01/12/2023
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वेणुगोपाल बोले- धारीवाल, जोशी और राठौड़ को क्लीन चिट नहीं: कहा- CWC में जांच पेंडिंग, अभी हम कर रहे विचार, जयराम बोले- Ongoing इंक्वायरी चल रही है

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और RTDC चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को अभी तक कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है। कांग्रेस अनुशासन कमेटी के पास जांच पेंडिंग है। अभी उस पर फैसला नहीं हुआ है। हम अभी उस पर विचार कर रहे हैं। बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे जयपुर पहुंचे केसी वेणुगोपाल ने जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात की।

उन्होंने कहा- मैं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने आया हूं। राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा का बहुत अच्छा रेस्पॉन्स है। कांग्रेस प्रवक्ता संदीप चौधरी के साथ वेणुगोपाल सवाई माधोपुर के लिए रवाना हो गए।

इस दौरान गहलोत-पायलट गुट में आपसी खींचतान के सवाल पर राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा सब एकजुट होकर भारत जोड़ो यात्रा में चल रहे हैं लेकिन मीडिया को घमासान दिख रहा है। ना तो पब्लिक कह रही और ना ही हम सुन रहे, ये तो मीडिया ही कह और सुन रही है। उन्होंने कहा हम सभी एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे व जीतकर सरकार बनाएंगे फिर मीडिया सवालों का जवाब देंगे।

वहीं पिछले दिनों कथित अनुशासनहीनता करने वाले तीन नेताओं पर कार्रवाई के सवाल पर महासचिव जयराम रमेश ने कहा ऑनगोइंग इंक्वायरी चल रही है, ऑनगोइंग का मतलब होता है गोइंग ऑन। इंक्वायरी चल रही है, जांच हो रही है। जब जांच खत्म होगी तब निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने कहा इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस पार्टी को चुनाव जिताएंगे, किसी एक व्यक्ति को नहीं। व्यक्ति आते और जाते हैं, लेकिन संगठन सर्वोपरि है। संगठन को मजबूत करना ही भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य है। 2023 में राजस्थान में कांग्रेस संगठन चुनाव लड़ेगा लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा यह बाद में देखा जाएगा।

लगातार उठती रही है कार्रवाई की मांग
खुद पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने इन तीनों नेताओं पर कार्रवाई की मांग कांग्रेस आलाकमान के सामने खुलकर उठा चुके हैं। विधायक दिव्या मदेरणा, इंद्राज गुर्जर, वेदप्रकाश सोलंकी भी गहलोत खेमे के बगावती नेताओं पर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। पिछले दिनों पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में कांग्रेस अनुशासन कमेटी (DAC) की फुल बेंच की बैठक हुई थी। इसमें सचिव तारीक अनवर, मेंबर अंबिका सोनी और जीआर राजू भी थे। सूत्रों के मुताबिक, बगावत के बाद आलाकमान के भेजे गए नोटिस पर तीनों ने बिना शर्त माफी मांगी थी। बैठक में तीनों के जवाब पेश किए गए। बैठक में कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई, लेकिन जांच पर मामला अब तक पेंडिंग ही है।

सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने तीनों नेताओं के माफीनामे तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजकर पूछा- मामले में क्या कार्रवाई की जाए। सोनिया के दफ्तर से जवाब नहीं आया। इसलिए ऐसी चर्चाएं शुरू हो गईं कि तीनों नेताओं पर आलाकमान कार्रवाई के मूड में नहीं है। यही वजह रही कि धारीवाल और राठौड़ राहुल की यात्रा में न सिर्फ नजर आए बल्कि उनके साथ पैदल भी चले। मुख्य भूमिका में भी दिखाई दिए। इससे पहले पूरी बगावत को लेकर खुद CM अशोक गहलोत तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर माफी मांग चुके हैं।

धारीवाल और राठौड़ लगातार दे रहे मैसेज

भारत जोड़ो यात्रा कोटा पहुंची तो धारीवाल ने राहुल के सामने शक्ति प्रदर्शन किया। धर्मेंद्र राठौड़ को अलवर में राहुल की सत्कार कमेटी में लगाया गया है। धर्मेंद्र राठौड़ भी पदयात्रा में एक दिन पहले राहुल गांधी के साथ चलते नजर आए। राठौड़ मंगलवार को सरदारशहर के नवनिर्वाचित विधायक अनिल शर्मा के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से भी मिले। धारीवाल ने बातचीत में भी कोटा में कहा था- हमें ताे क्लीन चिट के लिए नहीं कहा है, पर काेई कार्रवाई भी नहीं हाे रही है। मैं ताे यह समझता हूं कि अब मामला खत्म हाे चुका है। हमने जवाब दे दिया है, वे संतुष्ट हैं। इसलिए काेई कार्रवाई नहीं की जा रही।

