हमीरपुर /
राज्यों में स्थित बैंकों के माध्यम से पेंशन प्राप्त करने वाले हिमाचल प्रदेश सरकार के पेेंशनभोगियों को अपना वार्षिक जीवन प्रमाण पत्र कोष कार्यालय में जमा करवाना आवश्यक है।
जिला कोषाधिकारी राजेंद्र कुमार ने बताया कि आधार संख्या को ई-पेंशन सिस्टम और जीवन प्रमाण पत्र से जोड़ा गया है। इसलिए पेंशनभोगी खुद को जीवन प्रमाण वेबसाइट के माध्यम से भी प्रमाणित कर सकते हैं और जीवन प्रमाण पत्र को जनरेट करके इसकी प्रति संबंधित कोष कार्यालय को प्रेषित कर सकते हैं। इसी प्रकार हिमाचल सरकार के पेंशनभोगी जो प्रदेश से बाहर रह रहे हैं या राज्य से बाहर स्थित बैंकों से पेंशन ले रहे हैं, उन्हें अपना जीवन प्रमाण पत्र उस राज्य या केंद्र सरकार के राजपत्रित अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित एवं सत्यापित किए गए वर्तमान प्रारूप में बैंक के माध्यम से प्रस्तुत किया जाना है।
जिला कोषाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने अब आधार संख्या आधारित बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से पेंशनरों के ऑनलाइन सत्यापन के लिए जीवन प्रमाण लागू किया है। अत: ऐसे पेंशनभोगी भी जीवन प्रमाण वेबसाइट के माध्यम से बने जीवन प्रमाण पत्र संबंधित कोष कार्यालय में भेज सकते हैं और पेंशनरों को सत्यापन के लिए कोष कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं होगी।
जिला कोषाधिकारी ने सभी पेंशनभोगियों से आग्रह किया है कि वे वैश्विक कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए जीवन प्रमाण वेबसाइट (जीवनप्रमाण डॉट जीओवी डॉट इन) के माध्यम से बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण आधारित डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र का उपयोग करें। इससे उन्हें कोष कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। पेंशनभोगियों को अपने जीवन प्रमाण पत्र की हार्ड कॉपी या प्रिंटेड कॉपी डाक के माध्यम से संबंधित कोष कार्यालय को भेजना अनिवार्य है।