09/12/2023
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बारां: किसान महापंचायत ने SDM को सौंपा ज्ञापन, बोले- सरकार को कुर्सी और सत्ता की चिंता, मांगों को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे: 19 दिसंबर को गर्जना रैली; 42 बसों से जाएंगे जिले के ढाई हजार किसान

बारां में किसानों की समस्याओं को लेकर किसान महापंचायत की ओर से प्रत्येक तहसील स्तर पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसके तहत मंगलवार को अटरू उपखंड मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया। किसानों ने एसडीएम ऑफिस पहुंचकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। किसान महापंचायत के कार्यकर्ता पहले कृषि मंडी परिसर में एकत्रित हुए, जहां पर सभा हुई। इसके बाद किसानों ने एसडीएम ऑफिस पहुंचकर प्रदर्शन किया।

किसान महापंचायत के प्रदेश संयोजक सत्यनारायण सिंह ने कहा कि सरकारों को सत्ता और कुर्सी की चिंता है। किसानों की समस्याओं को हल करने के बजाए यात्राओं में व्यस्त है। यात्राओं और चुनावी रैलियों पर करोड़ों रुपए व्यर्थ खर्च कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। सभा में संकल्प लिया कि किसान चुनावी रैलियों और यात्राओं का बहिष्कार करेंगे। किसानों ने फसल खराबे का मुआवजा व बीमा क्लेम देने, दिन के समय सिंचाई के लिए बिजली देने, घोषणा के अनुरूप सभी बैंकों के कर्ज माफ करने, कृषि मंडी बारां में मुख्य गेट से सीधे प्रवेश देने, व्यापारियों की ओर से प्रति कट्टे पर 300 ग्राम अधिक जिंस तोलकर की जा रही लूट को बंद करने समेत अन्य समस्याओं को हल करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान तहसील अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, तहसील महामंत्री कमलेश नागर, युवा तहसील अध्यक्ष योगेश शर्मा, तहसील उपाध्यक्ष बाबूलाल मीाा, शोभाराम नागर, मोहनलाल सुमन, राकेश सुमन, पवन नागर, शिवराज पारलिया, दिनेश शर्मा, भंवरलाल, देवेंद्र सुमन, राजेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।

भारतीय किसान संघ की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 19 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान गर्जना रैली आयोजित होगी। रैली में देशभर के 550 जिलों से किसान दिल्ली में हुंकार भरेंगे। बारां जिले से भी 42 बसों से करीब ढाई हजार से अधिक किसान दिल्ली पहुंचेंगे। जिसमें 200 से अधिक महिलाएं भी रहेगी। यह जानकारी सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने दी। इस दौरान आंदोलन के पोस्टर का विमोचन भी किया। जिलाध्यक्ष अमृत छजावा ने बताया कि देशभर के किसान फसलों के लाभकारी मूल्य की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे। सरकारों के प्रयास किसान की दुर्दशा के मुकाबले नाकाफी हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कैलाश गंदोलिया ने बताया कि हम फसलों के लाभकारी मूल्य की बात करते है, लेकिन एमएसपी के खिलाफ नहीं है। एमएसपी फसल का लाभकारी मूल्य नहीं है। लाभकारी मूल्य मिले बिना किसान का भला नहीं हो सकता है। प्रांतीय अध्यक्ष शंकरलाल नागर ने बताया कि जीएसटी की वजह से किसानों के उत्पादों की लागत बढ़ रही है।
30 हजार किसान दिल्ली पहुंचेंगे
किसान को जीएसटी की इनपुट क्रेडिट नहीं मिल रही है। नागर ने कहा कि संगठन के चित्तौड़ प्रांत के 12 जिलों से 30 हजार किसान दिल्ली पहुंचेंगे। संभाग अध्यक्ष विक्रम सिंह सिरोहिया ने बताया कि कोटा संभाग के कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ जिलों से करीब 15 हजार से अधिक किसान दिल्ली रामलीला मैदान पहुंचेंगे। जिला मंत्री भूपेंद्र शर्मा ने बताया कि गांवों में बैठकें कर पीले चांवल देकर, किराया जमा कर किसानों को परिचय पत्र बनाए जा रहे है। जिले में संगठन की 13 तहसीलें व एक नगर है। जिनमें 2 दर्जन टोलियां गांव-गांव जाकर जनसंपर्क कर रही है।
सूखी खाद्य सामग्री लेकर जाएंगे
संभाग प्रचार प्रमुख हेमराज यदुवंशी ने बताया कि किसान गर्जना रैली को लेकर व्यापक रणनीति तैयार की गई है। गांवों, कस्बों में रथ, रैलियां और जुलूस, बैनर, दीवार लेखन, पीले चावल देकर लोगों को लाभकारी मूल्य के बारे में जन जागरण किया जा रहा है। रैली में सभी किसान अपने खर्चे पर सूखी खाद्य सामग्री नमकीन, मठरी आदि साथ लेकर जाएंगे। प्रदेश महिला प्रमुख राममूर्ति मीणा ने बताया कि 200 से अधिक महिलाएं भी जाएंगी। उन्होंने पुराना बकाया फसल बीमा क्लेम व आपदा राहत राशि आदि साल भर गुजरने बाद भी किसानों को न मिलने की पीड़ा जाहिर की।
18 दिसंबर को श्रीराम स्टेडियम से होगी रवानगी
यात्रा, मार्ग, भोजन, आवास व वाहन व्यवस्था प्रमुख हेमराज यदुवंशी समेत जिला कोषाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण शर्मा, जिला उपाध्यक्ष बंशीलाल नागर व तोलाराम सुमन को नियुक्त किया है। जिन्होंने बताया कि जिले के लिए 42 बसें बुक करवाई गई हैं। जिनसे किसान 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे बारां स्थित श्रीराम स्टेडियम से दिल्ली रामलीला मैदान के लिए रवाना होंगे। इनमें से अंता, मांगरोल, सीसवाली क्षेत्र की 15 बसें सीधी वहीं से रवाना होगी। वापस लौटते समय जिले की सभी बसें गोवर्धन, वृंदावन, मथुरा होकर आएंगी।
ये हैं प्रमुख मांगंे: लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य तय कर लागू कर इसको मिलना सुनिश्चित किया जाए। सभी प्रकार के कृषि जिंसों पर जीएसटी समाप्त हो। किसान सम्मान निधि में पर्याप्त बढ़ोतरी की जाए। जीएम सरसों को अनुमति न दी जाए। नदी जोड़ो परियोजना को प्राथमिकता दी जाए। पूर्वी नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर शीघ्र क्रियान्विति सुनिश्चित हो। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का सरलीकरण हो और दो वर्ष से लंबित मुआवजा शीघ्र जारी हो।

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