शहर में अपना घर लेने का सपना देखने वाले कमजोर आय वर्ग व अल्प आय वर्ग के लोगों की उम्मीदें टूट गई हैं। नगर परिषद ने 24 करोड़ 62 लाख रुपए की लागत से 657 फ्लैट बनाने की मुख्यमंत्री जन आवास योजना को जमीन नहीं होने का हवाला देकर इसे राज्य सरकार से निरस्त करवा दिया है। नगर परिषद अधिकारियों ने बताया कि 18 अगस्त 2015 को राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री जन आवास योजना का प्रस्ताव आया था। 14 मार्च 2016 में प्रदेशस्तरीय टीम ने सर्वे कर जमीन को चिह्नित किया था। शाहाबाद रोड स्थित चिह्नित 2.54 हैक्टेयर सरकारी भूमि पर नगर परिषद की ओर से डिमार्किंग कराई गई। इसके बाद जब साल 2017 फरवरी में मौके पर निर्माण कार्य शुरू कराने नगर परिषद टीम पहुंची, तो इस जमीन का मामला न्यायालय में होने की जानकारी मिली।
इसके बाद से आवास निर्माण की योजना भी अटकी रही। इसके बाद योजना को लेकर नगर परिषद व रूडसिको के अधिकारियों ने मेलखेड़ी रोड, झालावाड़ रोड पर जमीन देखी थी। इसे आवास योजना को लेकर मुफीद नहीं माना गया। इसके बाद से योजना अटकी रही। परिषद सूत्रों ने बताया कि लंबे समय तक प्रोजेक्ट के लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई, ऐसे मे जिला स्तरीय अरबन डेवलेपमेंट कमेटी ने बारां जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित योजना के लिए जमीन नहीं मिलने के कारण स्वीकृति निरस्त करने का प्रस्ताव भेजकर निरस्त करवा दिया है।
क्या बारां शहर को ऐसे बनाएंगे स्मार्ट सिटी, लोगों की उम्मीदें टूटी
नगर परिषद व जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते शहर में प्रस्तावित राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री जन आवास योजना स्थगित कर दी है। योजना को लेकर शहरवासी आवास विहीन लोगों काने अपने घर की उम्मीदें बंधी थी। प्रोजेक्ट के बंद होने पर लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है। लोगों का कहना है कि कई लोग खुद का प्लाॅट, मकान आदि नहीं होने के कारण किराए के घर में रह रहे है। सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए भी स्वयं का प्लॉट, कच्चा मकान, रजिस्ट्री आदि होना आवश्यक है। जबकि मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध करवाएं जाने थे।
वित्तीय स्वीकृति के बाद भी निरस्त कराने से उठ रहे सवाल
नगर परिषद सूत्रों के अनुसार योजना के तहत नगर परिषद को 657 फ्लैट बनाने थे। इसमें से 416 कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) व 240 अल्प आय वर्ग (एलआईजी) के लोगों के लिए फ्लैट बनने थे। इसके लिए नगर परिषद ने शाहबाद रोड पर 2 लाख 55 हजार 200 वर्ग फीट जमीन का चयन किया था। उक्त जमीन पर निर्माण कराने के लिए 31 अक्टूबर 2016 को प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति भी मिल गई थी। इस पर न्यायालय स्टे था। नगर परिषद दूसरी जमीन नहीं दे पाई। इसे निरस्त कराने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
“मुख्यमंत्री जन आवास योजना प्रस्तावित थी। इसको लेकर उपयुक्त जमीन नहीं मिल पाई। ऐसे में जिला स्तरीय अरबन डेवलेपमेंट कमेटी ने बारां जिला मुख्यालय पर प्रस्तावित योजना को निरस्त करने के प्रस्ताव भेजकर निरस्त करवा दिया है।”
– मान सिंह मीणा, जेईएन, नगर परिषद, बारां