15 दिन में पेंडेंसी खत्म करने के निर्देश
विधानसभा में प्रश्नों के जवाब समय पर नहीं आने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने बुधवार को विभिन्न विभागों के आईएएस अफसरों की क्लास ली और स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अगली विस. में यह नहीं सुनना चाहते कि ‘सी.पी. जोशी के अध्यक्ष रहते भी विधायकों के सवालों के जवाब नहीं आए’।

उन्होंने 15 दिन का समय देते हुए सभी विभागों के सचिवों से कहा कि कोई समस्या है तो विधानसभा सचिवालय से बात कर उसे खत्म करें, लेकिन किसी भी विषय को पेंडिंग नहीं छोड़ें। बैठक में सामने आया कि पांच विभाग ऐसे हैं, जहां सबसे ज्यादा पेंडेंसी है। अध्यक्ष जोशी ने 14वीं व 15वीं विधानसभा के विभिन्न सत्रों में पूछे गए प्रश्नों, ध्यानाकर्षण प्रस्तावों, विशेष उल्लेखों, आश्वासनों और वार्षिक प्रतिवेदनों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों का जवाब प्राथमिकता से दिया जाना आवश्यक है। विधानसभा में क्वालिटी ऑफ डिबेट (गुणवत्तापरक बहस) के लिए यह जवाब जरूरी होते हैं। समय पर कार्यों का निस्तारण किया जाना चाहिए। विभागों के वार्षिक प्रतिवेदनों को हर वर्ष दिसंबर में अधिकारी फॉलोअप करें, ताकि यह प्रतिवेदन विधानसभा सत्र शुरू होने से 7 दिन पहले आ जाए। जोशी ने विधानसभा के विभिन्न सत्रों में पूछे गए प्रश्नों की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने प्रश्नों के जवाब पन्द्रह दिन में देने के निर्देश दिए। सरकार की ओर से इस बैठक का समन्वय मुख्य सचिव उषा शर्मा की जगह अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने किया।
पांच विभागों मेंसबसे ज्यादा पेंडेंसी
बैठक में चर्चा के दौरान विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर शर्मा ने विभागवार आंकड़े रखे। इसमें सामने आया कि 14वीं विधानसभा के 200 प्रश्न एवं पन्द्रहवीं विधानसभा (वर्तमान कांग्रेस सरकार) के समय लगे करीब तीन हजार प्रश्नों के जवाब अभी भी नहीं आए। सबसे ज्यादा मामले नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्व, पीएचईडी और शिक्षा में पेंडिंग थे।