मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह के विवाद में आज एक नया मोड़ आ गया। आज मथुरा ने विवादित स्थल पर सर्वे कराने का आदेश दे दिया है। हिंदू पक्ष ने इसके लिए मांग की थी। कोर्ट ने अमीन को 20 जनवरी तक नक्शे सहित शाही ईदगाह विवादित स्थल की सर्वेक्षण रिपोर्ट कोर्ट को सौंपन को कहा है।
कोर्ट के इस आदेश के बाद एक बार फिर से श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा गर्म हो गया है। लोग इस पूरे विवाद की जड़ जानने की कोशिश कर रहे हैं।
मथुरा स्थित श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में जिला कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर की तरह ही सर्वे होगा। कोर्ट अमीन को सर्वे पूरा करने का आदेश दिया गया है। सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने हिंदू सेना की याचिका पर सुनवाई करते हुए हुए विवादित स्थल का सर्वे करने का आदेश जारी किया। सभी पक्षों को नोटिस जारी किया गया है कि वो कोर्ट के आदेश का पालन करें।
अब ये सर्वे रिपोर्ट 20 जनवरी को कोर्ट में पेश की जानी है। पूरे विवाद में हिंदू पक्ष लंबे समय से सर्वे की मांग कर रहा था। कोर्ट के आदेश के मुताबिक शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराया जाएगा। इसकी निगरानी के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग के लिए याचिका दायर की गई थी। ये अर्जी मथुरा के जिला अदालत में एक साल पहले दाखिल की गई थी।
पहले जानिए आज हाईकोर्ट ने क्या-क्या कहा?
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद है। 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर मथुरा कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में पूरी जमीन लेने और श्री कृष्ण जन्मभूमि के बराबर में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने विवादित स्थल का सर्वे कराने की मांग की थी। आज सुनवाई करते हुए सिविल जज सीनियर डिविजन तृतीय सोनिका वर्मा की कोर्ट ने शाही ईदगाह के विवादित स्थल के सर्वे का आदेश दिया। कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को भी नोटिस तामील कराने का आदेश दिया है। 20 जनवरी तक अमीन को इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। वादी के वकील शैलेश दुबे ने बताया कि हिंदू सेना की तरफ से दायर याचिका पर कोर्ट का ये फैसला आया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई भी 20 जनवरी को होगी।
कितना पुराना विवाद?
शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है। 12 अक्तूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया। समझौते में 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों के बने रहने की बात है।
पूरा विवाद इसी 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। इस जमीन में से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। इस समझौते में मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी और मुस्लिम पक्ष को बदले में पास में ही कुछ जगह दी गई थी। अब हिन्दू पक्ष पूरी 13.37 एकड़ जमीन पर कब्जे की मांग कर रहा है।
इतिहास क्या कहता है?
ऐसा कहा जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था। 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं में जंग हुई। इसमें मराठा जीते। जीत के बाद मराठाओं ने फिर से मंदिर का निर्माण कराया। 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को आवंटित कर दी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली।
हिंदू पक्ष का दावा- शाही ईदगाह में मौजूद हैं सबूत
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह में स्वास्तिक का चिह्न, मंदिर होने के प्रतीक के साथ मस्जिद के नीचे भगवान का गर्भ गृह है। पक्षकार मनीष यादव और वकील महेंद्र प्रताप सिंह का दावा है कि शाही ईदगाह में हिंदू स्थापत्य कला के सबूत मौजूद हैं। ये वैज्ञानिक सर्वे के बाद सामने आ जाएंगे।
दावा है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर ईदगाह बनाई
अमीन को इससे पहले सम्बन्धित रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। वादी पक्ष के वकील शैलेश दुबे ने बताया कि 8 दिसंबर को दिल्ली में रहने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की जज सोनिका वर्मा की अदालत में यह दावा किया था।
इसमें कहा गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर औरंगजेब द्वारा मंदिर तोड़कर ईदगाह तैयार कराई गई थी। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर बनने तक का पूरा इतिहास अदालत के समक्ष पेश किया। उन्होंने वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी अवैध बताते हुए निरस्त किए जाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि अदालत ने वादी की याचिका सुनवाई के लिए स्वीकृत करते हुए अमीन द्वारा सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर और शाही ईदगाह का विवाद..
शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा शहर में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से सटी हुई है। इस स्थल को हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली माना जाता है। माना जाता है कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्म स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को नष्ट करके उसी जगह 1669-70 में शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया था।
- 1935 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 13.37 एकड़ की विवादित भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को अलॉट कर दी थी। 1951 में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने ये भूमि अधिग्रहीत कर ली थी। ये ट्रस्ट 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और 1977 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के नाम से रजिस्टर्ड हुआ।
- 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह कमिटी के बीच हुए समझौते में इस 13.37 एकड़ जमीन का स्वामित्व ट्रस्ट को मिला और ईदगाह मस्जिद का मैनेजमेंट ईदगाह कमेटी को दे दिया गया।
- अब इस मामले में दाखिल याचिका में ईदगाह मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी कराए जाने की मांग की गई है।