बारां जिले में वेतन विसंगति की मांग को लेकर जेल प्रहरियों का अनिश्चितकालीन मैस का बहिष्कार तीसरे भी जारी है। शनिवार शाम को जिला कारागृह में भूख हड़ताल कर रहे जेल प्रहरी मोहन चौधरी की तबीयत बिगड़ गई। जिन्हें जिला जेल डिस्पेंसरी से जांच के बाद जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया। जेल प्रहरी वेतन और भत्तों की विसंगतियों को दूर करने और साल 2017 में राज्य सरकार से हुए समझौते को लागू करने की मांग कर रहे हैं। जेल प्रहरी अन्न का त्याग करके बिना कुछ खाए ही ड्यूटी दे रहे हैं।
जेल प्रहरी राहुल संत और केशव सिंह ने बताया कि जेल प्रहरियों की मांग है कि जेल पर ही तैनात आरएसी (जेल सुरक्षा) के पदनाम के अनुसार कारागृह कर्मियों को समान सैलरी, भत्ता और अन्य सुविधाएं दी जाए। कर्मचारियों को 25 छुट्टियां दी जाए। उन्हें हार्ड ड्यूटी अमाउंट 200 रुपए से बढ़ाकर मूल वेतन का 12 प्रतिशत कर दिया जाए। रोडवेज पास भी लागू किया जाए। कैंटीन की सुविधा भी दी जानी चाहिए। प्रहरी और मुख्य प्रहरियों को वीकली ऑफ में मुख्यालय छोड़ने की परमिशन दी जाए। सरकार की ओर से कई बार आश्वासन देने के बाद भी समाधान नहीं हो सका है। इसको लेकर कुछ दिन पहले जेलकर्मियों ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए मैस के बहिष्कार की चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार की ओर से मांगे नहीं मानने पर प्रदेशभर में जेल प्रहरियों की ओर से मैस का बहिष्कार और अन्न का त्याग कर ड्यूटी की जा रही है। कार्मिकों का कहना है कि सरकार की ओर से मांग नहीं मानने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी।