विरोध करने वाले पहलवानों के समूह ने कहा कि वे सिंह के तरीके को स्वीकार नहीं करेंगे..
टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगट सहित देश के शीर्ष पहलवानों ने राष्ट्रीय महासंघ की कथित “तानाशाही” के खिलाफ एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर 4 घंटे तक धरना दिया. अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का विरोध करने वाले पहलवानों के समूह ने कहा कि वे सिंह के तरीके को स्वीकार नहीं करेंगे, जो उत्तरप्रदेश के कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद भी हैं, रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) चला रहे थे. पहलवानों ने स्पष्ट किया कि विरोध खेल प्राधिकरण या सरकार के खिलाफ नहीं था, बल्कि केवल डब्ल्यूएफआई के सिंह के अध्यक्ष पद के खिलाफ था.
3 दिन में बृजभूषण शरण सिंह जवाब दें, वरना झेलना पड़ेगा- पहलवानों के आरोपों पर सरकार सख्त..
इस मामले को लेकर अब खेल मंत्रालय ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया से अगले 72 घंटे के भीतर जवाब मांगा है.
रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि अगर WFI ने अगले तीन दिनों में जवाब नहीं दिया, तो खेल मंत्रालय ‘राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011’ के प्रावधानों के तहत कुश्ती महासंघ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करेगा.
इस मामले में खेल मंत्रालय की ओर से कहा गया- “ये मामला एथलीटों की भलाई से जुड़ा हुआ है, मंत्रालय ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है. अगर WFI अगले 72 घंटों के भीतर जवाब देने में विफल रहता है तो मंत्रालय महासंघ के खिलाफ कार्रवाई करेगा.”
क्या आरोप लगे हैं ?
WFI के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर तानाशाही के आरोप लगाए हैं. बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर विनेश फोगाट ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इन आरोपों को लेकर बृजभूषण सिंह ने सफाई भी दी है.
रेसलर्स का कहना है कि फेडरेशन द्वारा उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है. इतनी मेहनत से देश के लिए मेडल जीतने के बावजूद भी उन्हें वो सम्मान नहीं मिल रहा है, जो उन्हें दिया जाना चाहिए. यहां तक विनेश फोगाट ने ये भी कहा कि किसी भी खिलाड़ी के साथ कुछ होता है, तो इसके जिम्मेदार बृजभूषण शरण सिंह होंगे.
उन्होंने कहा- “महिला पहलवान को कई तरह की परेशानी होती है, रेसलिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट के द्वारा महिला खिलाड़ियों का शोषण किया गया. फेडरेशन खिलाड़ियों पर जबरदस्ती बैन लगाता है, जिससे वो नहीं खेल सकें. अगर किसी भी खिलाड़ी को कुछ होता है तो उसके ज़िम्मेदार रेसलिंग फेडरेशन के प्रेसिडेंट होंगे.”
वहीं धरने पर बैठे भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने फेडरेशन में बदलाव की मांग करते हुए कहा –
“हम चाहते हैं कि फेडरेशन में बदलाव हो. भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) द्वारा रेसलर्स को परेशान किया जा रहा है. जो लोग WFI का हिस्सा हैं, उन्हें इस खेल के बारे में कुछ नहीं पता है.”
बृजभूषण शरण सिंह का पक्ष –
प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर जो आरोप लगाए हैं, उन पर बृजभूषण ने सफाई दी है. उन्होंने कहा- “क्या पिछले दस सालों से फेडरेशन में कोई दिक्कत नहीं थी ? जब नए नियम कायदे आते हैं तो नई समस्याएं भी सामने आती हैं | क्या कोई सामने आकर ये कह सकता है कि फेडरेशन ने किसी एथलीट को परेशान किया है ?”
विनेश फोगाट के तमाम आरोपों में एक आरोप यह भी है कि बृजभूषण ने उन्हें खोटा सिक्का बताया था. इस पर बृजभूषण ने कहा कि उन्होंने विनेश को खोटा सिक्का नहीं कहा था. बोले कि उन्होंने विनेश के सिर पर स्पर्श किया और कहा कि टोक्यो ओलंपिक में हार की चिंता मत करो.