उत्तर प्रदेश में रविवार को विधानसभा चुनाव के थर्ड फेज का मतदान खत्म हो चुका है। इस बार करीब 60% वोटिंग हुई है। 2017 में इन्हीं 59 सीटों पर 62.21% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 2% कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 59 सीटों पर 59.79% वोटिंग हुई थी। 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में करीब 2.42% का इजाफा हुआ था।
पिछले 3 चुनावों में इन 59 सीटों का एनालिसिस करें तो पता चलता है कि जब-जब वोट प्रतिशत बढ़े तो उस समय के विपक्षी दलों को फायदा हुआ। 2012 में सपा को 37 और 2017 में भाजपा को यहां 41 सीटों का फायदा हुआ। इस बार इन 59 सीटों पर 2% वोटिंग घटी है।
2012 में सपा को इन 59 सीटों में 37 पर जीत मिली थी
- 2017 में भाजपा को इन 59 सीटों में से 49 पर जीत मिली थीं, जबकि 2012 में इन 59 सीटों में से उसे महज 8 सीटें मिली थीं। यानी उसे 41 सीटों का फायदा हुआ था।
- सपा को 2012 में इस इलाके में 37 सीटें मिली थीं। 2017 में महज 8 सीटें मिलीं। यानी 29 सीटों का नुकसान हुआ। 2017 में बसपा को 1 और कांग्रेस को एक सीट मिली। बसपा को 9 और कांग्रेस को 2 सीटों का नुकसान हुआ।
- 2012 में बसपा को यहां की 59 सीटों में से 10, कांग्रेस को 3 सीटों पर जीत मिली थी।
- बात 2007 चुनाव की…
2012 में करीब 10% वोटिंग में इजाफा हुआ तो बसपा को 18 सीटों का नुकसान हुआ
- 2007 में इन्हीं 59 सीटों पर करीब 50% वोटिंग हुई थी। तब भाजपा को 7 सीटें मिली थीं। सपा को 17 और बसपा को 28 सीटों पर जीत मिली थी। और बसपा की सरकार बनी थी।
- 2012 में इन्हीं 59 सीटों पर 59.79% वोटिंग हुई थी। इस बार वोटिंग में तकरीबन 10% का इजाफा हुआ। इसका फायदा मुख्य विपक्षी दल सपा को हुआ।
- सपा को यहां 59 में से 37 सीटों पर जीत मिली यानी 20 सीटों का फायदा हुआ। वहीं बसपा को 18 सीटों का नुकसान हुआ।