पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट को नकारा-निकम्मा, गद्दार-कोरोना कहने पर सांसद शशि थरूर ने सीएम अशोक गहलोत को नसीहत दी है। उन्होंने कहा- जब हम अपने साथियों के बारे में बोल रहे हैं तो सोच समझकर बोलना चाहिए। मैंने विरोधियों को भी ऐसे शब्द नहीं कहे। थरूर शनिवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में गहलोत की ओर से पायलट को गद्दार और कोरोना कहने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा- मुझे राजनीति में 14 साल का वक्त हो गया है। मैंने किसी के बारे में कभी भी ऐसा कुछ कहने या उकसाने की कोशिश नहीं की। मैं राजनीति में कभी भी कीचड़ कुश्ती नहीं करना चाहता। यही सोचकर मैंने काफी मुद्दों को अवॉइड किया।
थरूर ने कहा- मैं अपने साथियों से यही गुजारिश करता हूं कि अपने ही भाई-बहनों के बारे में ऐसा कहना अच्छा नहीं है। हमें अपने मतभेदों को मिटाने की कोशिश करनी चाहिए। लोगों के अलग-अलग विचार भी हो सकते हैं। इसे कहने के दूसरे तरीके भी हो सकते हैं। मैं भी चाहूंगा कि पार्टी के अंदर हमें एक-दूसरे से प्रेम से रहना चाहिए। मैंने अपने विरोधियों को भी ऐसे शब्द नहीं कहे।
पार्टी में दो राय हो सकती हैं, लेकिन सभी BJP के खिलाफ..
थरूर ने कहा- हमारे देश में कोई भी पार्टी हो। उसके अंदर सबकी एक जैसी राय नहीं है। BJP में भी हर विषय पर हर व्यक्ति की एक ही राय नहीं है। मेरा मानना है कि लोकतंत्र में दो लोगों की राय में फर्क हो सकता है। अगर आपकी विचारधारा एक है और आप एक ही मकसद के लिए लड़ रहे हैं, तो अंत में कौन लीड करेगा। यह तो पार्टी को तय करना पड़ेगा।
कोई न कोई मतभेद सभी जगह होते हैं..
उन्होंने कहा- BJP में कौन-कौन नेतृत्व कर रहे हैं। कांग्रेस में कौन-कौन नेतृत्व कर रहे हैं। इसका मतलब ये नहीं है कि दूसरे लोग भी अपने आप को कामयाब नहीं मानते हैं। अभी वो लोग अधिकार में नहीं है। किसी भी पार्टी में अंदरूनी लड़ाई मेरे ख्याल में हकीकत है। कुछ न कुछ, कोई न कोई मतभेद सभी जगह होते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में सभी की सोच अलग हो सकती है। सभी कांग्रेसी नेता बीजेपी के खिलाफ हैं।
रोमांस पर लिखने के लिए कई चिटि्ठयां मिलीं..
सांसद ने कहा- मैंने पिछले 21 सालों से किताब नहीं लिखी है, क्योंकि मैं राजनीति और देश से जुड़े महत्वपूर्ण विषय में काम कर रहा हूं। यही कारण है कि मुझे रोमांस के बारे में भी लिखने का मौका नहीं मिल पाया। जब आप सभी मुझे राजनीति से बाहर भेज देंगे, तब रोमांस और दूसरे मुद्दों पर लिखने की कोशिश करूंगा। वैसे भी मुझे रोमांस पर लिखने और नोबेल को लेकर कई चिट्ठियां मिलती हैं। ऐसे में वक्त मिलने पर इस पर जरूर लिखूंगा।
सवाल खड़े करना ज्यूडिशियरी को दबाने का संकेत नहीं..
