राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट के बीच लड़ाई में गहलोत गुट अब भारी पड़ता दिख रहा है। 25 सितंबर को पायलट को CM बनाने की बात पर बगावत के मुख्य किरदार माने गए गहलोत गुट के मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और उनके नजदीकी धर्मेंद्र राठौड़ को आलाकमान ने क्लीन चिट दे दी है। गौरतलब है कि खुद सचिन पायलट ने तीनों नेताओं पर कार्रवाई करने की खुलकर मांग की थी।
पायलट-गहलोत गुट में सुलह के दिखावे के बीच पिछले दिनों पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में कांग्रेस अनुशासन कमेटी (DAC) की फुल बैंच की बैठक हुई थी। इसमें सचिव तारीक अनवर, मेंबर अंबिका सोनी व जीआर राजू भी थे।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, बगावत के बाद आलाकमान की ओर से भेजे गए नोटिस पर तीनों ने बिना शर्त माफी मांगी थी। बैठक में तीनों के जवाब पेश किए गए। बैठक में कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई, लेकिन माफीनामे पर आलाकमान मान गया। भास्कर के पूछने पर तारीक अनवर ने कहा- DAC की बैठक हुई थी। अब यह मामला ठंडा पड़ चुका है।
सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने तीनों नेताओं के माफीनामे तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजकर पूछा कि मामले में क्या कार्रवाई की जाए। सोनिया के दफ्तर से जवाब नहीं आया। ऐसे में मान लिया गया कि तीनों नेताओं को आलाकमान का अभयदान मिल गया है। यही वजह रही कि धारीवाल और राठौड़ राहुल की यात्रा में न सिर्फ नजर आए बल्कि उनके साथ पैदल भी चले। मुख्य भूमिका में भी दिखाई दिए।
बता दें कि इससे पहले पूरी बगावत को लेकर खुद CM अशोक गहलोत तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर माफी मांग चुके हैं। इधर, भारत जोड़ो यात्रा कोटा पहुंची तो धारीवाल राहुल के सामने शक्ति प्रदर्शन से नहीं चूके। राठौड़ को अलवर में राहुल की सत्कार कमेटी में लगाया गया है। मंगलवार को ही वे सरदारशहर के नवनिर्वाचित विधायक अनिल शर्मा के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले।
तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने गहलोत खेमे पर कार्रवाई न होने व धारीवाल-राठौड़ को यात्रा का जिम्मा दिए जाने से नाराज होकर ही पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन आलाकमान ने कार्रवाई नहीं की। खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद सचिन पायलट ने इन तीनों नेताओं पर कार्रवाई की पैरवी करते हुए कहा था कि सबके लिए एक जैसा नियम और अनुशासन है, नोटिस पर जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं हो सकता कि अनुशासन माना गया हो और उस पर निर्णय नहीं लिया जाए।
भास्कर से बोले धारीवाल- आलाकमान हमारे जवाब से संतुष्ट है
बगावत के बाद ‘कौन आलाकमान-कैसा आलाकमान’ कहने वाले और नोटिस के बावजूद यात्रा में खुलकर शक्ति प्रदर्शन करने वाले UDH मंत्री शांति धारीवाल की कोटा एडिटर सर्वेश शर्मा से एक्सक्लूसिव बातचीत।
Q. आपको नोटिस मिला है। कार्रवाई लंबित है। क्या क्लीन चिट मानते हैं?
– हमें ताे क्लीन चिट के लिए नहीं कहा है, पर काेई कार्रवाई भी नहीं हाे रही है। मैं ताे यह समझता हूं कि अब मामला खत्म हाे चुका है। हमने जवाब दे दिया है, वे संतुष्ट हैं। इसलिए काेई कार्रवाई नहीं की जा रही।
Q. तब आपने कहा था कि कौन आलाकमान, कैसा आलाकमान?
– वे सब अब पुरानी बातें हो गईं हैं। उन्हें छोड़ दीजिए। मैं यह मानकर चलता हूं कि हम सब एक हैं। काेई मतभेद नहीं है। ये ताे कुछ छुटभैये नेता हैं, जिनके अपने स्वार्थ टकरा रहे हैं। अब सब बातें खत्म हाे गई हैं।
Q. पायलट समर्थकों का आरोप है कि आपने कोटा में यात्रा मार्ग से पायलट समर्थकों के पोस्टर हटवा दिए, केवल अपने व गहलोत के लगने दिए?
– गलत है, बिल्कुल झूठी बात है। सभी के पोस्टर लगे हुए थे। नगर निगम में यह कानून है कि निगम व UIT के बिजली पोल पर काेई पोस्टर लगाते हाे ताे उसकी परमिशन लेना जरूरी है। कुछ ने बिना परमिशन के पोस्टर लगा दिए थे। जिला कांग्रेस कमेटी ने लिखित में परमिशन ले रखी थी। मुझे जब इस बात का पता चला ताे मैंने पोस्टर हटाने के लिए मना किया कि जाे लग गए हैं, उन्हें लगे रहने दाे।
Q. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कोटा के सफर काे आप कैसे देखते हैं?
– भाजपा ने करोड़ों रुपए खर्च करके राहुल गांधी की जाे इमेज बनाई थी, वो जनता के सामने साफ हाे गई। जनता ने जिस प्रकार का वेलकम किया है, मैंने ताे अपने 50 साल की राजनीति में इससे पहले कोटा में ताे ऐसा नहीं देखा।
Q. राहुल ने राजस्थान के घटनाक्रम काे लेकर आपसे काेई चर्चा की? क्या कोटा में कांग्रेस प्रदेश सचिव राखी गौतम से फीडबैक लिया?
– राजनीति काे लेकर उन्होंने मुझसे काेई चर्चा नहीं की। काेई अगर यह बात कहता है कि उससे राजस्थान के घटनाक्रम अथवा राजनीतिक चर्चा की है ताे गलत है। उनका पूरा ध्यान भारत जोड़ो यात्रा पर था, वो उसी की बात करना और सुनना चाहते थे। किसी ने कोशिश भी की ताे उन्होंने नकार दिया। किसी से काेई फीडबैक नहीं लिया गया।
Q. दिग्विजय सिंह ने कोटा की ब्रांडिंग करने की सलाह दी है, ये कैसे करेंगे?
– इसकी प्लानिंग कर रहे हैं। एक बार रिवर फ्रंट बनकर तैयार हाे जाए, उसके बाद इसे नेशनल-इंटरनेशनल स्तर पर कोटा की ब्रांडिंग की जाएगी।
इस सियासी बगावत के बाद 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के लिए ऑब्जर्वर बनकर आए मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने हाईकमान को पूरी रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट के आधार पर महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौड़ और शांति धारीवाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सचिन पायलट के खिलाफ हुई बगावत पर सोनिया गांधी से मिलकर माफी मांगी थी।
गहलोत ने दिए थे संकेत
पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने में कुछ दिन बाकि थे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहकर सियासी खलबली मचा दी थी। इसके बाद राहुल गांधी ने पायलट और गहलोत दोनों को पार्टी के एसेट बताकर सुलह के संकेत दिए थे। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के जयपुर दौरे पर दोनों के बीच सुलह भी करवाई गई थी। इसके बाद खुद गहलोत ने यह कहते हुए तीनों नेताओं को माफी के संकेत दिए थे कि जब पायलट-गहलोत एसेट हैं, तो उनके समर्थक भी पार्टी के एसेट हैं।