राजस्थान का ऐसा लोक नृत्य जिसकी धुन पर भारत जोड़ो यात्रा में आए लोग भी झूम उठे। साथ ही देसी वाद्य यंत्रों की धुनों पर खुद यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल भी अपने आप को नाचने से रोक नहीं पाए, वह लोक नृत्य है, कच्छी घोड़ी। इस लोक नृत्य को अंता के कलाकारों ने संजोकर रखा हुआ है। साथ ही राजस्थान का नाम पूरे देश में गौरवान्वित किए हुए है।
राजस्थान की परंपरागत वेशभूषा के साथ ही कलाकार लंबी मूंछें रखते है। कच्छी घोड़ी नृत्य करने वाले कलाकार राजस्थानी परंपरागत वेशभूषा पहनते हैं। सिर पर पगड़ी, कमरबंद, बाजूबंद के साथ ही हर कलाकार के घनी और लंबी मूंछें होती है, जो कि राजस्थान की लोक संस्कृति को दर्शाती है।
क्या है कच्छी घोड़ी नृत्य
कच्छी घोड़ी लोक नृत्य करने वाले ग्रुप लीडर गजानन मस्ताना ने बताया कि कच्छी घोड़ी नृत्य राजस्थान का लोक नृत्य है। इसमें एक घोड़ी की आकृति के साथ में कलाकार डांस करते है तथा राजस्थान के लोकगीतों के साथ ही परंपरागत वाद्य यंत्रों की धुनों पर यह डांस होता है, जो कि काफी आकर्षण का केंद्र होता है। राजस्थान के वाद्य यंत्र अलगोजा, ढोलक, दो ताल की धुनों पर यह डांस होता है।
कई शहरों में दे चुके हैं प्रस्तुति
अंता के कलाकारों ने अब तक दिल्ली, कुरुक्षेत्र, मुंबई, शिल्पग्राम, उदयपुर, सूरत, सिंगरौली, एमपी, हिमाचल, पटना, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, जयपुर में कच्छी घोड़ी नृत्य की प्रस्तुति दे चुके है।
भारत जोड़ो यात्रा में दी प्रस्तुति
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में राजस्थान की परंपरागत वेशभूषा में सज धज के कच्छी घोड़ी नृत्य करने वाले यह कलाकार लोगों के लिए काफी आकर्षक का केंद्र रहे। ये कलाकार भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए, जो कि कोटा तक शामिल रहे। इस दौरान इनके द्वारा लोक नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी।
15 साल से कर रहे नृत्य
कच्छी घोड़ी लोक नृत्य के टीम लीडर गजानन मस्ताना ने बताया कि वह लगभग 15 सालों से यह नृत्य कर रहे है। इस दौरान पूरी टीम होती है। जिसमें 10-12 लोग होते है। अभी राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उनके साथ में चेतराम रेगर, प्रसादी लाल बारां, मथुरा लाल रेगर कोटा, पृथ्वीराज मेघवाल अंता, किशन लाल मेघवाल अंता, मुकेश ऐरवाल कोटा, शंभू दयाल नायक अंता, राजकुमार एरवाल दीगोद मौजूद थे। साथ ही अन्य जगहों पर कलाकार जुड़ते घटे रहते है।
यूडीएच मिनिस्टर भी झूम उठे थे
इनके लोक नृत्य की धुन पर कोटा में आई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यूडीएच मिनिस्टर शांति कुमार धारीवाल भी कच्छी घोड़ी नृत्य की धुनों पर झूम उठे थे।