राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पेपर लीक प्रकरण में अधिकारियों और नेताओं को क्लीन चिट देने के बयान का बीजेपी ने विरोध शुरू कर दिया है। सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और नेताओं को क्लीन चिट देकर बड़ा अपराध किया है। सीएम के इस बयान के बाद पुलिस और दूसरी जांच एजेंसी अधिकारियों और नेताओं पर कार्यवाही नहीं कर सकेगी।
जबकि पेपर लीक प्रकरण के बाद ही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को पद मुक्त किया गया था। मैंने कई अधिकारियों और नेताओं के पेपर लीक प्रकरण में लिप्त के सबूत एसओजी में दिए हैं। जिन्होंने रीट से लेकर सब इंस्पेक्टर और दूसरी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने का काम किया।
सेकंड ग्रेड पेपर में चाहे सुरेश ढाका हो, या फिर रीट भर्ती परीक्षा में 6 से ज्यादा एमएलए और अधिकारी। अब तक इन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को क्लीन चिट देने की जगह पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई को जांच देनी चाहिए। ताकि अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।
सांसद मीणा ने कहा कि REET और सेकंड ग्रेड के आरोपियों की प्रॉपर्टी को सरकार ने ध्वस्त कर दिया। वहीं कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा के दोषियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं कर रही। क्योंकि वह कांग्रेस नेता और रसूखदार है। उन्होंने कहा कि विप्र कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष मंजू शर्मा का स्कूल अब तक सील नहीं हुआ है। न ही उस पर कोई कार्रवाई हुई है।
ऐसे में नकल गिरोह के हौसले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। अगर सरकार समय रहते शर्मा के स्कूल पर कार्रवाई करती तो शायद सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक नहीं होता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के राज में अब तक 16 भर्ती परीक्षाएं आयोजित हुई हैं। इनमें से 10 भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक हुआ है।