30/09/2023
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बारां में पशु-पक्षियों के लिए बन रहा हाईटेक अस्पताल‎: सर्जरी के लिए बनाए 3 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर‎, 100 लोगों का रहेगा स्टाफ

केबीनेट मंत्री प्रमोद जैन भाया की प्रेरणा से श्री महावीर गौशाला कल्याण संस्थान करवा रहा है निर्माण..

बारां‎ शहर से करीब 12 किमी दूर स्थित बड़ा‎ गांव में करीब 20 करोड़ की लागत से बेजुबान पशु‎ पक्षियों के इलाज के लिए प्रदेश का सबसे बड़ा और‎ सबसे मॉर्डन अस्पताल तैयार हो रहा है। इस मॉर्डन अस्पताल में 500 से ज्यादा पक्षियों के इलाज लिए वार्डों में पिंजरे‎ लगाए जाएंगे। साथ ही 300 से ज्यादा पशुओं के इलाज‎ के लिए इंडोर वार्ड भी बनाया गया है। गंभीर घायल व‎ बीमार पशु-पक्षियों के ऑपरेशन के लिए 3 मॉड्यूलर‎ ऑपरेशन थिएटर, डायग्नोस्टिक लैब, सोनोग्राफी सहित‎ डायलिसिस की सुविधा भी रहेगी। संभवतया यह प्रदेश‎ का पहला ऐसा हॉस्पिटल होगा, जिसमें पालतू, लावारिस‎ पशु-पक्षियों का निशुल्क इलाज किया जाएगा।

गोमाता मंदिर में 24 घंटे होगी गाय की पूजा 
श्री‎ महावीर गौशाला कल्याण संस्थान की ओर से‎ 35 बीघा जमीन पर बहुउद्देश्यीय पशु-पक्षी अस्पताल बनाया जा रहा है।‎ संस्थान के अध्यक्ष गौतम जैन बोरड़िया व संस्था से जुड़े मनोज जैन आदिनाथ ने‎ बताया कि अस्पताल का लगभग 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। संभवतया‎ फरवरी महीने में इसके शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि यहां गोमाता का‎ मंदिर भी बनाया गया है। मंदिर में पुजारी रहेगा और 24 घंटे श्रृंगारित गाय की पूजा‎ होगी। सुबह-शाम आरती की जाएगी। यहां यज्ञशाला भी बनी है। साथ ही तुला दान‎ (तराजू) भी लगाया गया। यहां लोग अपने वजन के बराबर चारा समेत अन्य‎ सामग्री दान कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि पशु-पक्षी मालिक के नहीं‎ मिलने पर घायल लावारिस पशु पक्षियों को जीवन भर यहां रखा जाएगा।‎

दूसरे चरण में तैयार होगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस
प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में यहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तैयार होगा, जहां जिले में पशुओं के नस्ल व प्रजनन संबंधित परेशानियों का निदान किया जाएगा। भ्रूण-प्रत्यारोपण तकनीकी (ईटीटी) के माध्यम से उन्नत नस्ल के पशु पैदा किए जा सकेंगे। नस्ल सुधार के लिए सोटेंट सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भधान की सुविधा रहेगी, जिससे 90 प्रतिशत बछड़ियां ही पैदा होती है।

अस्पताल में 100 लोगों का स्टाफ और 10‎ एंबुलेंस रहेगी
प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. भटनागर ने बताया कि अस्पताल में 10 डॉक्टर, 40 कंपाउंडर और 50 केयर टेकर की टीम होगी। इसके अलावा 10 एंबुलेंस रहेगी, जो कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ से बीमार व घायल पशु पक्षियों को लाएगी। हॉस्पिटल के वार्डों में सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सिस्टम की भी सुविधा रहेगी

 

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