
बदमाशों ने देवा गुर्जर से 10 लाख रुपए की भी डिमांड की थी। रावतभाटा प्लांट में ठेका नहीं लेने और जान से मारने की धमकी मिली थी। देवा गुर्जर ने कोटा शहर जिला पुलिस के यहां आरके पुरम थाने में 26 मार्च को बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और बदमाशों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। देवा गुर्जर ने रिपोर्ट में उसे धमकाने वाले बदमाशों के नाम लिखे थे। देवा ने आरकेपुरम थाने में दी रिपोर्ट में बताया था सावरा गुर्जर, भैरु गुर्जर, कालू गुर्जर, रमेश गुर्जर, बंशीलाल बंजारा और चैनसिंह ने उसे धमकाया था कि रावतभाटा प्लांट में वह ठेका नहीं लेगा। ठेका नहीं लेनेकी धमकी के साथ जान से मारने की भी धमकी बदमाशों ने उसे दी थी।
देवा ने 26 मार्च को पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया था कि भैरू गुर्जर हत्या का अपराधी रह चुका है। देवा गुर्जर ने पुलिस को यह भी बताया था कि मेरे को जान माल का खतरा है ऐसे में पुलिस उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। देवा गुर्जर ने पुलिस को दी रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि वह रावतभाटा प्लांट में लेबर सप्लाई कंस्ट्रक्शन का काम करता है। बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट देवा गुर्जर ने कोटा शहर जिला पुलिस के आरकेपुरम थाना प्रभारी के नाम दी थी। और इसी दिन एएसआई सुरेश को मामले की जांच कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी जारी किए गए थे। देवा ने पुलिस को दी रिपोर्ट में अपनी उम्र 33 साल बताई थी।

देवा गुर्जर या देवा डॉन को बदमाशों ने हत्याक के 13 दिन पहले 23 मार्च को मोबाइल पर धमकी दी थी। उसे रावतभाटा प्लांट में ठेका नहीं लेने और जान से मारने की धमकी देकर धमकाया था। देवा ने बदमाशों के खिलाफ कोटा शहर के आरके पुरम थाने में हत्याकांड के 8 दिन पहले 26 मार्च को रिपोर्ट दी थी।
देवा गुर्जर की रिपोर्ट पर अगर पुलिस समय रहते बदमाशों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती, तो आज देवा गुर्जर की हत्या नहीं होती। देवा गुर्जर को 4 अप्रैल को रावतभाटा कस्बे के कोटा बैरियर चौराहे पर स्थित एक सैलून में सेविंग बनवाते समय बदमाशों ने उस पर धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर मौत के घाट उतारा था। और इसके बाद सोशल मीडिया पर देवा गुर्जर की हत्याकांड ट्रेंड हुआ। उसके बाद मामला गरमाया। हत्या के बाद बोराबास गांव में दिनभर कोटा रावतभाटा सड़क मार्ग जाम रहा। एक रोडवेज बस को देवा गुर्जर के चाहने वालों ने आग लगाकर फूंक दी थी। एक रोडवेज बस में तोड़फोड़ कर दी थी। कोटा एमबीएस अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान लाठीचार्ज और पथराव हुआ। ऐसे में राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 5 सदस्य एसआईटी टीम का गठन किया। जो पूरे मामले की अब जांच पड़ताल कर रही है। 9 बदमाशों को इस हत्याकांड के जुर्म में पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। जो पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं।