3 प्वाइंट की गणना में 90 से ज्यादा प्रजातियों के एक हजार पक्षी दिखे
शेरगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य में रविवार को 3 प्वाइंट पर पक्षियों की गणना की गई। गणना के दौरान शेरगढ़ में विदेशी प्रवासी, स्थानीय प्रवासी समेत आदि पक्षियों की साइटिंग हुई। वर्तमान में शेरगढ़ अभ्यारण्य में विदेशों आए परिंदों ने डेरा डाल रखा है। यहां पर स्थित विभिन्न तालाबों में आसानी से इन पक्षियों की साइटिंग हो रही है। रविवार को हुई गणना में 90 से अधिक प्रजातियों के विदेशी व देशी पक्षियों की साइटिंग हुई। गणना के लिए वन विभाग की ओर से टीमें गठित कर ड्यूटी लगाई गई थी। शेरगढ़ में रविवार को सुबह 5 बजे से 10 बजे तक पक्षियों की गणना की गई।
अभ्यारण्य क्षेत्र में सर्दी की शुरुआत से ही प्रवासी पक्षियों का आवागमन शुरू हो जाता है। यह पक्षी चार माह यहां गुजार कर वापस अपने देश व क्षेत्र में लौट जाते हैं। रविवार को गणना के दौरान 90 प्रजातियों के 1000 पक्षी गणना में सामने आए। इनमें कई पक्षी तो ऐसे हैं, जो स्थानीय हैं। शेरगढ़ अभ्यारण्य में इंसानी दखल न के बराबर होता है। इसके चलते यह प्रवासी पक्षियों की सबसे सुरक्षित जगह साबित हो रहा है गणना के दौरान प्रियल विजयवर्गीय, ओमप्रकाश मीणा, वनरक्षक अनिता कुमारी, नरेंद्र वैष्णव, यशवंत सिंह, रवि नागर, अनिल रैगर समेत आदि मौजूद रहे।
पोंड, हेरेन सहित अन्य स्थानीय प्रजातियों के दिखे पक्षी
गणना के दौरान शेरगढ़ में स्थानीय प्रवासी पक्षियों में ब्लैक टिंग, स्टीलट, ग्रेट कोरमोरैंट, कॉब डक, वेग टेल समेत आदि पक्षी नजर आए है। साथ ही स्थानी प्रजातियों में लिटिल कार मोरेंट, पौंड हेरोन, इग्रेट, आइबिस, किंगफिशर समेत अन्य की साइटिंग हुई है।
विदेशी प्रवासी पक्षियों में दिखे रेड शोक, सैंडपाइपर समेत अन्य
शेरगढ़ वाइल्डलाइफ रेंजर नाथ ने बताया कि गणना के दौरान बरखेड़ी तालाब पर 44 प्रजातियों के 378 पक्षी, पाटाखो तालाब पर 22 प्रजातियों के 235 पक्षी व आचोली तलाई पर 21 प्रजातियों के 93 पक्षी देखे गए। साथ ही अन्य जगहों पर पक्षियों की साइटिंग हुई है। इस दौरान रुस, साइबेरिया, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान समेत अन्य देशों से आए ब्राहणी डंक, कॉमन टील, पिन टेल, फ्लोवर, रेड शेक, सैंडपाइपर, स्टींट तथा वेगरेल समेत आदि पक्षियों की साइटिंग हुई।