कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड का मामला..
बारां-अटरू विधायक पानाचन्द मेघवाल ने विधानसभा में लिखित सवाल के जरिए कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड के मामले को उठाया। साथ ही विद्यार्थियों की काउन्सलिंग और उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाये जाने की मांग की। जिस पर सरकार द्वारा बताया गया है कि कोचिंग संस्थाओ पर नियत्रंण हेतु कानून बनाने के लिए The Rajasthan Coaching Institutes Bill 2023 लाया जाना प्रकियाधीन है। साथ ही बताया कि स्कूल शिक्षा ग्रुप 5 विभाग द्वारा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कोटा सहित प्रदेशभर में संचालित कोचिंग सेन्टरो में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बल एवं सुरक्षा प्रदान करने हेतु 13 जून 2018 व 11 नवंबर 2022 को निर्देश जारी किए गए है।
कोटा में 4 साल में 52 सुसाइड
सरकार ने जवाब में अवगत करवाया कि कोटा संभाग में पिछले 4 सालों में 2019 से 2022 तक स्कूल,कॉलेज एवं कोचिंग सेन्टर के विद्यार्थियो की आत्महत्या के 53 प्रकरण दर्ज हुए। इनमें से 52 प्रकरण कोटा शहर की कोचिंगों के विद्यार्थियों के ही है। साल 2019 से 2022 तक बांरा में एक स्कूली छात्रा द्वारा आत्महत्या करने और बून्दी और झालावाड में कोई प्रकरण दर्ज नही हुआ।
पढ़ाई में पिछड़ना,आत्मविश्वास की कमी, पेरेंट्स की महत्वाकांक्षा, कारण
कोटा शहर में कोचिंग विद्यार्थियो की आत्महत्या के प्रमुख कारण कोचिंग छात्रों के पढाई में पिछडे जाने के कारण उनमें आत्मविश्वास की कमी होना, माता-पिता की छात्रों से उच्च महत्वकांक्षा होना, छात्रों में शारीरिक/मानसिक एवं पढाई सम्बन्धी तनाव उत्पन्न होना, आर्थिक तंगी /ब्लैकमेलिंग /प्रेम प्रसंग आदि कारण है।
विधायक पानचंद् मेघवाल ने बयान जारी कर कहा, देश के कोने कोने से विधार्थी अपना भविष्य बनाने के लिए कोटा आते है, लेकिन जब ये विधार्थी आत्महत्या जैसा हृदय विदारक कदम उठाते है। तो ये समाज और सरकार के लिए चिंता की बात है। कोचिंग विधार्थियो की सुरक्षा और काउंसलिंग के उचित प्रबंध किये जाना आवश्यक है।