अटल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है। मंगलवार को शरद पवार के घर पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में यह फैसला लिया गया। अब उनका मुकाबला NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से होगा।
तकरीबन तय है कि 29 दिनों बाद यानी 21 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू ही देश की अगली राष्ट्रपति होंगी। बीते कल, यानी मंगलवार को भाजपा और उनके साथ की पार्टियों ने द्रौपदी का नाम तय कर दिया। ये बातें तो दिल्ली में हो रही थीं, लेकिन तब द्रौपदी ओडिशा के मयूरभंज के अपने गांव माहूलडिहा में अपने घर पर थीं। साथ में बेटी इतिश्री थीं।
इतिश्री ने बताया कि शाम को एक कॉल आया, शायद प्रधानमंत्री मोदी का था। उन्होंने जो भी कहा हो, लेकिन मां उसके बाद चुप हो गईं। आंखों में आंसू थे, कुछ भी बोल न सकीं। थोड़ी देर बाद बस धन्यवाद कह पाईं और वो भी बहुत मुश्किल से।
अटल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशवंत सिन्हा को विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया है। मंगलवार को शरद पवार के घर पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में यह फैसला लिया गया। अब उनका मुकाबला NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से होगा।
1958 में पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बनने से लेकर 2022 में राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने तक के पॉलिटिकल सफर में कई बार यशवंत सिन्हा बगावती तेवर देखने को मिले हैं।