राजस्थान में एक और नया पश्चिम विक्षोम सक्रिय हो गया। इसके असर से रविवार अलसुबह जयपुर, अजमेर, भरतपुर संभाग में झमाझम बारिश हुई। इससे जेठ के महीने में भी लोगों को सर्दी का अहसास हो रहा है।
राजस्थान में एक और नया पश्चिम विक्षोम सक्रिय हो गया। इसके असर से रविवार अलसुबह जयपुर, अजमेर, भरतपुर संभाग में झमाझम बारिश हुई। इससे जेठ के महीने में भी लोगों को सर्दी का अहसास हो रहा है। जयपुर में पिछले 24 घंटे में 30 एमएम और अजमेर में 33 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने रविवार को राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां आंधी-तूफान के साथ बारिश होने का अनुमान है। वहीं 30 व 31 मई को भी आंधी, बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। हालांकि, असर थोड़ा कम हो जाएगा।
इन जिलों में बारिश का अलर्ट :-
मौसम विभाग ने आज बीकानेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, नागौर, पाली, बाड़मेर, सवाईमाधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, सीकर जिले व आसपास के क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर मेघगर्जन के साथ बारिश व आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। वहीं, 60 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेगी। इसके अलावा जयपुर, सवाईमाधोपुर, टोंक, करौली और सीकर जिले व आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना है।
पिछले दिनों से हो रहे मौसम में उतार चढ़ाव से लोग अब बीमार हो रहे हैं। जिसके चलते बड़ी संख्या में मौसमी बीमारियों का इलाज करवाने के लिए लोग शहीद राजमल मीणा जिला अस्पताल पहुंच रहे है। कभी गर्मी अपना तेवर दिखा रही है, तो कभी हल्की बारिश और हवा मौसम को ठंडा कर रही है। उल्टी-दस्त, पेट दर्द, डायरिया, बुखार की शिकायत लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। शहीद राजमल मीणा राजकीय जिला अस्पताल में पिछले दिनों ओपीडी 1200 के करीब चल रही थी, लेकिन अब पिछले दिनों से बढ़कर 2 हजार के पार पहुंच गई है।
उल्टी-दस्त, डायरिया में मरीजों का ब्लड प्रेशर भी कम हो रहा है, ऐसे में इनको सही होने में लंबा समय लग रहा है। दिन के समय गर्मी और उमस रहने व रात के समय तापमान 20 डिग्री के करीब जाने से लोग बीमार हो रहे हैं। मौसम में बदलाव से पहले आउटडोर में करीब 1200 मरीज परामर्श के लिए पहुंच रहे थे। तापमान में उतार-चढ़ाव, दूषित पानी, गर्मी से खराब भोजन, अन्य खाद्य सामग्री का उपयोग, धूप में बिना बचाव के निकलना, पानी कम पीना, मच्छरों के प्रकोप के चलते मरीजों की संख्या में एकदम से बढ़ोतरी हुई है। अकेले जिला अस्पताल में ही हर दिन करीब 2 हजार से अधिक मरीज परामर्श के लिए पहुंच रहे हैं। डाॅक्टराें के अनुसार आउटडोर में आ रहे करीब 50 फीसदी मरीज उल्टी-दस्त, पेट दर्द, डायरिया, बुखार, चक्कर आने के ही आ रहे हैं। इनमें से कई मरीजों को भर्ती भी करना पड़ रहा है।
बड़ा कारण… दूषित पेयजल आपूर्ति और कम पानी के सेवन से हो रहा डायरिया
शहर के कोटा रोड निवासी दीपक बैरवा को उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर अस्पताल में भर्ती करवाया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में काफी दिनों से नलों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। साथ ही काम के कारण कई बार दिनभर में पानी का सेवन कम होता है। जिससे परेशानी हो रही है। वहीं शहर के झालावाड़ रोड़ निवासी गौरव चंदेल को डायरिया की शिकायत पर भर्ती कराया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में घरों पर पेयजल सप्लाई में गंदा पानी आ रहा है। इसके कारण बीमारियों का अंदेशा बना हुआ है। वहीं दवाइयाें का असर भी धीरे होने से स्वास्थ्य ठीक होने में समय लग रहा है।