अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की दहशत बारां तक आ पहुंची है। सरकारी विभागों ने इसका अलर्ट जारी कर गाइडलाइन बनाई है। इसके तहत लोगों को चेताया गया है। सरकारी विभाग भी अपनी पुख्ता तैयार किए हुए हैं। इसका दक्षिणी पश्चिमी जिलों में भी प्रभाव होने से बारां जिले में अत्यधिक आंधी तूफान और अधिक बारिश होने की आशंका है।
बिपरजॉय का मतलब डिजास्टर, तबाही या आपदा होता है। यह एक प्राकृतिक आपदा है। इस बार चक्रवाती तूफान का नाम बांग्लादेश ने रखा है। अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में आने वाले चक्रवाती तूफानों का नामकरण बारी-बारी से भारतीय प्रायद्वीप के देश रखते हैं। मौसम विभाग के अनुसार अब बिपरजॉय ने खतरनाक रूप धारण कर लिया है। इसके असर से देश के कई राज्यों में भारी या अतिभारी बारिश की आशंका है। गुजरात के तटीय जिलों में तूफानी बारिश होगी। राजस्थान के भी कई जिलों में इसका असर रहेगा। तेज हवा, मेघ गर्जन और बारिश की गतिविधियां होंगी। राजस्थान के कई जिलों में ऑरेंज व यलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।
कब से बदलेगा मौसम..
इधर, बिपरजॉय से पहले राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर बना हुआ है। गर्म हवा के थपेड़े परेशान कर रहे हैं। अधिकतम पारा 40 डिग्री के पार चल रहा है। हवा में नमी का प्रतिशत 30 पर बना हुआ है। ऐसे में गर्मी का असर अधिक महसूस हो रहा है। मौसम विभाग ने 16 जून से प्रदेश का मौसम बदलने का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान बारिश होगी तो गर्मी से लोगों को राहत मिलेगी। इससे आगामी दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज होगी। हाड़ौती अंचल में भी तीखी गर्मी का मौसम बना हुआ है। सुबह से ही गर्मी व उमस का असर बना हुआ है। रातें भी काफी गर्म हो गई हैं।
आकाशीय बिजली को लेकर चेतावनी जारी…
बिपरजॉय चक्रवात के प्रभाव से जिले में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से एहतियात बरतने की अपील की है। सीएमएचओ डॉ. संपतराज नागर ने बताया कि तूफान से पहले इलेक्ट्रानिक उपकरणों के प्लग निकाल दें। तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों व दरवाजों से दूर रहें। लोहे के पाइपों न छुएं। नल से बहते पानी का इस्तेमाल न करें। तूफान के समय घर से बाहर हैं, तो घर या भवन में आश्रय लें, टिन अथवा धातु से बनी छत वाले मकानों से दूर रहें। यदि खुले आसमान के नीचे हो तो तुंरत दुबक जाएं। जमीन पर न लेटे और न ही अपने हाथ लगाएं। कभी भी पेड़ के नीचे न खड़े हो। एक स्थान पर भीड़ न लगाएं। सभी फैलकर खड़े हों। यदि आप कार, बस या ढके हुए वाहन के अंदर हैं, तो वहीं रहना सुरक्षित है। घर के बाहर धातु की वस्तुएं इस्तेमाल न करें। बिजली व टेलीफोन के खंभों से दूर रहे। पानी के भीतर न रहे, पूल, झील तथा छोटी नाव से तुंरत बाहर निकल जाएं।