पंजाब के किसान एक बार फिर रेल पटरियों पर उतर आए हैं। लंबे समय से पंजाब के डीसी कार्यालयों और टोल प्लाजा पर प्रदर्शन करने के बाद किसानों ने 12 जिलों में 15 जगहों पर ट्रेनें रोक दी हैं। यह ट्रेनें शाम 4 बजे तक रोकी जाएंगी।
किसान मजदूर संघर्ष मजदूर कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि उनकी बातें सुनने के लिए न राज्य और न ही केंद्र के पास समय है। जिसके चलते उन्हें टोल प्लाजा फ्री करने के बाद अब ट्रेन रोकने का फैसला लिया। इससे रेल यात्रियों को परेशानी तो होगी, लेकिन उनके पास इसके अलावा अब कोई चारा नहीं बचा।
इन जगहों पर रोकी गई ट्रेनें
- जिला अमृतसर में देवीदासपुरा जंडियाला गुरु
- गुरदासपुर बटाला रेलवे स्टेशन
- तरनतारन के खडूर साहिब, पट्टी और तरनतारन रेलवे स्टेशन
- फिरोजपुर बस्ती टैंका वाली गुरु हरसहाए
- मोगा रेलवे स्टेशन
- मुक्तसर मलोट रेलवे स्टेशन
- फाजिल्का रेलवे स्टेशन
- जिला बरनाला घुणस स्टेशन
- जालंधर कैंट व कपूरथला रेलवे स्टेशन
- होशियारपुर में टांडा रेलवे स्टेशन
- लुधियाना का समराला रेलवे स्टेशन
- फरीदकोट रेलवे स्टेशन
अमृतसर-दिल्ली, तरनतारन और अमृतसर-जेएंडके रूट प्रभावित
किसानों के इस फैसले के बाद अमृतसर नई दिल्ली, अमृतसर जेएंडके और तरनतारन रूट प्रभावित होगा। मुख्य ट्रेनें अमृतसर शताब्दी, शान-ए-पंजाब, नागपुर एक्सप्रेस, पश्चिम एक्सप्रेस, गोल्डन टेंपल मेल, दादर एक्सप्रेस और जम्मू तवी जोधपुर एक्सप्रेस ट्रेनों पर इसका असर पड़ने वाला है।
किसान मांगें पूरी न होने पर भड़के
किसान लंबे समय से राज्य व केंद्र सरकार के साथ मांगों को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं। किसान आंदोलन में भी जिन बातों पर हामी भरी गई, वे अभी तक नहीं मानी गई।
केंद्र सरकार से संबंधित मांगें
- किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर हमला करने वाले अमन और प्रदीप के खिलाफ कार्रवाई।
- लिखित आश्वासन के बाद भी एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनाए गए।
- दिल्ली मोर्चे के दौरान किसानों पर दर्ज केस वापस नहीं लिए गए।
- लखीमपुर कत्लकांड के आरोपी आशीष मिश्रा की जामनत रद की जाए।
- बिजली वितरण कानून को रद किया जाए और बिजली शोध बिल 2020 की प्रोसिडिंग को हटाया जाए।
- भारत सरकार के WTO के साथ किए गए समझौते रद किए जाएं।
राज्य सरकार से संबंधित मांगें
- सड़क प्रोजेक्ट के लिए जमीनों को बिना योग्य मुआवजे के एक्वायर किया गया। इसके लिए आ रही मुश्किलों का जल्द हल निकाला जाए।
- गन्ने का की कीमत 380 रुपए से 500 रुपए की जाए।
- प्रदूषण रोकथाम कानून सख्ती से लागू हो।
- दिल्ली मोर्चे के शहीद परिवारों को मुआवजा दिया जाए।