30/09/2023
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ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 26 जुलाई शाम 5 बजे तक ASI सर्वे पर लगाई रोक, मुस्लिम पक्ष को राहत

सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई यानी आज वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सर्वे को लेकर अहम बात कही। शीर्ष कोर्ट ने मस्जिद में ASI के सर्वे पर 26 जुलाई यानी 2 दिन तक रोक लगा दी है। कहा कि 26 जुलाई की शाम 5 बजे तक कोई सर्वे ना किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान अगर मस्जिद कमेटी चाहे तो वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जा सकती है। वाराणसी की अदालत ने मस्जिद में ASI सर्वे का आदेश दिया था।

जिला जज एके विश्वेश ने शुक्रवार को मस्जिद परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कराने का आदेश दिया था. ASI को 4 अगस्त तक सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी की जिला अदालत को सौंपनी थी. इसी आदेश के बाद ASI की टीम सोमवार सुबह 7 बजे ज्ञानवापी का सर्वे करने पहुंची थी. लेकिन मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने सर्वे पर दो दिन के लिए रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने को कहा है.

अंजुमन कमेटी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने बेंच से कहा, शुक्रवार को सर्वे का आदेश दिया गया. हमें अपील का मौका नहीं मिला और सर्वे शुरू हो गया. उन्होंने कहा, आदेश में खुदाई लिखा है तो हमें अपील का मौका मिलना चाहिए.

सीजेआई ने सवाल किया कि सर्वे के दौरान खुदाई होगी तो यूपी सरकार के वकील तुषार मेहता ने बताया कि सर्वे आधुनिक तकनीक से होगा. इसमें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने भी बताया कि सर्वे में खुदाई नहीं होगी.

 

अहमदी ने पीठ से कहा, हमने सर्वे के लिए दो-तीन रुकने का अनुरोध किया था लेकिन वे नहीं रुके. हमारा मानना यह है कि अभी वैज्ञानिक सर्वे का समय नहीं आया है. पहले केस को मेरिट पर देखना चाहिए. अहमदी ने कहा, पश्चिमी दीवार पर खुदाई हो रही है.

यूपी सरकार के वकील तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि मैंने निर्देश लिया है. वहां कोई ईंट भी नहीं सरकाई गई है. मेहता ने कहा, एक सप्ताह तक किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. तब तक ये हाई कोर्ट जा सकते हैं, लेकिन अहमदी ने जोर देकर सर्वे रोकने की मांग की.

वाराणसी में ASI ने 24 जुलाई को ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया था। सील वजूस्थल को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वे कराने की बात थी। शुरुआती 3 घंटे के सर्वे में फीता लेकर पूरे परिसर को नापा गया। 4 स्टैंड कैमरे परिसर के चारों कोने पर लगाए गए। उसमें एक-एक एक्टिविटी रिकॉर्ड की गई। उधर, मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बहिष्कार किया। वह सर्वे के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका को लेकर सुनवाई हुई। CJI ने यूपी सरकार से पूछा था कि ASI वहां क्या कर रही है। ज्ञानवापी में सर्वे की यथास्थिति क्या है ?

स्वास्तिक, त्रिशूल, डमरू और कमल चिह्न मिले थे..
वाराणसी कोर्ट में वकील विष्णुशंकर जैन ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि ज्ञानवापी की 14 से 16 मई के बीच हुए सर्वे में 2.5 फीट ऊंची गोलाकार शिवलिंग जैसी आकृति के ऊपर अलग से सफेद पत्थर लगा मिला। उस पर कटा हुआ निशान था। उसमें सींक डालने पर 63 सेंटीमीटर गहराई पाई गई। पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट पाया गया। ज्ञानवापी में कथित फव्वारे में पाइप के लिए जगह ही नहीं थी, जबकि ज्ञानवापी में स्वास्तिक, त्रिशूल, डमरू और कमल जैसे चिह्न मिले। मुस्लिम पक्ष कुंड के बीच मिली जिस काले रंग की पत्थरनुमा आकृति को फव्वारा बता रहा था, उसमें कोई छेद नहीं मिला है। न ही उसमें कोई पाइप घुसाने की जगह है।

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