24/09/2023
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अमरीकी प्रेसिडेंट बोले- पाकिस्तान के पास बिना किसी निगरानी के परमाणु हथियार हैं

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नवंबर में होने वाले संसद के मध्यावधि चुनाव के लिए आयोजित फ़ंड जुटाने के डेमोक्रेटिक पार्टी के एक कार्यक्रम में गुरुवार रात वर्तमान वैश्विक स्थिति पर खुलकर अपनी बात कही.

बाइडन के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद एक ओर जहां कई देशों में दक्षिणपंथी सरकारें आईं हैं, वहीं कई देशों के अमेरिका के साथ रिश्तों में तनाव है.

फ़ंड जुटाने के कार्यक्रम में राष्ट्रपति बाइडन ने दुनिया भर में लोकतंत्र के ख़तरे और बढ़ती निरंकुशता पर भी अपनी बात कही.

लॉस एंजिलिस में बोलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाइडन पाकिस्तान को निशाने पर लिया. बाइडन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे ख़तरनाक देशों में से एक बताया. बाइडन ने कहा, ”मुझे लगता है कि शायद पाकिस्तान दुनिया के सबसे ख़तरनाक देशों में से एक है. एक ग़ैर-ज़िम्मेदार देश के पास परमाणु हथियार है.”

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया है। उन्होंने शनिवार को कहा- मुझे लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है पाकिस्तान। उनके पास बिना किसी निगरानी के परमाणु हथियार हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के पास 160 परमाणु बम होने का अनुमान है।

बाइडेन चीन और रूस के संबंध में अमेरिकी विदेश नीति के बारे में चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा- जिनपिंग एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिसे लगता है कि उनके पास बहुत सारी समस्याएं हैं। हम (अमेरिका) इसे कैसे संभालते हैं। रूस में जो हो रहा है उससे हम कैसे निपटेंगे…मुझे लगता है कि शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक पाकिस्तान है।

पाकिस्तान को मदद देता है अमेरिका

अमेरिका ने 8 सितंबर को पाकिस्तान को F-16 फाइटर जेट के रखरखाव के लिए 45 करोड़ डॉलर, यानी 3,581 करोड़ देने की मंजूरी दी थी। ये पिछले चार साल में इस्लामाबाद को दी जाने वाली सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता थी। बावजूद इसके बाइडेन का पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देश बताने वाला बयान सामने आया है।

परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर क्या है पाक की नीति?

पाकिस्तान की ‘नो फर्स्ट यूज’ परमाणु नीति नहीं है। यह केवल पाकिस्तान के हाई कमान पर निर्भर करता है कि उन्हें कब और किस स्थिति में परमाणु हमला करना है। 1999 में पाक विदेश मंत्री ने ‘नो फर्स्ट यूज’ वाली परमाणु पॉलिसी को नकारते हुए कहा था, ‘हम अपने देश की सुरक्षा की दिशा में हर जरूरी हथियार का इस्तेमाल कभी भी कर सकते हैं।’

वहीं, भारत ने साल 1999 में अपनी ‘नो फर्स्ट यूज’ की परमाणु नीति घोषित की थी। इसके मुताबिक भारत कभी भी परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेगा। भारत केवल परमाणु हमला होने की स्थिति में ही अपने परमाणु हथियारों का सहारा लेगा।

पाक के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं

स्वीडन के थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने (सिपरी रिपोर्ट 2020) की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार हैं। मौजूदा वक्त में चीन के पास 320 और पाकिस्तान के पास 160 परमाणु हथियार हैं। भारत के पास 150 परमाणु हथियार हैं।

बाइडन ने और क्या-क्या कहा

बाइडन ने कहा, ”दुनिया बदल रही है. बहुत तेज़ी से बदल रही है. यह स्थिति नियंत्रण से बाहर की है. ऐसा किसी एक व्यक्ति और एक देश की वजह से नहीं है. आप अमेरिकी देशों के संगठनों को देखिए कि यहां क्या हो रहा है. नेटो के लिहाज़ से भी देखें तो पता चलता है कि क्या घटित हो रहा है. हर कोई अपनी दुनिया में अपनी जगह को लेकर फिर से सोच रहा है. हर कोई अपनी साझेदारी और सहयोग को लेकर फिर से सोच रहा है.”

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ”अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखने के लिए बहुत कुछ है. एक साथ कई चीज़ें हो रही हैं. हम उस स्थिति में हैं, जहाँ तकनीक ने चीज़ों में भयावह तब्दीली लाई है. दुनिया भर की राजनीति में व्यापक बदलाव आया है. लोगों तक सच्चाई कैसे पहुँच रही है?”

“लोग फ़ैक्ट और फ़िक्शन में कैसे फ़र्क़ कर पा रहे हैं. कई चीज़ें एक साथ चल रही हैं. हम इन सबके बीच में हैं. दुनिया हमलोग की तरफ़ देख रही है. यहाँ तक कि दुश्मन भी हमलोग की ओर देख रहे हैं कि इनका सामना हम कैसे करते हैं.”

जयशंकर ने पाकिस्तान को किस ‘आईटी’ का एक्सपर्ट बताया

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को पाकिस्तान को इशारों-इशारों में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का माहिर क़रार दिया. उन्होंने पड़ोसी देश के ‘आईटी’ की तुलना भारत की ‘आईटी’ की तुलना करते हुए ये बात कही.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, गुजरात में वडोदरा के एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा, ”हमारा एक पड़ोसी है. जिस तरह से हम आईटी यानी इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट हैं वे इंटरनेशनल टेररिस्ट्स के एक्सपर्ट हैं.”

जयशंकर ने कहा, ”आतंकवाद कोई राजनीति या कूटनीति नहीं है. आतंकवाद तो आतंकवाद है. आज दुनिया पहले की तुलना में इसे ज़्यादा अच्छी तरह समझ रही है. हम दुनिया को ये समझाते रहे हैं कि आतंकवाद जो आज हमारे साथ हो रहा है वो कल आपके साथ होगा. अब दुनिया इसे बर्दाश्त नहीं करती. जो देश आतंकवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं वो आज दबाव में हैं”

जयशंकर ने कहा, ”भारत के ख़िलाफ़ आतंकवाद वर्षों से चला आ रहा है. लेकिन हम दुनिया को इस बारे में सफलतापूर्वक समझा चुके हैं. हमारा मानना है कि ये आज हमारे साथ हो रहा है कल आपके साथ होगा. ”

अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों पर भी सवाल

जयशंकर ने हाल में संयुक्त राष्ट्र महासभा और कई दूसरे मंचों पर भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर बयान दिए थे. वॉशिंगटन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि आतंकवाद से न तो पाकिस्तान को फ़ायदा पहुंचा है और न ही यह अमेरिका के हित में है.

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