीर समुदाय की तरफ से आयोजित समारोह में हिस्सा लेने आए थे पायलट

अहीर समुदाय की तरफ से आयोजित एक समारोह में हिस्सा लेने के लिए वसुंधरा के गढ़ आकर पायलट ने कहीं न कहीं यह साबित करने की कोशिश की है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री को सीधी चुनौती दे रहे हैं. उनकी मां रमा पायलट ने 2003 में झालरापाटन से राजे के खिलाफ चुनाव लड़ा था. हालांकि, जीतने में असफल रही थीं.

पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने बताया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री ने ट्रेन से यात्रा की थी और इस दौरान जनता में खासा उत्साह दिखा. कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा, ‘हजारों कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए जुटे थे. इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा सकता है क्योंकि यह राजे का गढ़ है और एक तथ्य यह भी है कि कांग्रेसी मंत्री शांति धारीवाल कोटा (उत्तर) से विधायक हैं.’

गहलोत के दो मंत्रियों ने बनाई दूरी 

सचिन पायलट को हाड़ौती दौरे से गहलोत के दो मंत्रियों शांति धारीवाल और अशोक चांदना ने दूरी बना ली। कोटा रेलवे स्टेशन से लेकर झालावाड़ तक कांग्रेस देहात संगठन की ओर से पूरी तैयारी की गई थी, लेकिन शहर का संगठन इसमें शामिल नहीं हुआ। देहात अध्यक्ष सरोज मीणा ने आह्वान भी किया था और कार्यकर्ताओं को स्टेशन पहुंचे भी है। इसके अलावा कोटा दक्षिण से चुनाव लड़ चुकी राखी गौतम, विद्याशंकर गौतम, क्रांति तिवारी, शिवराज गुंजल, राम कुमार दाधीच, राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के सदस्य कुंदन यादव, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आबिद कागजी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर स्वागत किया. इसके अलावा लाडपुरा प्रधान नईमुद्दीन गुड्डू के नेतृत्व में भी जेडीबी कॉलेज के नजदीक स्वागत किया गया है। पायलट समर्थक गुटों ने कोटा शहर स्टेशन से लेकर झालावाड़ तक पोस्टर बैनर से शहर को रंग दिया है।

पायलट बोले- मेरे संघर्ष की वजह से ही सत्ता में आए

राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर सचिन पायलट ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। पायलट ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बना तब मैंने संघर्ष किया। इसलिए हम सत्ता में आए है। कार्यकर्ताओं के बेस पर ही सत्ता में आए है। जब मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था, तब मैंने और कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया। हाड़ौती में, इस क्षेत्र में किसानों और गरीबों के लिए संघर्ष हम लोगों ने किया है। हम सब का सामूहिक दायित्व है कि जो हमारे वर्कर है, कार्यकर्ता है, किसान और नौजवानों की उम्मीदों पर खरा उतरें। हम मिलकर काम कर रहे हैं। हम सब का ध्येय है 2023 में चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बने। सचिन पायलट ने आज हाड़ौती अंचल के दौरे के दौरान कोटा में मीडिया से बात करते हुए इशारों में सीएम गहलोत को पर निशाना साधा।

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