भोपाल का कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार मलिक राजस्थान में एक गैंगवार में मारा गया. मछली के ठेके को लेकर राजस्थान के झालावाड़ में उसका दूसरी गैंग से सामना हो गया. झड़प के बाद दोनों गैंग के बीच गोली चल गई. गोली लगने से मुख्तार गंभीर रूप से घायल हो गया और जंगलों में जा छिपा. पुलिस को मुख्तार के बारे में मुखबिरों से सूचना मिली. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुख्तार को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्तार के खिलाफ 58 से अधिक संगीन अपराध दर्ज हैं.
भोपाल का खतरनाक गैंगस्टर मुख्तार मलिक राजस्थान के झालावाड़ में एक गैंगवार में मारा गया. मंगलवार-बुधवार की रात में हुई इस गैंगवार में मुख्तार को गोली लग गई. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस को इसकी सूचना मिली कि मुख्तार मलिक नदी से करीब एक किलोमीटर दूर जंगल में घायल अवस्था में पड़ा है. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुख्तार को अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्तार के खिलाफ 58 संगीन अपराध दर्ज हैं. 61 साल के मुख्तार की 40 साल की जुर्म की दुनिया का दर्दनाक अंत हो गया.
शुक्रवार को मुख्तार का शव भोपाल के कोहेफिजा में प्राइड हाईट्स स्थित घर लाया गया. मृतक गैंगस्टर मुख्तार मलिक बीते दिनों से झालावाड़ जिले में भीमसागर बांध के कैचमेंट क्षेत्र और कालीसिंध बांध में मछली का ठेकेदार बना था. ठेके के दौरान ही दूसरे गुट बंटी गुर्जर से 2 दिन पहले झड़प हुई थी. इस झड़प में फायरिंग भी देखने को मिली थी. सात ही फायरिंग और पथराव के दौरान मुख्तार मलिक अपने साथी विक्की के साथ लापता हो गया था. वहीं फायरिंग व नाव पलट जाने से एक अन्य युवक कमल सिंह की इस झड़प में मौत हो गई थी. इसके बाद से मुख्तार से लापता था. वह घायल अवस्था में कांसखेड़ली के जंगलों में छिपा था. समय पर इलाज नहीं मिलने से मुख्तार की मौत हो गई.
मुख्यमंत्री को दी थी धमकी
बता दें कि भोपाल का गैंगस्टर मुख्तार कुख्यात अपराधी था. 21 साल की उम्र से ही मुख्तार ने जुर्म का रास्ता चुन लिया था. भोपाल के विभिन्न थानों में मुख्तार के खिलाफ 58 गंभीर अपराध दर्ज हैं. साल 1982 में पहली बार वह ज्यादती के आरोपी में गिरफ्तार हुआ था. इसके बाद से वह लगातार जुर्म के रास्ते पर चल रहा था. मुख्तार ने 1990 में मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को भी धमकाया था. इसके बाद वह चर्चा में आ गया था. भोपाल की जिला अदालत में मुन्ने पेंटर गैंग के बीच हुए गैंगवार में मुख्तार को 2006-07 में हाईकोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन मुख्तार ने सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर अर्जी लगाई और वहां से वरी हो गया. मुख्तार के खिलाफ हत्या के प्रयास, ज्यादती, अपहरण और अड़ीबाजी समेत 58 गंभीर मामले दर्ज हैं.