ज्यूडिशियरी पर उठ रहे सवालों पर थरूर ने कहा- सवाल पूछना ज्यूडिशियरी को दबाने का संकेत नहीं है। मेरा मानना है कि संविधान ने ज्यूडिशियरी को स्वतंत्र और स्वायत्त स्टेटस दिया है। मुझे लगता है कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से यह सिद्धांत नहीं अपनाया जा रहा है। उनके पास वास्तव में ज्यूडिशियरी पर प्रेशर बनाने की क्षमता है। ऐसे में ज्यूडिशियरी को मजबूत करने की जरूरत है। जहां भी ज्यूडिशियरी के अधिकारों और संविधान की बात आएगी, हमें उसकी रक्षा के लिए बोलना चाहिए।
गहलोत ने इशारों में पायलट की तुलना कोरोना से की थी..
कर्मचारी संगठनों के साथ CM अशोक गहलोत की 18 जनवरी को बजट पूर्व हुई बातचीत का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें पायलट का नाम लिए बिना गहलोत ने सियासी संकट और पायलट की तुलना कोरोना से कर दी थी।
बातचीत के दौरान संविदा कर्मचारियों के नेता शमशेर भालू खान ने CM के नहीं मिलने की बात कही तो गहलोत ने बात काटते हुए कहा- आप ठीक कह रहे हो, मैं मिलने लगा हूं, पिछले सोमवार को मिला था। क्या हुआ कि पहले कोरोना आ गया। फिर एक बड़ा कोरोना और आ गया हमारी पार्टी के अंदर। इससे पहले गहलोत पायलट को नकारा-निकम्मा और गद्दार तक कह चुके हैं।
पायलट ने कहा था- मेरे बारे में क्या बोला गया, सब जानते हैं..
पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट भी इशारों में हमला बोल रहे हैं। 20 जनवरी को महाराजा कॉलेज में लाइब्रेरी के उद्घाटन समारोह में पहुंचे पायलट ने इशारों में गहलोत पर खूब कटाक्ष किया। उन्होंने कहा- ‘मैंने राजनीति में मेरे स्वर्गीय पिताजी से बहुत कुछ देखा और सीखा है।
पायलट ने कहा था- राजनीति के अखाड़े में बड़ों-बड़ों को पटकनी देते हुए उन्हें देखा है। मुद्दों पर, पब्लिक सेंटीमेंट पर आप खड़े हों तो लोग ताली बजाते हैं। अपमान कर देना, छोटी-मोटी बात बोल देना, अच्छी बात नहीं है। आप सब जानते हो। मेरे बारे में क्या बोला गया।’
कर्मचारियों से बोले गहलोत- कोविड के बाद एक और बड़ा कोरोना हमारी पार्टी में आया..
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच कोल्ड वॉर एक बार फिर से शुरू होती दिख रही है। कर्मचारी संगठनों के साथ CM गहलोत की बजट पूर्व हुई बातचीत का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पायलट का नाम लिए बिना गहलोत ने सियासी संकट और पायलट की तुलना कोरोना से कर दी।
सचिन बोले- इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी, मैंने भी बहुत कुछ सीखा है..
राजस्थान के पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट और CM अशोक गहलोत के बीच की तल्खियां फिर उजागर होने लगी हैं। प्री-बजट बैठक में गहलोत ने पायलट को इशारों-इशारों में ‘कोरोना’ बताया था। अब सचिन ने भी इशारों में ही हमला बोलना शुरू किया है। 20 जनवरी को महाराजा कॉलेज में लाइब्रेरी के उद्घाटन समारोह में पहुंचे पायलट ने इशारों में गहलोत पर खूब कटाक्ष किया।
सत्ताधारी पार्टी में भले ही रिपीट का नारा दिया जा रहा हो, लेकिन सत्ता का सुख ले रहे कुछ नेताओं का विश्वास डगमगा रहा है। दिल्ली से लेकर जयपुर तक कुछ सत्ताधारियों के जल्द पाला बदलने की चर्चाएं जोरों पर है। तीन सत्ताधारी नेताओं की दिल्ली में सियासी मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।