नोटिस में ये लिखा हुआ था…

अनुशासनहीनता : बयान जारी करने के अलावा धारीवाल ने अपने घर पर पैरेलल विधायक दल की बैठक की। विधायकों को आधिकारिक बैठक में नहीं जाने के लिए दबाव बनाकर भारी अनुशासनहीनता की है।

विधायकों को कन्फ्यूज किया : संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर गैर आधिकारिक बैठक रखकर विधायकों को कंफ्यूज किया कि आधिकारिक बैठक कौन सी है।

समझाने के बावजूद ऐसी हरकत : खड़गे और अजय माकन ने बार-बार स्पष्ट किया कि वे यहां हर विधायक से वन टू वन बातचीत करने आए हैं। इसके आधार पर निष्पक्ष रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को देंगे। जल्दी में कोई फैसला नहीं होगा। विधायकों की राय जानने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष एक-एक करके उनसे विचार-विमर्श करतीं और फिर सोच समझकर फैसला किया जाएगा, इसके बावजूद यह हुआ।

(आलाकमान ने अजय माकन की रिपोर्ट के आधार पर ये नोटिस जारी किया है)

धारीवाल ने नोटिस के जवाब में ये लिखा था

मैं कांग्रेस का अनुशासित सिपाही : धारीवाल ने खुद को 50 साल से कांग्रेस का अनुशासित सिपाही बताते हुए लिखा है कि सोनिया गांधी के आदेश की अवहेलना के बारे में सोच भी नहीं सकता। आगे भी यही स्टैंड है। हाईकमान का आदेश सर्वोपरि है।

नोटिस में महेश जोशी पर यह आरोप

बैठक का बहिष्कार : नोटिस में लिखा है- मुख्य सचेतक होने के नाते महेश जोशी ने सभी विधायकों को 25 सितंबर को शाम 7 बजे सीएम रेजिडेंस पर विधायक दल की बैठक में आने की सूचना दी। इसके बाद खुद बैठक का बहिष्कार किया।

अनधिकृत बैठक में शामिल हुए : जब आधिकारिक विधायक दल की बैठक के लिए ऑब्जर्वर इंतजार कर रहे थे, उस वक्त जोशी ने पैरेलल विधायक दल की बैठक में भाग लिया और विधायकों को भी उसके लिए मनाया। मुख्य सचेतक के नाते अनधिकृत और गैर कानूनी बैठक में भाग लेकर विधायकों को कंफ्यूज किया।

महेश जोशी का जवाब

महेश जोशी ने अनुशासन कमेटी को भेजे गए जवाब में विधायकों को उकसाने के आरोपों को गलत बताया था। साथ ही किसी भी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि और अनुशासनहीनता वाला काम करने से साफ इनकार किया था।

राठौड़ पर आरोप : पैरेलल बैठक की प्लानिंग में शामिल

नोटिस में आरोप लगाया गया है कि धर्मेंद्र राठौड़ ने RTDC के अध्यक्ष और पीसीसी मेंबर होते हुए पैरेलल विधायक दल की बैठक की सभी व्यवस्थाएं कीं। विधायक दल की अनधिकृत बैठक की पूरी प्लानिंग के पीछे उनका हाथ था।

राठौड़ ने बैठक की प्लानिंग के आरोप नकारे थे

धर्मेंद्र राठौड़ ने शांति धारीवाल के घर अनधिकृत तौर पर विधायक दल की बैठक बुलाने में खुद की भूमिका होने से इनकार किया था। उन्होंने लिखा है कि- हमेशा कांग्रेस के सच्चे सिपाही की तरह काम किया है और आगे भी करेंगे। पार्टी सर्वाेपरि है।

गहलोत ने दिए थे संकेत
पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने में कुछ दिन बाकी थे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहकर सियासी खलबली मचा दी थी। इसके बाद राहुल गांधी ने पायलट और गहलोत दोनों को पार्टी के एसेट बताकर सुलह के संकेत दिए थे। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के जयपुर दौरे पर दोनों के बीच सुलह भी करवाई थी। इसके बाद खुद गहलोत ने यह कहते हुए तीनों नेताओं को माफी के संकेत दिए थे कि जब पायलट-गहलोत एसेट हैं, तो उनके समर्थक भी पार्टी के एसेट हैं।

 

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