24/09/2023
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फीडबैक लेने जिलों के दौरे पर रहेंगे प्रभारी मंत्री: योजनाओं की करेंगे समीक्षा, CM गहलोत भी श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के दौरे पर

प्रदेश की कांग्रेस सरकार व पार्टी चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। पहले पार्टी के स्तर पर ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियां हुईं और उसके तुरंत बाद 2 दिन तक राजधानी में चिंतन शिविर आयोजित किया। अब शिविर के समाप्त होते ही सरकार ने सभी जिलों का हाल जानने के लिए फील्ड में उतरने की तैयारी की है। गुरुवार और शुक्रवार दो दिन तक सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में रहेंगे।

प्रभारी मंत्री जिलों का दौरा कर कांग्रेस पदाधिकारियों से बातचीत करेंगे और कलेक्टर-एसपी सहित विभिन्न विभागों की बैठकें भी लेंगे। 23 जनवरी से विधानसभा में बजट सत्र शुरू होगा। ऐसे में जिला प्रभारी मंत्रियों द्वारा दिए जाने वाला फीडबैक बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सीएम अशोक गहलोत ने चिंतन शिविर में ही सभी मंत्रियों को बजट घोषणाओं और फ्लैगशिप योजनाओं पर फोकस करने को कहा है। मंत्री सभी विभागों में चल रही योजनाओं की समीक्षा बैठकें भी करेंगे। इसकी रिपोर्ट वे 21-22 जनवरी को सीएम को सौंपेंगे। उसके बाद 23 जनवरी से विधानसभा में बजट सत्र शुरू होगा।

मंत्रियों को ठीक बजट सत्र से पहले जिलों में भेजने के पीछे सरकार की मंशा यही है कि अगर कोई बहुत बड़ी समस्या, मांग या जरूरत उस क्षेत्र में ऐसी हो जिस पर तुरंत ध्यान देना जरूरी हो तो उसके बारे में मंत्री सीएम को बता सकेंगे। बजट सत्र शुरू होने के करीब एक पखवाड़े के बाद सीएम बजट पेश करेंगे। ऐसे में मंत्रियों द्वारा बताया गया ताजा फीडबैक बजट में शामिल किया जा सकेगा।

मंत्रियों के दो दिवसीय जिलों के दौरों के बाद अगले महीने प्रभारी सचिवों (आईएएस अफसरों) का 2 दिवसीय दौरा भी प्रस्तावित है। अक्टूबर में मंत्रियों ने दौरा किया था, उसके बाद नवंबर में जिला प्रभारी सचिवों के रूप में आईएएस अफसरों ने दौरे किए थे। अब जनवरी में मंत्रियों का दौरा रहेगा और फरवरी के अंत तक अफसरों का। आईएएस अफसरों के दौरे बजट सत्र खत्म होने के तुरंत बाद शुरू होंगे।

सीएम गहलोत करेंगे श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ का दौरा
सीएम गहलोत 19 और 20 जनवरी को श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों का दौरा करेंगे। वे वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। उनके साथ कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी रहेंगे। इस क्षेत्र में एक दिन पहले ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने किसान सम्मेलन को संबोधित किया था। पायलट ने तब नागौर और इन जिलों में किसानों की समस्याओं और पेपर लीक प्रकरण में सरगनाओं को पकड़ने संबंधी बयान दिए थे।

जिलों में प्रभारी मंत्रियों को कार्यकर्ता सुना सकते हैं खरी-खोटी
जिलों में जाने वाले प्रभारी मंत्रियों के सामने कांग्रेस कार्यकर्ता इस बार बहुत सी समस्याएं रख सकते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि मंत्रियों का संभवत: यह आखरी दौरा हो। बजट सत्र के बाद प्रदेश में चुनावी चौसर बिछनी शुरू हो जाएगी। बहुत से जिलों में अध्यक्षों की नियुक्तियां नहीं होने सहित 13-14 यूआईटी में चेयरमैन के पदों पर अब तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं होने का मुद्दा भी प्रभारी मंत्रियों के सामने उठना तय ही है। हाल ही जयपुर में ब्लॉक अध्यक्षों की मीटिंग में भी यह मामले उठे थे।

 

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