जयपुर-अजमेर और टोंक की 1.10 करोड़ लोगों की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर का ‘पेट’ बड़ा होगा। पहली बार बांध के पेटे से 5 मीटर तक बजरी निकाली जाएगी। जल संसाधन विभाग ने इसके लिए टेंडर लगा दिए हैं।
प्रदेश में पहली बार किसी बांध की मशीन से खुदाई की जा रही है। बजरी निकालने के लिए सरकार को एक धेला खर्च नहीं करना पड़ेगा। उल्टा हर महीने 50 करोड़ की बजरी निकाली जाएगी। 20 साल तक अलग-अलग चरणों में 600 करोड़ रुपए की बजरी सरकार बेचेगी।
बजरी निकालने के बाद बीसलपुर में ईसरदा बांध (92 मिलियन क्यूबिक मी.) जितना पानी और आएगा। जल संसाधन विभाग के सीई रवि सोलंकी ने बताया बांध में ज्यादा पानी भरेगा और बजरी से सरकार को आय भी होगी।
12 मानसून के दौरान 4 बार ओवरफ्लो हुआ बीसलपुर, पानी व्यर्थ बहा सिल्ट और बजरी से बांध की भराव क्षमता में 6 फीसदी कमी आई है
बीसलपुर बांध का पूर्ण भराव स्तर 315.50 आरएल मीटर है। राष्ट्रीय जल परियोजना के तहत 2021 में स्टडी करवाई गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, 2004 से 2021 तक बांध में 65.90 मिलियन क्यूबिक मीटर में सिल्ट-बजरी जमा हो गई। इससे बांध की 6% भराव क्षमता कम हो गई।
हर साल 3.88 मिलियन क्यूबिक मीटर बजरी जमा हो रही है। बांध और नदियों में बजरी को लेकर दो साल पहले मुंबई की ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया विशाखापट्नम कंपनी ने सर्वे किया था।
साल अधिकतम भराव
2010 308.80
2011 314.25
2012 314.19
2013 315.00
2014 315.50
2015 315.00
2016 315.50
2017 313.92
2018 310.23
2019 315.50
2020 313.51
2021 312.35
2022 315.50
(क्षमता आरएल मीटर में)