शहीद राजमल मीणा जिला अस्पताल में एमसीएच विंग के पास 20 बेड का मदर न्यू बोर्न केयर यूनिट बन रही है। इस एमएनसीयू के लिए एमएचएम की ओर से 90 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसका निर्माण कार्य अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद उपकरण स्थापित कर जल्द ही यूनिट शुरू कर दी जाएगी। खास बात यह है कि एमएनसीयू में शिशु के साथ मां को भी रखा जाएगा, ताकि शिशु और मां की बेहतर देखभाल भी की जा सके।
पीएमओ डॉ. सतीश अग्रवाल ने बताया कि इस यूनिट में विशेषकर उन शिशुओं को रखा जाएगा, जिन्हें पीलिया, दूध नहीं पीने की शिकायत और कम वजन के शिशुओं को भी रखा जाएगा। यूनिट में मां को भर्ती करने से शिशु का तापमान भी सामान्य बना रहेगा। इसी उद्देश्य ही नवजात शिशु के साथ प्रसूताओं को भी भर्ती किया शिशुओं की मृत्युदर में कमी लाने के उद्देश्य से एमएनसीयू तैयार करवाया जा रहा है। फिलहाल जगह के अभाव के कारण एसएनसीयू में भर्ती नवजात की माताओं को वार्ड के बाहर ही उनके रुकने की व्यवस्था कर रखी है। अधिक क्रिटिकल कंडीशन में न्यू बोर्न बेबी को एसएनसीयू में रखा जाएगा और क्रिटिकल कंडीशन में कुछ सुधार होने पर उन्हें एमएनसीयू में शिफ्ट किया जाएगा।
ऐसा होगा नया एमएनसीयू वार्ड
एमएनसीयू में डॉक्टर रूम, नर्सिंग-रूम, स्टोर, मदर एरिया, रजिस्ट्रेशन एंड इन्क्वायरी, लेबोरेट्री ट्रीटमेंट रूम, वाशिंग एरिया, कंट्रोल-रूम सहित सुविधाएं होगी। इससे मां सहित नवजातों को अच्छी तरह इलाज मिलेगा।
मां को भी मिलेगी केयर की सुविधा
वर्तमान में न्यू बोर्न बेबी की मां के लिए एसएनसीयू वार्ड के बाहर बरामदे में ही रुकने की व्यवस्था है, जहां नवजात की मां के लिए स्पेशल केयर की सुविधा नहीं हो पा रही है। नए वार्ड के बनने से वे अपने शिशुओं के पास आसानी से रह सकेंगी। वर्तमान में एमसीएच विंग स्थित एसएनसीयू में 12 बेड स्वीकृत हैं, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने यहां स्वीकृति से अधिक कुल 25 वार्मर लगा रखे हैं। यहां ग्रामीण क्षेत्र से रेफर होकर पहुंचने वाले केसों की संख्या अधिक रहती है। ऐसे में एक वार्मर पर 2 बच्चों को भर्ती करना पड़ता है, जिससे नवजात बच्चों में संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है।