01/12/2023
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अडानी ग्रुप विवाद पर संसद से सड़क तक कांग्रेस का देशव्यापी प्रदर्शन

अडानी ग्रुप पर वित्तीय फ्रॉड के आरोपों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने मोर्चा खोलते हुए सोमवार को सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

एक ओर जहां संसद परिसर में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं ने गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर पार्टी की यूथ विंग, भारतीय युवा कांग्रेस अडानी समूह में एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों के बेहद जोखिम भरे लेनदेन और निवेश के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

इसके साथ ही इस मौके को बिना गंवाए कांग्रेस सोमवार को पूरे देश में एसबीआई और एलआईसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पार्टी की युवा इकाई भी दिल्ली के एसबीआई शाखाओं के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगी।

एक दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ऐलान किया था कि कांग्रेस पार्टी 6 फरवरी को पूरे देश में एसबीआई और एलआईसी के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी।

दरअसल कांग्रेस का कहना है कि गड़बड़ी की वजह से अडानी ग्रुप के शेयरों में जो गिरावट आई है उसका असर आम आदमी पर पड़ेगा। क्योंकि एसबीआई और एलआईसी ने भी इसमें निवेश कर रखा है।

वहीं कांग्रेस समेत तामाम वीपक्षी दलों का कहना है कि अडानी ग्रुप के मुद्दे पर बात करने के लिए संसद में उन्हें एक मिनट का भी समय नहीं दिया गया। सरकार जान बूझ कर इस मुद्दे पर चुप है।

विपक्ष मोदी सरकार से इस बारे में जवाब चाहता है। वहीं कई सांसदों ने संसद में कार्य निलंबन प्रस्ताव रखकर इस मुद्दे पर अलग से चर्चा की मांग की है। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे समय से अडानी ग्रुप को लेकर मोदी सरकार पर भी तरह-तरह के आरोप लगाते रहे हैं।

अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट में क्या आरोप हैं, समूह की क्या प्रतिक्रिया है ?

अडानी ग्रुप  ने हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी रास्ता लेने का मन बना लिया है. साथ ही डैमेज कंट्रोल के तौर पर अपने निवेशकों को भरोसे में लेने की कोशिश भी की है. दरअसल हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर शेयरों में हेरफेर का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसके बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट भी देखी गई है. अडानी समूह ने इस रिपोर्ट को दुर्भावना से प्रेरित करार दिया है.

क्या है पूरा मामला ?

अमेरिका की एक निवेश रिसर्च कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ ने मंगलवार, 24 जनवरी को एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें अडानी ग्रुप पर शेयर बाजार में “हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग” के आरोप लगाए गए.

100 पेज के डोजियर में क्या आरोप हैं ?

पहला आरोप:- हिंडनबर्ग रिसर्च ने रिपोर्ट में कहा कि उसने दो साल की रिसर्च के आधार पर, अडानी समूह से जुड़ी कई शेल संस्थाओं की पहचान की, जिनमें से अधिकांश कथित तौर पर मॉरीशस, साइप्रस, सिंगापुर, यूएई और कई कैरेबियन द्वीप समूह जैसे सुरक्षित टैक्स हेवन में हैं. आरोप है कि इनमें से कुछ शेल कंपनियों को गौतम अडाणी के भाई चलाते हैं. कुछ कंपनियों में कोई कर्मचारी नहीं है, ना ही कोई फोन नंबर या नहीं है.

दूसरा आरोप:- एक और आरोप में कहा गया कि इन शेल कंपनियों का कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किया गया था. रिपोर्ट में आरोप है कि मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से अडानी की निजी कंपनियों से पैसा सूचीबद्ध कंपनियों में लगाया गया, जिससे वित्तीय स्वास्थ्य और टैक्स चुकाने की क्षमता को दर्शाया जा सके.

हिंडनबर्ग रिसर्च में कहा गया है कि इसके लिए कंपनी अधिकारियों सहित दर्जनों स्रोतों से बात की गई, हजारों दस्तावेजों की समीक्षा की गई, लगभग आधा दर्जन देशों में कई जगहों का दौरा किया गया, संपूर्ण मॉरीशस कॉर्पोरेट रजिस्ट्री को डाउनलोड करने और लिस्ट करने के साथ-साथ भारतीय बाजारों और सेबी के साथ RTI दाखिल किए गए और उसके बाद इन आरोपों पर पहुंचा जा सका है.

तीसरा आरोप:- एक और आरोप में कहा गया है कि शेल कंपनियों का एक और काम कथित तौर पर बाजार में हेरफेर करना था. रिपोर्ट के अनुसार, “विनोद अडानी शेल्स कई काम करती हैं जिनमें से एक स्टॉक पार्किंग या स्टॉक हेरफेर भी है.”

रिपोर्ट का क्या असर हुआ ?

रिपोर्ट का असर हुआ कि अडानी समूह की कंपनियों से जुड़े शेयरों में बुधवार, 25 जनवरी गिरावट दिखाई दी.

अडानी ग्रुप का जवाब..

अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को “दुर्भावनापूर्ण” और “चुनिंदा गलत सूचना” के आधार पर तैयार रिपोर्ट बताया है. इसके अलावा अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग रिसर्च पर मुकदमा करने की तैयारी में भी है.

ब्लूमबर्ग और मनीकंट्रोल ने बताया कि शुक्रवार, 27 जनवरी को अडानी समूह के अधिकारियों ने बार्कलेज पीएलसी, डॉयचे बैंक एजी, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप इंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी जैसे कई निवेशकों को साथ एक कॉन्फ्रेंस कॉल की.

  • कॉल पर अडानी समूह ने कथित तौर पर कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में ‘धोखाधड़ी’ के आरोप तथ्यों पर आधारित नहीं हैं.
  • कथित तौर पर निवेशकों को दिखाए गए एक प्रेजेंटेशन में कहा गया कि कथित “बिग सिक्स” ऑडिटर्स में से एक, अडानी पोर्टफोलियो की नौ में से आठ कंपनियों का ऑडिट करती है.

इस बीच हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि अडानी ग्रुप ने एक भी आरोप का तथ्यात्मक जवाब नहीं दिया है.

 

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