24/09/2023
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जयपुर ग्रेटर महापौर उपचुनाव काउंटिग पर कोर्ट ने लगाई रोक, मतपेटियां हुईं सील

उपचुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बड़े नेताओं ने झोंक रखी थी पूरी ताकत

राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले जयपुर ग्रेटर नगर निगम में महापौर पद के उपचुनाव को गुरुवार को काउटिंग के दौरान हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने रोक दिया. रोक चलते मतदान हुई पेटियों को फिर से सील कर दी गई. राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर की बर्खास्तगी संबंधी सरकारी आदेश को रद्द किए जाने के बाद महापौर के उपचुनाव की प्रक्रिया पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. सौम्या बीजेपी के टिकट पर महापौर चुनी गई थी.

इस उपचुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं ने पूरी ताकत झोंक रखी थी. दोनों पार्टियों ने लग्जरी होटलों में सात दिन से क्रांस वोटिंग के डर से अपने-अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी कर रखी थी. इस बाड़ेबंदी पर पानी तरह पैसा भी बहाया गया था, लेकिन कोर्ट के निर्देशों के बाद महापौर बनने की उम्मीद पाले बैठे नेत्रियों के उम्मीदों पर पानी फिर गया.

बीजेपी-कांग्रेस के प्रत्याशी कौन?
महापौर पद के लिए बीजेपी ने रश्मि सैनी को प्रत्याशी बनाया. वहीं कांग्रेस ने हेमा सिंघानिया को उम्मीदवार बनाया गया था. संख्या बल के लिहाज से यह पद ​एक बार फिर से बीजेपी के पास जाना तय माना जा रहा था, लेकिन कांग्रेस को बीजेपी की गुटबाजी के चलते क्रांसवोटिंग की उम्मीद थी|
कोर्ट ने क्या कहा?

राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग की सचिव चित्रा गुप्ता चुनाव स्थगित करने का आदेश जारी करते हुए बताया कि सौम्या गुर्जर बनाम राज्य सरकार और अन्य मामले में उच्च न्यायालय की पीठ द्वारा पारित निर्णय में सौम्या गुर्जर का नगर निगम जयपुर ग्रेटर के महापौर पद से हटाये जाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 27 सितम्बर को जारी आदेश को निरस्त कर दिया है.

उन्होंने अपने आदेश में आगे कहा कि चूंकि अभी तक उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश की प्रति ना तो उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड हुई और ना ही उक्त आदेश की प्रति उच्च न्यायालय से प्राप्त हुई है. इसलिये मामले में नगर निगम जयपुर ग्रेटर के महापौर पद पर करवाए जा रहे उपचुनाव की प्रक्रिया को तुरंत रोक दिया जाये. मामले में उच्च न्यायालय के ओदश की प्रति आयोग को प्राप्त होने पर आगामी निर्णय लिया जायेगा.

इधर राजस्थान उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने गुरुवार को जयपुर नगर निगम ग्रेटर की पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर के अयोग्यता के सरकार के आदेश को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि महापौर का पद खाली नहीं है. न्यायिक जांच के बाद दोषी महापौर को सफाई देने का मौका नहीं दिया गया सौम्या छह साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने का आदेश नियमानुसार मुख्यमंत्री की मंजूरी के बिना पारित किया गया था.

क्या था मामला ??

जयपुर ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव के साथ दुर्व्यवहार और उन्हें आधिकारिक काम से रोकने के मामले में न्यायिक जांच में दोषी ठहराए जाने के बाद जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को 27 सितंबर में महापौर पद के लिये अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

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