शहरभर में सोमवार को कई बड़ी खबरों ने खासी सुर्खियां बटोरी। भामाशाह टेक्नो हब में आई—स्टार्ट व स्टार्टअप चौपाल की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘राजस्थान इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव’ का मंगलवार को समापन हुआ। अंतिम दिन दो पैनल डिस्कशन आयोजित किए गए, जिनमें स्टार्टअप व यंग एंटरप्रेन्योर्स से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। संगीत कला निकेतन की ओर से मंगलवार को आयोजित सनातन सात्विक संवाद कार्यक्रम उस समय परवान चढ़ गया जब ग्रेमी अवॉर्ड विजेता पद्भूषण पं. विश्व मोहन भट्ट ने अपने पुत्र और शिष्य तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट के साथ मिलकर भारतीय शास्त्रीय संगीत के 52 अनूठे रागों की माला पिरोई। ग्रेटर नोएडा में चल रहे ऑटो एक्सपो 2023 में जयपुर के हिमांशु जांगिड़ ‘कार्टिस्ट्स’ की बुक द आर्ट ऑफ रिस्टोरेशन का कवर लॉन्च हुआ है। साथ ही सांस्कृतिक, शैक्षणिक, सामाजिक कार्यक्रमों में लोगों का जुड़ाव देखने को मिला।
1. ऑटो एक्सपो में जयपुर के हिमांशु जांगिड़ का बुक कवर लॉन्च: ‘कार्टिस्ट्स’ की बुक द आर्ट ऑफ रिस्टोरेशन में नजर आएगी एंबेसडर 1959 मार्क सैकंड और कैडिलिक 1954 के रिस्टोरेशन प्रक्रिया..
ग्रेटर नोएडा में चल रहे ऑटो एक्सपो 2023 में जयपुर के हिमांशु जांगिड़ ‘कार्टिस्ट्स’ की बुक द आर्ट ऑफ रिस्टोरेशन का कवर लॉन्च हुआ है। सियाम के प्रेसिडेंट और वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ विनोद अग्रवाल एवं सियाम के डीजी राजेश मेनन ने उनकी बुक के कवर लॉन्च किया है।
इस दौरान कार्टिस्ट के संस्थापक हिमांशु जांगिड़ ने बताया कि यह छह महीने का प्रोजेक्ट है, जिसमें दो आइकॉनिक कार एंबेसडर 1959 मार्क सैकंड और कैडिलैक 1954 फ्लीटवुड 60 स्पेशल के रिस्टोरेशन किया जाएगा और इसकी प्रक्रिया को बुक द आर्ट ऑफ रिस्टोरेशन में संजोया जाएगा। बुक को इस साल 18 अप्रैल को वर्ल्ड हेरिटेज डे के अवसर पर लॉन्च किया जाएगा। हिमांशु बताते हैं कि क्लासिक कारों के रिस्टोरेशन आर्ट को नई पीढ़ी तक बढ़ाने के लिए हमने यह बुक प्रोजेक्ट शुरू किया। इससे नई पीढ़ी के लिए कारों के रिस्टोरेशन को लेकर क्रेज बढ़ेगा। बुक से उन्हें प्लानिंग, बॉडी पैनल, मैकेनिकल, अपहोल्स्ट्री और पेंट फिनिश सब्जेक्ट पर सटीक जानकारी मिलेगी। इससे युवाओं में रिस्टोरेशन प्रोसीजर को गहनता से समझने में मदद मिलेगी। इस बुक में हिमांशु जांगिड़ द्वारा पूर्व में की गई कारों की रिस्टोरेशन की कहानियां भी होंगी।
2. ‘राजस्थान इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव’ में पांच स्टार्टअप का फंडिंग के लिए चयन: सुशील शर्मा बोले; स्टार्टअप्स के फाउंडर्स अपना कम्युनिकेशन, एक्सपोजर व विजिबिलिटी मजबूत रखें..
भामाशाह टेक्नो हब में आई—स्टार्ट व स्टार्टअप चौपाल की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘राजस्थान इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव’ का मंगलवार को समापन हुआ। अंतिम दिन दो पैनल डिस्कशन आयोजित किए गए, जिनमें स्टार्टअप व यंग एंटरप्रेन्योर्स से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। ‘फंडिंग : रियलिटीज एंड रोड्स अहेड’ विषय पर पैनल डिस्कशन के साथ दूसरे दिन की गतिविधियों की शुरुआत हुई। इसमें एम स्ट्रेटेजी ग्लोबल के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन मंदार जोशी, फाड़ नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ आदित्य अरोड़ा, मेडीपॉकेट वर्ल्ड की सीईओ डॉ. प्रियंका माथुर और आईस्टार्ट प्रोग्राम के प्रोग्राम मैनेजर अमित पुरोहित ने विषय पर चर्चा की। स्टार्टअप चौपाल के फाउंडर सुमित श्रीवास्तव ने इसका संचालन किया।
अमित पुरोहित ने स्टार्टअप्स के लिए राजस्थान सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया कि राज्य सरकार की ओर से स्टार्टअप्स की हरसंभव मदद की जा रही है, इसके लिए नौ जिलों में सेटअप बनाए गए हैं और जल्द ही अन्य जिलों में भी सेटअप तैयार किए जाएंगे। सरकार की ओर से हाल ही में नई स्टार्टअप नीति भी लॉन्च की गई है, जिसके जरिए स्टार्टअप्स को और अधिक लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि टियर टू, थ्री व टियर फोर सिटीज ही नेक्स्ट ट्रेंड्स हैं।
3. पाठ्यक्रम को समय के साथ बदलते रहना चाहिए: मणिपाल यूनिवर्सिटी में प्रो. वीआर देसाई बोले; तकनीकी शिक्षा को भारतीय संदर्भ में पढ़ाने की जरूरत..
मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में फैकल्टी ऑफ इंजीनियंरिग की ओर से पाठ्यक्रम संगोष्ठी ‘मंथन-2023’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षाविद और आईआईटी धनबाद के डायरेक्टर प्रो. वीआर देसाई रहे। एआईसीटीई के मेंमर सेक्रेटरी प्रो. राजीव कुमार सहित कई शिक्षाविदों और उद्योग जगत के वक्ताओं ने अपने विचार रखे।अइस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. वीआर देसाई ने कहा कि तकनीकी शिक्षा को भारतीय संदर्भ में पढ़ाने की जरूरत है। पाठ्यक्रम को समय के साथ बदलते रहना चाहिए। भारत की पुरातन शिक्षा पद्वति में थोड़े बदलाव कर उसे बेहद उपयोगी बनाया जा सकता है। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के प्रेसिडेंट प्रो. जीके प्रभु ने पाठ्यक्रम संगोष्ठी के नाम ‘मंथन’ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सागर मंथन का जिक्र करते हुए कहा कि मंथन से नई चीजें निकलकर आती हैं। इस ‘मंथन’ से एक उत्कृष्ठ पाठ्यकम का निर्माण संभव हो सकेगा।
4. निर्भया स्क्वायड की एडिशनल डीसीपी स्टूडेंट्स को बोलीं: परेशान करने वालो की जानकारी दें गर्ल्स, हर समय मदद के लिए मौजूद रहेंगी टीम..
लड़कियां निडर रहे, निर्भीक रहे। व्हाट्सअप मैसेज पर परेशान करने वालों का इलाज संभव है, जरूरत है तो सिर्फ अवेयरनेस की। महिला सुरक्षा से जुड़ी कुछ ऐसी ही प्रेरणास्पद बातें निर्भया स्क्वायड की एडिशनल डीसीपी सुनीता मीणा ने कहीं। वे मंगलवार को पोद्दार इंटरनेशनल कॉलेज की वीमन सेल और निर्भया स्क्वायड के संयुक्त तत्वावधान में एजुकेशन फॉर गर्ल्स सेफ्टी विषय पर आयोजित नेशनल सेमिनार मे गर्ल स्टूडेंट्स को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने गर्ल्स की सुरक्षा के लिए चलाए जा रहे विभिन्न नवाचारों के बारे मे विस्तार से बताया। गर्ल्स को गरिमा हेल्पलाइन नंबर (1090), वाट्सअप नंबर और ऐप के बारे मे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मॉल्स, गार्डन, बस समेत विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर निर्भया की टीम एक्टिव रहती है। इस अवसर पर उन्होंने निर्भया से जुड़े विभिन्न रोचक मामले भी साझा किए और गर्ल्स की क्वेरीज भी सॉल्व की। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बच्चो से दूर रह रहे बुजुर्गो के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे मे भी बताया।
5. मंच पर पहली बार वाद्य पर एकसाथ बजाए 52 राग: सनातन सात्विक स्वर संवाद में पं. विश्वमोहन भट्ट और सलिल भट्ट की असरदार जुगलबंदी
जयपुर के छह दशक से भी अधिक पुराने संगीत कला निकेतन की ओर से मंगलवार को आयोजित सनातन सात्विक संवाद कार्यक्रम उस समय परवान चढ़ गया जब ग्रेमी अवॉर्ड विजेता पद्भूषण पं. विश्व मोहन भट्ट ने अपने पुत्र और शिष्य तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट के साथ मिलकर भारतीय शास्त्रीय संगीत के 52 अनूठे रागों की माला पिरोई। होटल आईटीसी राजपूताना में सजी संगीत की इस अनूठी महफिल में पं. विश्व मोहन ने अपनी परिकल्पना और भारतीय शास्त्रीय संगीत के अनेक शास्त्रगत रागों को मिलाकर कुल 52 राग को एक के बाद एक क्रमवार बजाया। इस प्रस्तुति में सलिल ने सात्विक वीणा पर अपने गुरू का भरपूर साथ दिया। विश्व मोहन ने राग माला की ये सौगात सलिल को उनके 52वें जन्मदिन पर देकर अनूठा सांगीतिक आशीर्वाद दिया। विश्व मोहन ने बताया कि 52 रागों को क्रमवार बजाने का ये कार्यक्रम संगीत के किसी भी मंच पर पहली प्रस्तुति थी जो अपने आपमें एक रिकार्ड की तरह स्थापित हुई है।