200 पशुओं के लिए वार्ड, सोनोग्राफी से लेकर डायलिसिस की सुविधा
बेजुबान पशु पक्षियों के इलाज के लिए राजस्थान का सबसे बड़ा और सबसे मॉडर्न हॉस्पिटल बारां जिले में बनाया जा रहा है। करीब 20 करोड़ की लागत में तैयार होने वाले इस हॉस्पिटल में करीब 300 पक्षियों के इलाज लिए वार्ड में पिंजरे लगाए जाएंगे। साथ ही 200 पशुओं के इलाज के लिए 200 बेड वाला वार्ड भी बनाया गया है। यहां तीन मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, डायग्नोस्टिक लैब, सोनोग्राफी सहित डायलिसिस की सुविधा भी उपलब्ध होगी। यह प्रदेश का पहला ऐसा हॉस्पिटल होगा जहां पालतू, लावारिस पशु पक्षियों का बिल्कुल फ्री इलाज किया जाएगा। साथ ही घायल पशुओं के लिए 24 घंटे इमरजेंसी में डॉक्टर तैनात रहेंगे।
100 लोगों का स्टाफ, 10 एंबुलेंस, 24 घंटे केयर करेगी टीम
डॉक्टर भटनागर ने बताया कि यहां 10 डॉक्टर, 40 कंपाउंडर और 50 केयरटेकर की टीम होगी। साथ ही 10 एंबुलेंस रहेगी जो कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ से बीमार व घायल पशु पक्षियों को लाएगी। हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिस्टम सेंट्रलाइज्ड रहेगा। शुरुआत में दो-तीन एंबुलेंस का उपयोग किया जाएगा। जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाएगा। इसके लिए बकायदा हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। हेल्पलाइन नंबर पर सूचना आने के बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंचकर घायल पशु पक्षी को इलाज के लिए हॉस्पिटल आएगी।
मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में होगी सर्जरी
एक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर पक्षियों व वाइल्ड लाइफ के लिए रहेगा। इस मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में वाइल्डलाइफ व पक्षियों की सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी। रिकवरी होने तक उन्हें वार्ड में रखा जा सकेगा। फिर उन्हें पिंजरे में ट्रांसफर करेंगे। पशु पक्षियों के लिए अलग-अलग आउटडोर और इंडोर बनाया गया है जिनके शेड का काम चल रहा है। बड़े व छोटे पशुओं के लिए आउटडोर व इंडोर की सुविधा अलग-अलग रखी जाएगी। आउटडोर में इलाज होने के बाद अगर भर्ती की जरूरत पड़ती है तो इसके लिए इंडोर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
शवदाह गृह बनेगा, होगा विधिवत अंतिम संस्कार
पशु, पक्षी मालिक के नहीं मिलने पर घायल लावारिस पशु पक्षियों को जीवनभर यहां रखा जाएगा। उनकी मौत हो जाने पर उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके लिए यहां शव दाह गृह भी बनाया जा रहा है।
पशुओं के खून-पेशाब की भी होगी जांच
एक्सरे रूम, सोनोग्राफी रूम, जांच के लिए 3 बड़े बड़े रूम बनाए गए है। इनमें माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, सामान्य जांच अलग अलग रूम में होगी। हॉस्पिटल में क्लिनिकल, पैथोलॉजिकल डायग्नोस्टिक की सुविधा मिलेगी। पैथोलॉजी लैब में पशु पक्षियों के खून, पेशाब, गोबर सहित अन्य प्रकार की जांचें की जाएंगी। ताकि पशु पक्षियों की बीमारी का पता लगाकर उसका ठीक से इलाज किया जा सके।
गो-माता मंदिर में 24 घंटे गाय की पूजा
श्री महावीर गोशाला कल्याण संस्थान के अध्यक्ष गौतम जैन बोरड़िया व संस्था से जुड़े मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसे जनवरी में इसे शुरू होने की संभावना है। यहां गोमाता का मंदिर भी बनाया गया है। मंदिर में पुजारी रहेगा। 24 घंटे श्रृंगारित गाय की पूजा होगी। सुबह शाम आरती की जाएगी। यहां यज्ञशाला भी बनी है। साथ ही तुला दान (तराजू) भी लगाया गया। यहां लोग अपने वजन के बराबर चारा समेत अन्य सामग्री दान कर सकेंगे।
35 बीघा जमीन पर निर्माण
बारां से करीब 12 किलोमीटर दूर बड़ा बालाजी के सामने 35 बीघा जमीन पर इस हॉस्पिटल का निर्माण किया जा रहा है। जिस पर करीब 20 करोड़ खर्च होंगे। यहां हर पशु, पक्षी के इलाज की हर सुविधा होगी। जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन और पुनर्वास का काम भी होगा। जल्द मशीन व उपकरण आएंगे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर पद पर ज्वॉइन कर चुके डॉक्टर चंद्रशेखर भटनागर ने बताया कि डेढ़ साल पहले हॉस्पिटल का निर्माण शुरू हुआ था। RCC का काम कंप्लीट हो चुका है। अब फिनिशिंग बाकी है। हॉस्पिटल में 3 ऑपरेशन थिएटर बने है।
सीएम गहलोत कर चुके निरीक्षण
मुख़्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में बारां दौरे पर आए थे। उन्होंने निर्माणाधीन हॉस्पिटल का निरीक्षण किया था, जिसमें उन्होंने श्री महावीर गौशाला कल्याण संस्थान के माध्यम से खनन व गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया द्वारा करवाए जा रहे काम की तारीफ की थी।