24/09/2023
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बारां: 60 करोड़ से बनना था कचरे से खाद बनाने का प्लांट, 4 साल बाद भी काम शुरू नहीं, नगर परिषद निरस्त करेगी टेंडर

शहर के नियाणा में 60 करोड़ की लागत से बनने वाले कचरा निस्तारण प्लांट का काम चार साल बाद भी शुरू नहीं हुआ है। पहले तीन साल पर्यावरण एनओसी, कोराेना से काम अटका। करीब एक साल से फर्म ने काम शुरू नहीं किया। ऐसे में नगर परिषद ने टेंडर निरस्त करने की अनुशंषा डीएलबी को भेज दी है।

कचरे से बनना था खाद, अब जलाकर निस्तारण से पर्यावरण को नुकसान

नियाणा कचरा निस्तारण प्लांट में शहर से निकलने वाले कचरे से खाद और कई तरह का सामान तैयार करने के लिए कच्चा माल बनाया जाना प्रस्तावित था। कचरे में से कांच, कागज, धातु, प्लास्टिक, कपड़े एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अलग-अलग पदार्थ शामिल हैं। प्लांट में सबसे पहले इस कचरे की छंटाई होती। ऐसे कचरे को अलग किया जाता है, जो परावर्तित नहीं हो सकता। यानी ऐसा कचरा जो सड़ चुका है। इसमें ज्यादातर कागज खाद्य सामग्री होती है। वहीं कचरे से निकले वाले सड़े गले भोजन, बगीचे का कचरा सहित अन्य सामग्री जो दुबारा उपयोग में नहीं लाई जा सकती। इसके प्लांट में गलाकर जैविक खाद तैयार करना था।

60 करोड़ से बनना था प्लांट, 30 साल का था टेंडर
नगर परिषद की ओर से शहर में निकलने वाले कचरे को खाद में बनाने के लिए 60 करोड़ से प्लांट बनाने का टेंडर बैंगलोर की फर्म को दिया था। इस फर्म को 30 साल के लिए कार्य करना था।

कचरा प्लांट तक रोड बन रहा, तो बिजली लाइन ने उलझाया
शहर में निकलने वाले कचरे को प्लांट तक पहुंचाने के लिए 2 कांपेक्टर मशीन रास्ते को क्राॅस कर रही 11 केवी लाइन के कारण नहीं पहुंच पा रहे हैं। बारिश सीजन में पुलिया नहीं बनने से यहां तक ट्रैक्टर-ट्राॅली नहीं पहुंच सके। ऐसे में शहर के एंट्री प्वाइंटों पर कचरा डाला गया। अब कांम्पेक्टर का कचरा फेंकने को लेकर समस्या बना हुई है।

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