मंडी में होता है हर साल 3 हजार करोड़ का कारोबार
बारां शहर स्थित कृषि उपजमंडी में सालाना कारोबार साढ़े 3 हजार करोड़ पर पहुंच गया है। मंडी में सुरक्षा को लेकर पर्याप्त मात्रा में गार्ड भी नहीं हैं। वहीं मंडी की ओर से लगाए गए सीसीटीवी कैमरे कई साल से खराब हैं। ऐसे में यहां चोरी की वारदातों से किसानों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। लंबे समय से मांग के बाद भी सुधार नहीं होने पर आगामी सीजन में यहां माल लेकर आने वाले किसानों और व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
मंडी व्यापारियों का कहना है कि बारां मंडी में कारोबार तो बढ़ रहा है, लेकिन सुविधाओं के विस्तार को लेकर जिम्मेदार अनदेखी कर रहे हैं। प्रदेश की अग्रणी मंडियों में शामिल होने के बाद भी यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम नहीं हैं। मंडी में गार्डों की संख्या कम होने से परेशानी बढ़ रही है। हालात यह हैं कि मंडी में आए दिन कृषि जिंस चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इससे किसानों और व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मेंटेनेंस नहीं होने से खराब पड़े हैं कैमरे
कृषि उपजमंडी में चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने और सुरक्षा के लिए करीब 6 साल पहले मंडी समिति ने मंडी परिसर के प्लेटफार्मों, यार्ड और शेड सहित अन्य जगहों पर करीब 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। नियमित मेंटेनेंस नहीं होने के कारण अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब हो चुके हैं।
दिन और रात में सिर्फ 16-16 गार्ड
करीब 280 बीघा में फैली मंडी में पर्याप्त गार्ड मौजूद नहीं होने के कारण समस्या बनी हुई है। दिन और रात में सिर्फ 16-16 गार्ड हैं। मंडी से कृषि जिंसों की चोरी हो जाती है। गार्डों की कमी और सीसीटीवी कैमरों के बंद होने के कारण यहां चोरी की वारदातों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसका खामियाजा किसानों और व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। मंडी सचिव मनोज मीना का कहना है कि मंडी परिसर में 50 से अधिक कैमरे लगे थे, जिनमें अधिकांश बंद हैं। पूरी मंडी में नए कैमरे लगवाने के लिए 50 लाख के प्रस्ताव कृषि विपणन बोर्ड को भेज रखा है। मंडी में दिन और रात में 16-16 गार्ड नियुक्त हैं