बिजली, पानी, सड़कों की समस्याओं पर चर्चा के दौरान जिला कलेक्टर के चुप रहने पर BJP सांसद दुष्यंत सिंह गुस्सा गए। वह मर्यादा लांघ गए और कलेक्टर को ‘मंदबुद्धा’ कह दिया। वाकया बारां जिला परिषद की गुरुवार को हुई पहली साधारण सभा का है। बैठक भी हंगामे की भेंट चढ़ गई।
सांसद के इस रवैये पर कलेक्टर ने आपत्ति जताई। दूसरी ओर कांग्रेसियों ने भी सांसद को घेरने की कोशिश की। आखिर हंगामा इतना बढ़ गया कि सभा को बीच में ही समाप्त करना पड़ा।
बैठक में बारां-झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह, छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, बारां विधायक पानाचंद मेघवाल, किशनगंज विधायक निर्मला सहरिया सहित जिले के पंचायत समितियों के प्रधान, जिला परिषद सदस्य, जिला कलेक्टर नरेंद्र गुप्ता समेत जिलेभर के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बिजली, पानी, सड़कों को लेकर सदस्य बारी-बारी से अपनी बात कहते रहे।
ग्रामीण क्षेत्र में बिजली, पानी ना मिलने की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों को खरी-खोटी सुनाई। जिले में पेयजल की बढ़ती समस्या, बिजली कटौती से परेशान होते लोगों को लेकर भाजपा जनप्रतिनिधियों ने हंगामा किया।
बार-बार जनसमस्याओं की बातों पर जिला कलेक्टर के चुप रहने पर सांसद दुष्यंत सिंह बिफर गए। उन्होंने भरी सभा में कहा कि ‘जिला कलेक्टर महोदय ‘मनबुद्धा’ की तरह बैठे हैं’। इस पर कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा किया।
सांसद का तर्क- सभा में लोग कुछ और समझ बैठे
सांसद दुष्यंत सिंह ने कहा कि जिले के अधिकारी जिस तरह से जन समस्याओं पर मौन हैं, उसको लेकर जिला कलेक्टर को मौन रहने वाले भगवान बुद्धा की संज्ञा दी थी। सभा में लोग इसे कुछ और समझ बैठे। इस मामले में कांग्रेस विधायक पानाचंद और जिला प्रमुख उर्मिला जैन ने कहा कि चार बार सांसद रहने के बावजूद अधिकारियों से इस तरह की भाषा से बोलना गलत है। इस तरह की भाषा का प्रयोग अशोभनीय है।